महामारी तो तांडव कर ही रही है, लेकिन इसकी आड़ में देश विरोधी सोच, ताकतें भी षडयंत्र रच रही हैं. कैसे इस महामारी को जानलेवा बनाया जाए.
कैसे दवाओं, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर, सिलेंडर की किल्लत पैदा की जाए. सोच बहुत सीधी है, जितनी ज्यादा मौत होंगी, महामारी जितनी विकराल होगी, समाज उतना ही केंद्र सरकार के खिलाफ उद्वेलित होगा.
इस साजिश में शामिल है, मीडिया का एक तबका. जिसे सबसे विकराल रूप की महाराष्ट्र की महामारी नजर नहीं आती. केरल में वामपंथियों का कथित सुपर मॉडल फेल होता नजर नहीं आता. दिल्ली को ही ले लीजिए. अरविंद केजरीवाल के दुलारे इमरान हुसैन के पास से 900 से ज्यादा आक्सीजन सिलेंडर, पांच सौ से ज्यादा कंसंट्रेटर बरामद हुए हैं. ये क्यों जमा किए थे. किल्लत पैदा करने के लिए न. यही केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में खड़ा होकर रोता है कि दिल्ली को और आक्सीजन दो. सोनिया गांधी, राहुल गांधी का खास चमचा, खान मार्केट गैंग का कारकुन नवनीत कालरा फरार है. लंदन तक फैले उसके नेटवर्क से नौ सौ से ज्यादा आक्सीजन कंस्ट्रेटर बरामद बहुए हैं. ये कांग्रेस के दुलारे इनकी कालाबाजारी कर रहे थे. हरियाणा में एक कांग्रेस नेता पकड़ा गया, वो भी आक्सीजन की कालाबाजारी कर रहा था. पंजाब में नहर में हजारों की तादाद में रेमडेसिविर इंजेक्शन बहा दिए गए. ये सरकारी सप्लाई के थे. जान बचाने की दवाई की किल्लत पैदा करने के लिए ये काम किया गया.
दिल्ली की विफल विज्ञापन जीवी सरकार
पहले जरा इस बात का हिसाब करते हैं दिल्ली की नाकाम सरकार और विज्ञापन जीवी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आप पार्टी के मंत्री इमरान हुसैन गैस सिलेंडरों और ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की जमाखोरी किए बैठे हैं. वह बाकायदा इसे एक विशेष वर्ग को बांट रहे हैं. पहला सवाल तो यह कि जब एक-एक सिलेंडर की मारा-मारी है, तो इमरान हुसैन के पास ये जखीरा कहां से आ रहा है. अस्पतालों में आक्सीजन कम होने पर मरीज मर रहे हैं, दिल्ली की सरकार हाईकोर्ट में आक्सीजन की कमी का रोना रो रही है, वहीं मंत्री जी चहेतों को आक्सीजन बांट रहे हैं. इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल हुई. उच्च न्यायालय ने लगातार 14वें दिन सुनवाई करते हुए कहा कि इमरान हुसैन कोर्ट के सामने पेश होकर इस बाबत सफाई दें. हालांकि दिल्ली सरकार ने इस गंभीर मसले पर फिर पैंतरेबाजी दिखाई और भाजपा सांसद गौतम गंभीर द्वारा शुरू किए गए आइसोलेशन सेंटर को निशाना बनाने का प्रयास किया. अदालत ने नाराजगी जताई और कहां कि 2 मई के आदेश के बाद इस तरह की कोई भी हरकत करता है, तो हम अवमानना की कार्यवाही शुरू करेंगे.
इस तरह पैदा हो रही है किल्लत
इमरान हुसैन के मामले से समझ सकते हैं कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में आक्सीजन के आडिट के क्यों खिलाफ है. आम आदमी पार्टी के मंत्री, विधायक, नेता इस समय आक्सीजन की खुलकर कालाबाजारी कर रहे हैं. सिर्फ कालाबाजारी ही नहीं, ये राजनीति चमकाने के लिए भी इस्तेमाल हो रहे हैं. ये हाल तब है, जब हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद शाम छह बजे तक एक मरीज को आक्सीजन नहीं मिली और आखिरकार उसकी मौत हो गई. जरा दिल्ली के आक्सीजन गेम को समझते हैं. मुंबई में 85,000 एक्टिव केस हैं. लेकिन वहां पर 245 मीट्रिक टन गैस ही लग रही है. इसके विपरीत दिल्ली में 90000 एक्टिव केस पर 900 मीट्रिक टन की मांग बना दी गई है. जाहिर है, ये मांग कृत्रिम है और इसकी जड़ें बहुत गहरे तक आम आदमी पार्टी के सिस्टम में धंसी हुई हैं. ये शक इसलिए भी गहरा हो जाता है क्योंकि दिल्ली में अन्य राज्यों के मुकाबले आक्सीजन की दोगुनी खपत हो रही है. दिल्ली में नब्बे हजार मरीजों पर सात सौ मीट्रिक टन गैस मिल रही है, जबकि उत्तर प्रदेश में ढाई लाख एक्टिव मरीजों के लिए 735 मीट्रिक टन गैस ही मिल रही है. सवाल तो बनता है. क्या कोविड दिल्ली में ही है. क्यों दोगुनी से ज्यादा गैस दिल्ली को दी जा रही है. और फिर सबसे बड़ा सवाल ये जा कहां रही है. इमरान हुसैन के मामले से हम समझ सकते हैं कि आखिर ये जा कहां रही है.
