गुजरात के वडोदरा में इन दिनों संघ विचार परिवार के कार्यकर्ता कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिए अनेक कार्य कर रहे हैं। मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराने से लेकर उनके खाने, रहने, पहनने आदि तक की चिंता स्वयंसेवक कर रहे हैं
इस समय वडोदरा के निवासी भी कोरोना से प्रभावित हैं। लोगों को हो रही असुविधाओं को देखते हुए वडोदरा भाजपा के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा भारती के स्वयंसेवकों के सहयोग से अनेक सेवा कार्य शुरू किए हैं। ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण कराएं, इसके लिए कार्यकर्ता 36 टीकाकरण केंद्र चला रहे हैं। इसमें कार्यकर्ता बुजुर्ग लोगों को टीकाकरण केद्र तक आने में मदद कर रहे हैं। टीकाकरण के लिए उनका पंजीकरण भी अपने स्तर से कर रहे हैं और टीका लगने के बाद उन्हें उनके घर तक छोड़ रह रहे हैं। दूसरी सेवा भोजन से जुड़ी है। जो कोरोना मरीज अपने घर पर रहकर इलाज करा रहे हैं, उनके लिए ये कार्यकर्ता खाना तैयार कर उन तक पहुंचा रहे हैं। वडोदरा के पूर्व महापौर सुनील सोलंकी ने बताया कि अब तक वडोदरा के अलग—अलग हिस्सों में रहने वाले लगभग 2,500 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। उन्होंने यह भी बताया कि वडोदरा में कार्यकर्ता तीन स्थानों पर भोजन तैयार करते हैं और जहां से भी मांग होती है, वहां तक कार्यकर्ता खाना पहुंचा देते हैं। इसके साथ ही अस्पतालों में भर्ती रोगियों के परिजनों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों के लिए भी ये कार्यकर्ता चाय—पानी की व्यवस्था करते हैं।
एक मोबाइल टेली-मेडिसिन एप भी शुरू किया गया है। इसमें वडोदरा के अनेक चिकित्सकों के नाम और संपर्क नंबर हैं। कोई भी व्यक्ति इस एप के जरिए किसी भी डॉक्टर से संपर्क कर अपनी स्वास्थ्य समस्या बताता है। इसके बाद डॉक्टर संबंधित दवाई और अन्य चीजों को लिखकर उस मरीज को भेज देता है। इस प्रकार लोगों को अस्पताल नहीं जाना पड़ता है और वे घर पर रहते हुए महामारी को परास्त कर पा रहे हैं। कार्यकर्ता ऐसे मरीजों की भी चिंता कर रहे हैं, जो सक्षम न होते हुए भी मजबूरीवश किसी निजी अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं और वहां का खर्च वहन नहीं कर पाते हैं। इसके लिए कार्यकर्ताओं की एक टोली संबंधित निजी अस्पताल से बात करते हैं और उस मरीज को विशेष छूट मिल जाती है।
अस्पतालों या अन्य स्थानों पर रहने वाले रोगियों और उनके घर वालों के बीच बात कराने के लिए कार्यकर्ताओं ने ‘नमो हेल्प डेस्क’ शुरू किया है। हर मरीज को उनके घर वालों के साथ वीडियो कॉल के जरिए बात कराई जाती है। इससे उनमें एक नया जोश पैदा होता है और इसके सहारे वे बीमारी से जल्दी ठीक हो जाते हैं। वडोदरा शहर में ये कार्यकर्ता 12 एम्बुलेंस भी चला रहे हैं। इनके जरिए रोगियों को घर से अस्पताल या अस्पताल से घर लाया जाता है। कुछ एम्बुलेंस शवों को श्मशान घाट तक भी पहुंचा रही हैं।
इस सेवा यज्ञ में सबसे बड़ी जो सेवा है वह है अस्थि विसर्जन की सेवा। बता दें कि कोरोना से बहुत सारे ऐसे लोग मर रहे हैं, जिनके परिजन भी बीमार हैं और वे उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उन शवों का अस्थि विसर्जन भी नहीं हो पाता है। इसे देखते हुए कार्यकर्ताओं ने अस्थि विसर्जन सेवा भी शुरू कर दी है। इसके तहत वडोदरा के विभिन्न श्मशान घाटों से अस्थि एकत्रित करके कार्यकर्ता वडोदरा जिले के चांदोद में मां नर्मदा के तट पर अस्थि विसर्जन कर रहे हैं।
सच में इन कार्यकर्ताओं ने बता दिया है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
—वेब डेस्क
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