भारत में कोरोना की दूसरी लहर रोजाना सैकड़ों लोगों की जान ले रही है। हजारों लोग रोजाना कोरोना महामारी से संक्रमित हो रहे हैं। अस्पतालों में बिस्तर भरे हुए हैं और जरूरतमंद लोगों को समय पर इजाल नहीं मिल पा रहा है। बीमारी की भयावहता को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन है, इसके बावजूद अपनी सुरक्षा के लिए लोग मास्क तक नहीं लगा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर चिंता जताई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार, ‘‘देश में 50 प्रतिशत लोग अभी भी मास्क नहीं लगा रहे हैं। जो मास्क लगा भी रहे हैं, उनमें 64 प्रतिशत ऐसे हैं, जो ठीक से नाक भी नहीं ढक रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि अब तक की स्थिति के अनुसार, 9 राज्यों में 50,000 से 1,00,000 लाख कोविड-19 से संक्रमित हैं, जबकि 19 राज्यों में मरीजों की संख्या 50,000 से कम है। कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पॉजिटिव मामलों की संख्या 25 प्रतिशत से अधिक होन चिंताजनक है।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर उन्होंने कहा, ‘‘यदि एक भी व्यक्ति शारीरिक दूरी का पालन नहीं करता है तो वह अकेले एक माह में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए शारीरिक दूरी के साथ मास्क का सही ढंग से प्रयोग करना भी जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है या संक्रमित नहीं भी है और वह मास्क नहीं पहनता है तो बीमारी के फैलने की संभावना 90 प्रतिशत होती है1 लेकिन यदि ऐसे दोनों ही व्यक्ति शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ मास्क लगाते हैं तो संक्रमण फैलने की संभावना नहीं के बराबर होती है।’’
कैसे-कैसे लोग
यह सर्वेक्षण 25 शहरों में 2000 लोगों पर किया गया। इसमें पता चला कि 50 प्रतिशत लोग मास्क लगाते ही नहीं, जबकि 64 प्रतिशत लोग मास्क का प्रयोग तो करते हैं, लेकिन नाक नहीं ढकते। वहीं, 20 प्रतिशत लोग ठुड्डी पर मास्क लगा कर रखते हैं और 2 प्रतिशत तो गले में मास्क लगाते हैं। केवल 14 प्रतिशत लोग ही सही तरीके से मास्क लगाते हैं और अपने मुंह, नाक, ठुड्डी को ढक कर रखते हैं। इनके मास्क में नाक के ऊपर क्लिप भी लगी होती है, जो उन्हें वायरस से सुरक्षा प्रदान करती है।
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