अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 19 प्रोफेसर सहित 75 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार इनमें से ज्यादातर ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया था। कहा जा रहा है कि टीका के संबंध में अफवाह गर्म रहने के कारण इन लोगों ने टीका लगवाने में रुचि नहीं दिखाई थी
एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में 75 लोगों की जान गई है। इनमें 19 प्रोफेसर हैं। बाकी गैर—शिक्षकेतर कर्मचारी और उनके परिजन हैं। एक ही संस्थान में इतने लोगों की जान जाने से कई तरह की बातें की जा रही हैं। एक बात यह कही जा रही है कि कुछ दिन पहले एएमयू और उसके आसपास में तीन तरह की अफवाहें फैली थीं। इनमें एक थी कि कोरोना का टीका लेने से लोग मर रहे हैं। दूसरी थी कि कोरोना का टीका लेने से लोग नपुंसक हो जाते हैं। और तीसरी अफवाह थी कि टीके से संक्रमण फैलता है।
इन अफवाहों की पुष्टि अलीगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भानु प्रताप सिंह कल्याणी ने भी की है। इस अफवाह को इस बात से भी बल मिल रहा है कि एएमयू के जितने प्रोफेसर कोरोना से मरे हैं, उनमें से किसी ने टीका नहीं लगवाया था।
कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि अलीगढ़ में यह भी अफवाह फैलाई गई कि टीका हलाल नहीं है और इसलिए अनके मुसलमानों ने इसे लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
इसलिए यह सवाल उठ रहा है कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अन्य कर्मचारी भी अफवाह के चक्कर में पड़ गए थे! हालांकि अब यहां के लोग टीका लगवा रहे हैं। काश, ये लोग यह काम पहले करते तो शायद 75 लोगों की जान न जाती।
—वेब डेस्क
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