कोरोना काल में पूरे विश्व में स्वामिनारायण संस्था सेवा कार्य कर रही है। शायद हिंदू विरोधियों को यह हजम नहीं हो रहा है और उन्होंने संस्था को बदनाम करने के लिए आरोप लगाया है कि उसने न्यूजर्सी में बनाए गए मंदिर में काम करने वाले भारतीय श्रमिकों को उचित वेतन नहीं दिया है। संस्था ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है
अमेरिका में एक बार फिर से हिंदुत्व विरोधी तत्व सक्रिय हो गए हैं। इस बार उन्होंने ‘बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था’ को अपने निशाने पर रखा है। उल्लेखनीय है कि यह संस्था इन दिनों पूरी दुनिया में कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए बढ़-चढ़ कर काम कर रही है। इससे पहले भी यह संस्था धार्मिक और सेवा कार्यों के लिए ही पूरे विश्व में जानी जाती रही है। शायद यही कारण है कि इसे बदनाम करने के लिए कुछ सेकुलर भारतीयों की शह पर अमेरिका में एक मामला दर्ज किया गया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई मामले की जांच कर रही है। बता दें कि यह संस्था इन दिनों अमेरिका के न्यूजर्सी में एक मंदिर बनवा रही है, जिसका कार्य बहुत जल्दी पूरा होने वाला है। शिकायत की गई है कि मंदिर निर्माण के लिए भारत से लाए गए कामगारों को कम मजदूरी दी गई। इसके साथ ही संस्था पर मानव तस्करी करने का आरोप लगाया गया है।
संस्था पर आरोप है कि भारत से लाए गए 200 से भ अधिक श्रमिकों से जबरन कई-कई घंटों तक काम करवाया गया और उन्हें अमेरिका के कानून के हिसाब से मजदूरी भी नहीं दी गई। यह भी आरोप है कि इन श्रमिकों को अमेरिकी शहर न्यूजर्सी में आर-1 वीजा पर लाया गया जो धार्मिक कार्यों से जुड़े लोगों के लिए होता है। आरोप है कि श्रमिकों को मासिक 450 डॉलर दिया जाता था। लेकिन संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कनु पटेल ने कहा है, ‘‘जो भी दावे किए जा रहे हैं, उनसे मैं विनम्रतापूर्वक असहमति व्यक्त करात हूं।’’ वहीं, संस्था के एक प्रवक्ता मैथ्यू फ्रैंकेल ने कहा है, ‘‘संस्था इन आरोपों को बहुत गंभीरता से ले रही है और सभी आरोपों की गहराई से समीक्षा कर रही है।’’
न्यूजर्सी के श्रम विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि कुछ दिन पहले विभिन्न श्रम कानूनों के उल्लंघन के लिए ‘कंस्ट्रक्शन इंक कंपनी’ और उसके स्वामी नूना कुन्हा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी। यह अमेरिकी कंपनी है और इसी ने मंदिर निर्माण के लिए श्रमिक उपलब्ध कराए थे। यानी श्रमिकों को वेतन देने का काम कंपनी का है, न कि संस्था का।
लेकिन पूरी सचाई जाने बिना अमेरिका के मीडिया ने इस मामले को हवा दे दी। भारत के सेकुलर मीडिया ने भी इसे ऐसे उछाला मानो, इसके पीछे भारत की वर्तमान सरकार हो।
इतना ही नहीं हिंदू विरोधी प्रो. आॅड्रे ट्रुस्के ने इस मामले को अमेरिकी धरती पर जातिगत भेदभाव बताते हुए इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी जोड़ दिया।
इसी से पता चलता है कि बेसिर-पैर वाले इस मुद्दे को कौन लोग और क्यों उठा रहे हैं।
162 एकड़ में है मंदिर
संगमरमर से बना यह मंदिर न्यूजर्सी की राजधानी ट्रेंटन के बाहर रोब्बिंसविल में है। इसका क्षेत्रफल 162 एकड़ का है। मंदिर का निर्माण 2010 में शुरू हुआ था। स्वामिनारायण संस्था के इस मंदिर से बड़ी संख्या में न्यूजर्सी में रह रहे हिंदू जुड़े हैं।
-के. सहदेव
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