अक्तूबर, 2019 में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या दो जिहादियों ने साधु वेशभूषा धारण कर की थी। अब स्वामी यति नरसिंहानंद को मारने के लिए भी जिहादियों ने भगवा वस्त्र धारण कर लिया है। भला हो दिल्ली पुलिस का जिसने समय रहते एक जिहादी को पकड़ लिया
गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती को मारने के लिए कश्मीर से दिल्ली आए एक जिहादी जॉन मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को दिल्ली पुलिस ने पहाड़गंज के एक होटल से गिरफ्तार किया है। उसके पास से हथियार के साथ—साथ भगवा कुर्ता, कलावा और पूजा में प्रयोग होने वाली अन्य सामग्री मिली है। पूछताछ में उसने बताया है कि जैश के आतंकवादी आबिद ने स्वामी यति नरसिंहानंद को मारने के लिए दिल्ली भेजा है। वह 23 अप्रैल को कश्मीर से दिल्ली के लिए चला था।
यहां उमर नामक एक अन्य जिहादी उसकी हर तरह की मदद कर रहा था। जानकारी के अनुसार दिल्ली आने से पहले ही जहांगीर के बैंक खाते में 35,000 रु. जमा हो गए थे। इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को लगते ही उस पर निगरानी बढ़ा दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि 18 अक्तूबर, 2019 को लखनउ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या भी दो जिहादियों ने कर दी थी। उन लोगों ने भी भगवा कुर्ता पहनकर इस कांड को अंजाम दिया था।
यह भी बता दें कि पिछले कुछ बरसों से स्वामी यति नरसिंहानंद जिहादियों के निशाने पर हैं। कुछ दिन पहले दिल्ली के जामिया नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी स्वामी जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद कई कट्टरवादियों ने उनकी हत्या करने वालों को इनाम देने की घोषणा की थी।
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