उत्तर प्रदेश में रेमेडेसिविर इंजेक्शन और आक्सीजन की कालाबाजारी में अलग—अलग जगहों पर छह मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया है। तीन को गाजियाबाद और तीन को प्रयागराज में गिरफ्तार किया गया
गत दिनों गाजियाबाद जनपद में पुलिस ने संदिग्ध वाहन को रोका. उस गाड़ी में तीन युवक बैठे हुए थे. ड्राइविंग सीट पर हमजा नाम का युवक बैठा था. पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तब उसकी जेब से रेमेडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुआ. इसके बाद मुजीब उर्र रहमान के कब्जे से भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद हुआ, ये दोनों गाजियाबाद जनपद के साहिबाबाद के निवासी हैं. तीसरा अभियुक्त डा. निशरत इमाम यह मूल रूप से आरा – भोजपुर बिहार का रहने वाला है. फिलहाल दिल्ली के पटपड़गंज में रहता है. इसके कब्जे से भी रेमेडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुआ. पुलिस ने बताया कि डॉ. निशरत ही हमजा और मुजीब उर्र रहमान को इंजेक्शन लाकर देता था. एक इंजेक्शन को 35 हजार रूपये में बेचने के बाद तीनों अभियुक्त लाभ को आपस में बांट लेते थे. इन दोनों के कब्जे से मोबाइल फोन भी बरामद किया गया. इन लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना फोन नंबर वायरल किया था कि जिस किसी को भी इंजेक्शन की जरूरत हो वो सम्पर्क करे. जरूरतमंद लोगों के संपर्क करने पर सौदेबाजी की जाती थी.
इसी प्रकार, प्रयागराज जनपद में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करते हुए मोबीन अहमद, लईक अहमद एवं नईम अहमद को गिरफ्तार किया गया. इन तीनों अभियुक्तों ने भी सोशल मीडिया पर अपना फोन नंबर पोस्ट करके लिखा था कि किसी को भी आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत हो तो संपर्क कर सकता है. जब लोग आक्सीजन सिलेंडर के लिए फोन करते थे तब ये तीनों आक्सीजन सिलेंडर की सौदेबाजी करते थे. एक सिलेंडर 25 हजार से 40 हजार रुपए के बीच में बेचते थे. पुलिस ने इन तीनों को एक सिलेंडर के साथ गिरफ्तार कर लिया. ये तीनों एक गुब्बारा बेचने वाले से सिलेंडर ले आये थे और उसमें आक्सीजन भराकर किसी जरूरतमंद को भेजने की तैयारी में थे.
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