चक्रवाती तूफान के कारण दो जहाज समुद्र तट से दूर चले गए। इनमें एक जहाज डूब गया, जबकि दूसरा सागर की लहरों के बीच फंसा हुआ है। नौसेना के खोज एवं बचाव कार्य में अब तक 146 लोगों को बचाया जा चुका है, जबकि 130 लोगों का पता नहीं चला है
बॉम्बे हाई में हीरा ऑयल फील्ड्स के पास सोमवार को दो भारतीय जहाज P-305 और जीएएल कंस्ट्रक्टर समुद्र में भीषण चक्रवाती तूफान में फंस गए। दोनों जहाजों पर 410 लोग सवार थे। P-305 तो डूब गया, जबकि जीएएल कंस्ट्रक्टर फंसा हुआ है। भारतीय नौसेना ने रात को ही बचाव अभियान शुरू कर दिया था। अब तक 146 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 130 से अधिक अभी भी लापता हैं। इससे पहले, नौसेना के हेलीकॉप्टरों ने अरब सागर में चक्रवात में फंसे भारतीय जहाज कोरोमंडल IX के चालक दल के 4 सदस्यों को बचाया था। मशीन वाले हिस्से में पानी भरने के कारण जहाज पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी और यह आगे बढ़ नहीं पा रहा था।
अरब सागर में उठे भीषण चक्रवाती तूफान के कारण बजरा P-305 और जीएएल कंस्ट्रक्टर मुंबई तट से दूर चले गए थे। भारतीय नौसेना ने P-305 की सहायता के लिए तत्काल आईएनएस कोच्चि को रवाना किया। P-305 ओएनजीसी का एक जहाज है, जिस पर ऑयल रिग में काम करने वाले मजदूर व कर्मचारी रहते थे। सोमवार को समुद्र में तूफान आया तो यह जोर-जोर से हिलने लगा और प्रचंड लहरों के बीच फंस गया। इसकी सूचना मिलने पर नौसेना ने इस जहाज में फंसे लोगों को बचाने के लिए आईएनएस कोच्चि को रवाना किया था। आईएनएस तलवार को भी बचाव एवं राहत अभियान पर लगाया गया। वहीं, दूसरे जहाज जीएएल कंस्ट्रक्टर से भी आपात संदेश मिलने के बाद एनर्जी स्टार को बचाव के लिए रवाना किया गया। इस पर 137 लोग सवार थे। रात 11 बजे तक बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में आईएनएस कोच्चि ने P-305 पर सवार 42 तथा अपतटीय सहायता पोत एनर्जी ने 18 लोगों को बचा लिया था। एक अधिकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह नौसेना ने अपतटीय सहायता पोत अहिल्या, अपने बहुद्देशीय समुद्री गश्ती पोत पी-81 तथा आईएनएस कोलकाता को भी खोज एवं बचाव कार्य पर लगाया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 6 बजे तक P-305 पर सवार लोगों में से 146 को बचाया जा चुका था। आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता ने 111, जबकि अहिल्या ने 17 लोगों की जान बचाई। उधर, आईएनएस तलवार अरब सागर स्थित ऑयल रिग सागर भूषण पर फंसे 101 लोगों को मदद पहुंचाने में जुटा हुआ है। यह पिपावा पोर्ट से 50 नॉटिकल मील दूर दक्षिण पूर्व में है। खोज एवं बचाव कार्य के लिए नौसेना ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार, चक्रवाती तूफान इतना जबरदस्त था कि इसने जीएएल कंस्ट्रक्टर को कोलाबा प्वाइंट के उत्तर में 48 नॉटिकल मील धकेल दिया। इसे खींच कर लाने तथा इस पर सवार लोगों को बचाने के लिए आपातकालीन पोत वाटर लिली, दो सहायक पोत तथा सीजीएस सम्राट को बचाव व राहत कार्य के लिए लगाया गया है। नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि मौसम की स्थिति को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर भी तैयार हैं।
-web desk
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