कोरोना के तीसरी लहर आने से पहले ही यूपी सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कहा जा रहा है यह बच्चों के लिए घातक होगी। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है
यूपी के बड़े शहरों में बच्चों के लिए पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाए जा रहे हैं. बच्चों के इलाज को लेकर यूपी सरकार अभी से सजग हो गई है. कोरोना की तीसरी लहर के बारे में कहा जा रहा है कि यह 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बेहद खतरनाक होगी. इस लिहाज से पीडियाट्रिक बेड और पीडियाट्रिक आईसीयू की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि जब तक तीसरी लहर आए तब तक इलाज की समुचित व्यवस्था की जा सके.
यूपी सरकार ने कोरोना संक्रमण से बच्चों का बचाव करने के लिये सूबे के हर बड़े शहर में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने का निर्णय लिया है. यह बेड विशेषकर एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिए होगा. बेड के दोनों किनारों पर रेलिंग लगी होगी ताकि बच्चा बेड से नीचे ना गिरने पाए. गंभीर संक्रमित बच्चों को इलाज और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. बच्चों के अस्पतालों में मैन पावर बढ़ाने के भी आदेश दिये गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर एक्स सर्विसमैन, रिटायर लोगों की भी सेवाएं ली जायेंगी. मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को ट्रेनिंग देकर उनसे फोन पर परामर्श लेने की योजना बनाई जा रही है.
यूपी के सीएम ने कहा कि “प्रदेश के 58,000 ग्राम पंचायतों में टीमें काम कर रही हैं. हम यूपी में कोरोना का संक्रमण रोकने में सफल हुए हैं. कहा जा रहा था कि यूपी में 1 लाख केस आएंगे. अब यह आंकड़ा गलत साबित हो चुका है. सरकार ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया है. 6 कंपनियों ने प्री-बिड किया है. जो लोग वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते, उनके लिए गांवों की पंचायत में ही वैक्सीन की व्यवस्था हो रही है.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में महाराष्ट्र में दस वर्ष की उम्र के दस हजार बच्चे कोरोना संक्रमित हुए. बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूपी मॉडल के अंतर्गत बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए किए गए प्रबंधों का उल्लेख करते हुए महाराष्ट्र की सरकार से यह पूछा कि इस तरह का विचार महाराष्ट्र में क्यों नहीं किया जा रहा है ?” विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और देश के नीति आयोग के बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोविड प्रबंधन के लिए ‘यूपी मॉडल’ की प्रशंसा की है
यूपी में टीकाकरण का ब्यौरा :
– अब तक 1,47,94, 597 लोगों का टीकाकरण हुआ है।
– 1,16,12,525 लोगों को लगी पहली डोज।
– 31,82,072 लोगों को लग चुकी हैं दोनों डोज।
– 18 से 44 उम्र के 3,65,835 लोगों को अब तक लगा टीका।
कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता :
– कोविड अस्पतालों में 64401 आइसोलेशन बेड।
– 15323 बेड वेंटीलेटर सुविधा से लैस।
– कोरोना मरीजों के लिए एल-वन, एल टू व एल थ्री अस्पतालों में कुल 79324 बेड।
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