उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली औद्योगिक इकाईयों को तत्काल प्रभाव से एनओसी जारी करेगा. ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली इकाईयों को पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मानकों का पालन करना होगा. एनओसी प्राप्त करने के लिए उद्योग विभाग के निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
यूपी में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की भी स्थापना की जा रही है. इसके साथ ही निजी क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. इस समबन्ध में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्णय लिया है कि राज्य की कोई भी नई और मौजूदा औद्योगिक इकाई ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर सकती है. ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता में वृद्धि भी कर सकती है. ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण से जुड़ी इकाईयों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तुरंत एनओसी जारी करेगा. प्लांट लगाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति का इन्तजार नहीं करना पड़ेगा.
ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की इच्छुक इकाईयों को उद्योग विभाग की साइट निवेश मित्र पोर्टल https://niveshmitra.up.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके बाद इकाईयों को अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति तत्काल रूप से करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी. प्लांट लगाने की इच्छुक इकाईयों को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत मानकों का अनुपालन करते हुए ऑक्सीजन गैस का विधिवत निर्माण करना होगा.
कोरोना महामारी के कारण राज्य में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है. योगी सरकार ने प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति में 50 मीट्रिक टन की अतिरिक्त वृद्धि की है और अब 682 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई गई है. राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रतिदिन बढ़ाई जा रही है. ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट के लिए विशेष टैंकरों की व्यवस्था की जा रही है. भारत सरकार द्वारा यूपी को कुछ टैंकर दिए गए हैं कुछ और टैंकर किराए पर लिए जा रहे हैं. सरकारी और निजी आक्सीजन प्लांट के निर्माण पर ज़ोर दिया जा रहा है.
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