कोविड-19 प्रबंधन को लेकर प्रधानमंत्री ने आज पहले देशभर के डॉक्टरों के साथ विडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत कर महामारी से निपटने में उनके और स्वाथ्यकर्मियों के योगदान को सराहा। इसके बाद उन्होंने दस राज्यों के जिलाधिकारियों से भी संवाद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशभर के जिलाधिकारियों से सीधा संवाद किया। कोरोना महामारी पर जिलाधिकारियों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण ही एकमात्र सशक्त हथियार है। उन्होंने कहा, जब आपका जिला जीतता है तो देश जीतता है। साथ ही, जिलाधिकारियों से कालाबारियों की नकेल कसने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा।
प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि हर जिले की अलग-अलग चुनौतियां हैं। आप लोग अपने जिले की चुनौतियों को अच्छी तरह समझते हैं। यदि आपको लगता है कि नीति में सुधार की जरूरत है तो नि:संकोच अपनी राय साझा करें। हमें ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने स्थानीय स्तर पर कन्टेनमेंट जोन बनाने, अधिक से अधिक जांच करने और लोगों तक सही और पूरी जानकारी पहुंचाने पर जोर दिया। साथ ही, कहा कि वैक्सीन को लेकर जो भ्रम है उसे मिलकर दूर करने का प्रयास करना होगा। बता दें कि कोविड-19 प्रबंधन को लेकर हुई इस बैठक में कर्नाटक, बिहार, असम, चंडीगढ़, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के अधिकारियों ने भाग लिया।
देशभर के डॉक्टरों से बातचीत
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने कोविड के हालात पर चर्चा करने के लिए देशभर के डॉक्टरों के समूह के साथ बातचीत की। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर की असाधारण परिस्थितियों के खिलाफ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के अनुकरणीय संघर्ष के लिए उनका आभार जताते हुए कहा कि अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के साथ टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की रणनीति से दूसरी लहर में भरपूर लाभ मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे परीक्षण हो, दवाओं की आपूर्ति करना हो या रिकॉर्ड समय में नए बुनियादी ढांचे की स्थापना हो, सब कुछ तेजी से किया जा रहा है। ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति में आने वाली कई चुनौतियों को दूर किया जा रहा है। इसलिए डॉक्टरों को भी ऑक्सीजन ऑडिट को अपने दैनिक प्रयासों में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जैसे- कोविड उपचार में एमबीबीएस छात्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करना।
टेलीमेडिसीन ने निभाई बड़ी भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए टेलीमेडिसिन ने बड़ी भूमिका निभाई है और इस सेवा का ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार करने की जरूरत है। उन्होंने उन डॉक्टरों की सराहना की, जो टीम बना रहे हैं और गांवों में टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने सभी राज्यों के डॉक्टरों से ऐसी टीम बनाने, एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों और एमबीबीएस इंटर्न को प्रशिक्षित करने और देश की सभी तहसीलों व जिलों में टेलीमेडिसिन सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की अपील की। उन्होंने शारीरिक देखभाल के साथ-साथ मानसिक देखभाल को भी जरूरी बताया। म्यूकोरमिकोसिस की चुनौती पर चर्चा करते हुए कहा कि इस दिशा में डॉक्टरों को सक्रिय कदम उठाने के साथ जागरुकता के लिए अतिरिक्त प्रयास करना होगा। इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), स्वास्थ्य सचिव, औषधि सचिव और पीएमओ, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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