पाकिस्तान के एक बड़बोले सांसद मौलाना चित्राली ने कहा है कि यदि हम फिलिस्तीन और कश्मीर को आजाद न करा सके, तो इतनी बड़ी फौज और परमाणु हथियार रखने का कोई फायदा नहीं है।
इन दिनों इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से पाकिस्तान में जबर्दस्त हलचल है। आएदिन लोग पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में इजरायल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह फिलिस्तीन की मदद करने के लिए कुछ भी करे। इसके साथ ही वहां के नेता भी खुलेआम कह रहे हैं कि फिलिस्तीन और कश्मीर को आजाद कराने के लिए जिहाद के अलावा और रास्ता नहीं बचा है और इस जिहाद में परमाणु हमले की मांग की जा रही है। गत 19 मई को पाकिस्तानी संसद के सदस्य मौलाना चित्राली ने संसद के अंदर मांग की कि अब पाकिस्तान को इजरायल पर परमाणु हमला कर देना चाहिए। इस बड़बोले सांसद ने यह भी कहा, ”पाकिस्तान के परमाणु हथियार बच्चों के खिलौने नहीं हैं कि इन्हें सहेज कर किसी अजायबघर में रखे जाएं, बल्कि जिहाद के लिए इनका इस्तेमाल करना चाहिए।”
दरअसल, पाकिस्तान इस युद्ध के बहाने इस्लामी देशों का ‘चौधरी’ बनना चाहता है। इसलिए उसके नेता दुनिया के इस्लामी देशों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पाकिस्तान ही इस्लामी दुनिया की रक्षा करने में समर्थ है, क्योंकि उसके पास परमाणु बम हैं।
इन सबके बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीन के लिए दवाई और अन्य वस्तुएं भेजने का निर्णय लिया है। वहीं इमरान ने तुर्की के साथ मिलकर इजरायल पर दबाव डालने का प्रयास शुरू कर दिया है। इसी के तहत पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 19 मई को ही तुर्की गए और उन्होंने वहां के राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात कर इजरायल—फिलिस्तीन संघर्ष पर चर्चा की है। पाकिस्तान की ‘चौधरी’ बनने की मंशा शायद ही कभी पूरी हो, क्योंकि ज्यादातर इस्लामी देश सउदी अरब के प्रभाव में हैं। वह जैसा चाहता है, वैसा इस्लामी देश करते हैं। इसके साथ ही तुर्की और सउदी अरब के बीच रिश्ते कभी ठीक नही रहे हैं। इसलिए इजरायल—फिलिस्तीन संघर्ष पर तुर्की और पाकिस्तान के बहुत प्रयास करने के बाद भी सउदी अरब पूरी तरह फिलिस्तीन के साथ खड़ा नहीं हो रहा है।
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