इन दिनों महमारी से पीड़ित लोगों की मदद करने में अनेक मंदिरों के संचालक और कार्यकर्ता दिन—रात काम कर रहे हैं। पटना स्थित प्रसिद्ध महावीर मंदिर से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा और यहां तक कि अबू धाबी में बन रहे स्वामिनारायण मंदिर के संचालक भी कोरोना पीड़ितों के लिए अनेक तरह के कार्य कर रहे हैं
पटना स्थित महावीर मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। वही हनुमान जी, जिन्होंने राम—रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण के मूर्छित होने पर हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर उनके प्राण बचाए थे। उनके उसी कार्य को देखते हुए ही महावीर मंदिर के संचालक इन दिनों कोरोना पीड़ितों के लिए आक्सीजन बांट रहे हैं। जिस किसी को भी आक्सीजन की आवश्यकता होती है, वह महावीर मंदिर पहुंच कर आक्सीजन सिलेंडर ले लेता है, वह भी नि:शुल्क। महावीर मंदिर के संस्थापक और पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि प्रतिदिनि 150 लोग यहां से आक्सीजन ले जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर की ओर से पटना में एक आक्सीजन प्लांट लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इससे आने वाले कुछ दिनों में ही अनेक अस्पतालों को नि:शुल्क आक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी।
इसके अलावा मंदिर द्वारा संचालित पटना और बेगूसराय के दो अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। पटना के अस्पताल में 40 बिस्तर और बेगूसराय के अस्पताल में 25 बिस्तर हैं। पहले ये दोनों सामान्य अस्पताल थे, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इन्हें पूरी तरह से कोविड अस्पताल बनाया गया है। इन अस्पतालों में सारी सुविधाएं नि:शुल्क हैं। उल्लेखनीय है कि महावीर मंदिर द्वारा पटना में कैंसर के मरीजों के लिए एक कैंसर अस्पताल लगभग तीन दशक से चलाया जा रहा है। यहां भी किसी मरीज से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है।
यही नहीं, मंदिर द्वारा मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने या अस्पताल से घर लाने के लिए एक एम्बुलेंस सेवा भी चल रही है। कोई भी जरूरतमंद इस सेवा का लाभ उठा सकता है। मंदिर की देखरेख में शव वाहन भी चलाए जा रहे हैं।
किशोर कुणाल कहते हैं,”इस संसार में हनुमान जी जैसा कोई सेवक नहीं मिलेगा। उनके जीवन से सीख मिलती है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। इसी भावना के साथ मंदिर के सभी पुजारी और अन्य कार्यकर्ता सब काम छोड़कर पूरी तरह कोरोना पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं। और यह सेवा तब तक चलती रहेगी, जब तक कि कोरोना खत्म नहीं हो जाएगा।”
महावीर मंदिर की ओर से कोरोना पीड़ितों को दवाइयां भी बांटी जा रही हैं।
मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर ने भी इन दिनों अपने सेवा कार्यों का विस्तार कर दिया है। ‘श्रीकृण जन्मस्थान सेवा संस्थान’ के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि मथुरा नगरी में पांच केंद्र बनाए गए हैं, जहां जरूरतमंदों को शाम को खाना बांटा जाता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भोजन सेवा तो लगभग 12 साल से चल रही है, पर कोरोना महामारी को देखते हुए इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। उन केंद्रों पर जितने भी लोग होते हैं, उन सबको मंदिर की ओर से खाना दिया जाता है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास भी इस महामारी से पीड़ित लोगों के दर्द को कम करने में लगा है। न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुनील वर्मा ने बताया कि अब तक कई अस्पतालों में वेंटिलेटर के 10 मॉनिटर लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के सभी लोग जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। जहां भी जरूरत होती है मंदिर के कार्यकर्ता वहां पहुंचते हैं और हर तरह की सेवा करते हैं।
अबू धाबी में बन रहे स्वामिनारायण मंदिर की ओर से अब तक 44 मिट्रिक टन तरल आक्सीजन, 30,000 लीटर मेडिकल आक्सीजन और 130 आक्सीजन कन्सनट्रेटर भारत भेजे गए हैं।
इन मंदिरों के अलावा देशभर में बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं,जो इन दिनों मानवता की सेवा के लिए कार्य कर रहे हैं। कई मंदिरों में अन्नक्षेत्र चल रहा है, जहां गरीब लोगों को दिन—रात भोजन कराया जा रहा है।
अरुण कुमार सिंह
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