भोपाल में माधव सेवा केंद्र में रह रहे कोरोना पीड़ितों को आवश्यक दवाइयां देने के साथ—साथ गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया जाता है। इसके साथ ही उन्हें रामायण और महाभारत धारावाहिक भी देखने का अवसर मिल रहा है। यह सब मरीजों में आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ाने के लिए किया जा रहा है
इन दिनों भोपाल के मोतीलाल स्टेडियम में चल रहे ‘क्वारंटाइन सेंटर’ की चर्चा दूर—दूर तक हो रही है। इस केंद्र का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी के नाम पर ‘माधव सेवा केंद्र’ रखा गया है। यहां 1,000 बिस्तर हैं। इसका संचालन भारतीय जनता पार्टी, भोपाल जिले के कार्यकर्ता कर रहे हैं। इन लोगों को संघ के स्वयंसेवक और सेवा भारती के कार्यकर्ता भी सहयोग कर रहे हैं। यहां भर्ती कोरोना रोगियों को जरूरी दवाइयों के साथ—साथ उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र सुनाया जाता है। केंद्र में कुल 22 वार्ड हैं। इनमें से दो महिलाओं के लिए हैं। हर वार्ड के नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं। महिलाओं के वार्ड को रानी कमलापति और लक्ष्मीबाई का नाम दिया गया है। जबकि पुरुष वार्ड महात्मा गांधी, अब्दुल कलाम, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पांडे, राजा भोज, सरदार पटेल जैसी विभूतियों के नाम पर रखे गए हैं।
यहां गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया जाता है। केंद्र में धन्वन्तरि योग कक्ष बनाए गए हैं। इनमें रोगियों को सुबह-शाम योग करवाया जाता है। यही नहीं, केंद्र में दो एलईडी स्क्रीन और साउंड सिस्टम लगाए गए हैं। इनके जरिए रामायण और महाभारत धारावाहिक दिखाए जाते हैं। इसके साथ—साथ देशभक्ति की फिल्में भी दिखाई जाती हैं। केंद्र में 200 डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मी तैनात किए गए हैं। केंद्र के बाहर अन्नपूर्णा रसोई बनाई गई है, जहां मरीजों और अन्य लोगों के लिए खाना बनता है।
वहीं इन दिनों हरिद्वार स्थित गायत्रीपीठ शांतिकुंज द्वारा कोरोना पीड़ितों के लिए एक अनूठा अभियान चलाया जा रहा है। देशभर में जहां भी गायत्री के साधक कोरोना से पीड़ित हैं, वे प्रतिदिन प्रात: 8 बजे आनलाइन शांतिकुंज से जुड़ते हैं। पहले सपरिवार आधे घंटे तक यज्ञ—हवन करते हैं। इसके बाद आधे घंटे तक योग और प्राणायाम। इससे उन मरीजों में नव शक्ति का संचार होता है और इस तरह वे लोग बीमारी को परास्त कर स्वस्थ हो रहे हैं। गायत्री परिवार के साधाक जयपुर, लखनउ, सूरत, मोडासा, अमदाबाद, काशी आदि स्थानों पर कोरोना मरीजों के लिए भोजन, दवा, आक्सीजन आदि की भी व्यवस्था कर रहे हैं।
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