सोनिया का दुलारा, आक्सीजन का सौदागर
देश में आक्सीजन की किल्लत पैदा करने का एक पहलू कांग्रेस भी है. कांग्रेस का खास दुलारा है नवनीत कालरा (खान मार्केट गैंग) और यही शख्स अरविंद केजरीवाल की लिस्ट में दिल्ली निर्माता है. दिल्ली पुलिस ने इसके खान मार्केट और लोधी कॉलोनी इलाके के तीन रेस्टोरेंट पर छापा मारकर 525 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए हैं. कोरोना महामारी के बीच ब्लैक मार्केटिंग कर रहे लोगों से ये अब तक कि सबसे बड़ी बरामदगी है. इस मामले में पुलिस ने मौके से 4 लोगो को गिरफ्तार किया, जिनमें रेस्टोरेंट का मैनेजर हितेश भी शामिल था. जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने बाद में छतरपुर के एक फार्महाउस से 387 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और बरामद किए. गिरफ्तार आरोपियों में से एक हितेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने शुक्रवार को खान मार्केट के टाउन हॉल रेस्टोरेंट से 9 और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए और फिर बाद में खान चाचा रेस्टोरेंट से 96 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए. नवनीत कालरा दिल्ली की पेज 3 पार्टियों की रौनक है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी अक्सर उसके रेस्टोरेंटों में जीमते नजर आते हैं. वह बड़ी शान के साथ इसे देश का प्रथम परिवार बताते हुए अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करता रहा है. इस पूरे खेल में मेट्रिक्स सेल्यूलर कंपनी भी शामिल है. लंदन स्थित ये कंपनी सिम कार्ड बेचती है. इसके मालिक गगन दुग्गल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नवनीत कालरा फरार है और शक है कि वह किसी कांग्रेस शासित राज्य में पनाह पाए हुए है.
मीडिया की खतरनाक साजिश
ये तो आपने देख लिया कि कैसे केजरीवाल और कांग्रेस मिले हुए हैं. लेकिन मीडिया क्या कर रहा है. वामपंथी पत्रकार, कथित सेक्यूलर मीडिया चेहरे इस समय सारा फोकस सिर्फ उत्तर प्रदेश पर लाना चाहते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री से विज्ञापन हड़पकर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से हड़ककर इऩके कैमरे सिर्फ उत्तर प्रदेश की चिताएं, अस्पताल और बदहाली की तस्वीर पेश करना चाहते हैं. देश के सबसे ज्यादा मामलों वाले राज्य महाराष्ट्र की क्या आपने कोई विचलित कर देने वाली तस्वीर देखी है. आपसे जो हकीकत छिपाई जा रही है और केजरीवाल के पैसे की बदौलत आंकड़े छिपाए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कोरोना से मौत की दर प्रति लाख आबादी पर छह है. लेकिन दिल्ली में यह दस गुना, यानी एक लाख लोगों में से 61 की मौत हो रही है. महाराष्ट्र में ये दर 59 और छत्तीसगढ़ में 33 है. यानी देश के सबसे विफल राज्य और जान बचाने में पूरी तरह नाकाम दिल्ली, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ हैं.
ऊपर दी गई घटनाओं के अलावा भी चीजें सामने आ रही हैं. कांग्रेस का नेता हरियाणा में आक्सीजन की कालाबाजारी करते पकड़ा जाता है. ये असल में किल्लत पैदा करने की कोशिश है. भाजपा नेता तेजेंदर बग्गा ने तो बाकायदा ट्वीट करके तस्वीरें जारी की हैं कि आक्सीजन सिलेंडरों की दिल्ली के एक अस्पताल में गैस लीक की जा रही है. जिससे आक्सजीन की किल्लत पैदा हो जाए. पंजाब में भाखड़ा नहर में हजारों की तादाद में रेमडेसिविर इंजेक्शन बहा दिए गए हैं. इन इंजेक्शनों पर दर्ज है कि ये सरकारी सप्लाई के हैं. जाहिर है, इन्हें सिर्फ इसलिए बहा दिया गया, जिससे इन इंजेक्शनों की किल्लत पैदा हो जाए. इस कोरोना में जब लोग मर रहे हैं, तड़प रहे हैं कांग्रेस, केजरीवाल, वामपंथी मीडिया, लिबरल कुल मिलाकर दिक्कतें बढ़ाने, किल्लत पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. ये गिद्ध हैं. ये ज्यादा से ज्यादा लाशें देखना चाहते हैं. जिससे इल्जाम केंद्र सरकार पर मढ़ सकें.
मृदुल त्यागी
टिप्पणियाँ