पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं जारी हैं। राज्य में जारी हिंसा और कार्यकर्ताओं की हत्या पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ ने भी प्रदेश के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को तलब कर सूबे में शांति बहाल करने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बात कर राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता और गहरा दुख जताया है। राज्यपाल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मंगलवार को कोलकाता पहुंच गए हैं। अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान दक्षिण 24 परगना भी जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मिलेंगे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे के भीतर ही तृणमूल के गुंडों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले शुरू कर दिए। नंदीग्राम में भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ के अलावा कई हिस्सों में भाजपा कार्यकर्ताओं पर बमों से हमले किए गए। राजनीतिक हिंसा में अब तक 11 भाजपा कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। दंगाइयों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के घर और दुकानें भी जला दीं। करीब 4-5 हजार घरों नुकसान पहुंचाने के साथ भाजपा से जुड़ी महिलाओं से बलात्कार के अलावा दुकानें लूटने की भी सूचनाएं हैं। राज्य में जारी हिंसा के विरुद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता गौरव भाटिया सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। याचिका में उन्होंने हिंसा की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से क्या कहा?
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने फोन किया और राज्य की चिंताजनक कानून-व्यवस्था पर गहरा दुख व चिंता जताई। मैंने राज्य की स्थिति से उन्हें अवगत कराया कि यहां हिंसा, बर्बरता, आगजनी, लूट और हत्याएं बिना रोक-टोक जारी हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
इससे पहले, राज्यपाल ने ट्वीट किया था कि रिपोर्ट भयावह स्थिति को दर्शा रही हैं। लोग इतने डरे हुए हैं कि जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। राज्य पुलिस और कोलकाता पुलिस आयुक्त को टैग करते हुए ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था, पुलिस लोकतंत्र को शर्मिंदा करने वाली संवेदनहीन राजनीतिक हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, बर्बरता, हत्याएं और संत्रास पर रोक लगाए। दुनिया भर में बंगाली समुदाय ने डरावनी अराजकता पर चिंता जताई है। केवल पश्चिम बंगाल में ही चुनाव बाद हिंसा क्यों? लोकतंत्र पर यह हमला क्यों?
नागार्जुन
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