एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से अनुरोध किया है कि कोविड सैंपल्स का अध्ययन करके यह पता लगाया जाए कि एएमयू परिसर में कोई नया म्यूटेंट तो विकसित नहीं हुआ है
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में तेजी से कोरोना संक्रमण फ़ैल चुका है. बीते तीन सप्ताह में 16 वर्किंग और 10 रिटायर्ड फैकल्टी मेंबर्स की मृत्यु हो गई. बताया जा रहा है कि 12 से अधिक गैर शिक्षण कर्मचारियों की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है. आशंका जताई जा रही कि कोरोना वायरस परिसर में नया रूप विकसित कर चुका है. इस आशंका के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति से फोन पर बात की. उन्होंने एएमयू के मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों तथा वहां कार्यरत चिकित्सकों का हालचाल पूछा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि “विश्वविद्यालय परिसर में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. उन लोगों को कोविड संक्रमण से सुरक्षित रहने का उपाय करना चाहिए. कोरोना संक्रमण से बचाव में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है. वर्तमान समय में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण भी प्रारम्भ हो गया है. लक्षित आयु वर्ग के लिए तत्परतापूर्वक टीकाकरण कराया जाना चाहिए.” जानकारी के अनुसार कोविड संक्रमण के कारण गत 20 दिनों में एएमयू के 16 वर्किंग और 10 रिटायर्ड फैकल्टी मेंबर्स की मृत्यु हो चुकी है. एक दर्जन से अधिक गैर-शिक्षण कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. मृत्यु का कारण कोरोना बताया जा रहा है. एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से अनुरोध किया है कि कोविड सैंपल्स का अध्ययन करके यह पता लगाया जाए कि एएमयू परिसर में कोई नया म्यूटेंट तो विकसित नहीं हुआ है
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