अफगानिस्तान के शियाझारा आबादी वाले इलाका, दत्त-ए-बरची में एक स्कूल के पास कार में विस्फोट किया गया. इसमें 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में उनमें से 50 से अधिक स्कूली बच्चियों की मौत हो गई.मरने वालों में अधिकांश स्कूली छात्राएं हैं.
इस्लाम के झंडाबर्दार ही अपनी हरकतों से इस्लाम के मानने वालों को दुनियाभर में रुस्वा करने में लगे हैं.खुदा और पैगंबर मोहम्मद को मानने वालों का ही खून बहाया जा रहा है. वह भी रमाजन के उस पाक महीने में, जिसके मानने वाले इन दिनों रोजा और इबादत में डूबे रहने की बात करते हैं. इस क्रम में इस्लामी आतंकवादियों ने काबुल के एक स्कूल के पास कार में बम विस्फोट कर 50 से अधिक बच्चियों को मौत की नींद सुला दी.
लखनऊ की आल इंडिया शिया हुसैनी फंड की कार्यकारिणी ने एक बैठक कर आतंकवादियों की इस कायराना हरकत की आलोचना की है. फंड के महासचिव हसन महंदी ने कहा कि आतंकवादी संगठन रमजान के महीने में न केवल अफगानिस्तान, बल्कि पाकिस्तान में भी शिया मुसलमानों पर हमले कर रहे हैं. इससे इस्लाम और इंसानियत दोनों शर्मशार हो रहे हैं।
बहरहाल, काबुल की घटना के बारे में बताते हैं कि अफगानिस्तान के शियाझारा आबादी वाले इलाका, दत्त-ए-बरची में एक स्कूल के पास कार में विस्फोट किया गया. इसमें 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में उनमें से 50 से अधिक स्कूली बच्चियों की मौत हो गई.मरने वालों में अधिकांश स्कूली छात्राएं हैं.
यह हमला तब हुआ जब बच्चे स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे. इससे अफगान सरकार का अनुमान है कि जानबूझकर बच्चों को निशाना बनाने के लिए कार में विस्फोट किया गया. बताते हैं कि मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है. क्योंकि घटना के बाद भी देर तक एंबुलेंस से घायल और मृतकों को स्थानांतरित करने का काम चलता रहा.
घटना को अंजाम दिए दो दिन हो गए. इसके बावजूद अब तक किसी आतंकवादी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है. दूसरी तरफ सरकार को अंदेशा है कि बच्चों को निशाना बनाने की हरकत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने की होगी. आज कल इसकी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रियता बढ़ी हुई है. उधर, तालिबान ने हमले में अपनी भागीदारी से इनकार किया है.
कार बम से स्कूल की बच्चियों को निशाना बनाने की चारों ओर निंदा हो रही है. लखनऊ के आल इंडिया शिया हुसैनी फंड ने प्रस्ताव पास कर यूएनओ और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शिया कौम की हत्या करने के मामलें में हस्तक्षेप की मांग की है.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी हमले की कड़ी निंदा की और स्वास्थ्य अधिकारियों को घायलों के लिए सर्वोत्तम संभव चिकित्सा प्रदान करने के निर्देश दिए. पिछले साल इसी तरह कोयला खदान में काम करने वाले शिया हजारा समुदाय के कई लोगों की पाकिस्तान में निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गई थी.
ईद के दौरान युद्ध विराम की घोषणा
तालिबान आतंकवादी संगठन ने ईद उल फितर के मौके पर अफगान सरकार के साथ तीन दिवसीय युद्ध विराम की घोषणा की है. ये जानकारी तालिबान के एक प्रवक्ता ने दी है. प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के हवाले से ट्वीट किया गया, ‘‘हमारे हमवतन के लिए एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए, ईद अल फितर को मन की शांति के साथ मनाने के लिए, इस्लामी अमीरात के सभी मुजाहिदीन को दुश्मन के खिलाफ सभी आक्रामक अभियानों को रोकने का निर्देश दिया गया है.‘‘तालिबान के प्रवक्ता ने विद्रोही लड़ाकों से युद्ध विराम के दौरान अफगान सैनिकों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में नहीं जाने का भी आग्रह किया. दूसरी तरफ आतंकवादी संगठन ने बम से हमले में 50 से अधिक स्कूली शिया छात्राओं की मौत पर अफसोस में एक शब्द भी नहीं कहे हैं.
मीम अलिफ हाशमी
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