इंसेफेलाइटिस के अनुभव के साथ तीसरी लहर से निपटेंगे योगी
कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बारे में कहा जा रहा है कि यह बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होगी. इससे निपटने के लिए इंसेफेलाइटिस दिमागी बुखार के अनुभव का लाभ लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि “ प्रदेश में कई दशकों से इंसेफेलाइटिस का कहर था, हमारी सरकार ने इस पर 98 फीसद तक नियंत्रण पा लिया है. हमारी कार्य योजना का नतीजा ही है कि पहले जहां इंसेफेलाइटिस से 1200 से 1500 बच्चों की मौत होती थी, वहीं विगत वर्ष 63 मौतें हुईं. इसी कार्य योजना के अनुभवों का लाभ लेते हुए हमने कोरोना की तीसरी लहर से खासकर बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए निर्देश दिए हैं. उनके लिए डेडिकेटेड अस्पताल और आईसीयू बनाए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं.समन्वय समिति बनाई है, जो ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में मिलकर काम करती है.”
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में रोजाना औसतन 2.50 लाख लोगों की टेस्टिंग हो रही है. अब तक 4.5 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं. प्रदेश में कोरोना की प्रथम लहर में हमने टीम-11, बनाकर प्रभावी नियंत्रण किया था, दूसरी लहर में टीम-9 बनाकर सबकी जवाबदेही तय की गई है. यही वजह है कि आज बीते 24 घंटे में पॉजिटिव केस तकरीबन 10 हजार ही आए हैं. पहले संक्रमण का रेट 22 फीसद था, जो घटकर पांच फीसद हो गया है. प्रदेश में 1.50 करोड़ लोगों को हम वैक्सीन दे चुके हैं और आगे भी युद्धस्तर पर वैक्सिनेशन होगा।. 45 साल से ऊपर के लोगों को भारत सरकार वैक्सिन उपलब्ध करा रही है. गांवों में कामन सर्विस एरिया में वैक्सिनेशन का बंदोबस्त किया जाए, ताकि वहीं उनका पंजीकरण कर उनका वैक्सिनेशन किया जा सके. उन्हें दूर न जाना पड़े. इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि भीड़ न बढ़ने पाए.
उन्होंने कहा कि “पोस्ट कोविड में ब्लैक फंगस की समस्या आई है, हमने एडवाइजरी जारी की है. इसे रोकने के लिए कार्य योजना बनाई गई है. सीएमओ, मेडिकल कालेज और जिला अस्पतालों को एडवाइजरी भेजी गई है. ब्लैक फंगस को लेकर ट्रेनिंग भी दी जा रही है. नोएडा में 27 अप्रैल को जहां 10 हजार से अधिक केस थे, वहीं आज 400 से भी कम हैं. पूरे प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या बीते 24 घंटे में घटकर 1.63 लाख रह गई है. नोएडा दिल्ली से सटा हुआ है. वहां से आवागमन होता है. ऐसे में प्रशासन से कहा गया है कि मरीजों को आक्सीजन की कमी न होने पाए.
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