झारखंड के कई जिलों में कोरोना के टीका को लेकर अफवाह गर्म है। इस कारण लोग टीका लगवाने से डर रहे हैं। कई स्थानों पर तो स्वास्थ्यकर्मी लोगों का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन लोग टीका लगवाने नहीं आ रहे हैं
भारत विरोधी कुछ लोग महामारी में भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ये लोग कोरोना के टीका को लेकर अफवाह फैला रहे हैं और दुर्भाग्य से सफल भी हो रहे हैं। झारखंड में कोरोना के टीका को लेकर सबसे पहले खूंटी जिले में अफवाह उड़ाई गई। हमारे सूत्रों ने बताया कि मार्च महीने में कुछ कथित स्वयंसेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने खूंटी के अनेक गांवों में अफवाह फैला दी कि कोरोना का टीका लगवाने से व्यक्ति नपुंसक हो जाता है। इसके बाद लोग टीका लगवाने से परहेज करने लगे। यही कारण है कि खूंटी में टीकाकरण अभियान की गति बहुत कम है। लोग टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
अब यह अफवाह राज्य के अन्य जिलों में इस बात के साथ पहुंच गई है कि कोरोना का टीका लगवाने से लोग मर रहे हैं। इस कारण लोग टीका नहीं लगवा रहे हैं। जबकि स्वास्थ्यकर्मी हर पंचायत में जा रहे हैं और वहां के पंचायत भवन में टीकाकरण का पूरा प्रबंध कर लोगों का इंतजार कर रहे हैं। जब बहुत देर के बाद भी लोग टीका लगवाने के लिए नहीं आते हैं, तो स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाते हैं और लोगों से टीका लगवाने का निवेदन करते हैं। इसके बावजूद कोई टीका नहीं लगवा रहा है। गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड की महेशलिट्टी पंचायत में कुछ दिन पहले ऐसा ही हुआ। तय समय पर स्वास्थ्यकर्मियों ने स्थानीय पंचायत भवन में टीकाकरण का पूरा प्रबंध किया। इसके बाद वे लोग ग्रामीणों के आने का इंतजार करने लगे, लेकिन एक घंटे तक कोई भी व्यक्ति टीका लगवाने नहीं पहुंचा। लोग क्यों नहीं आ रहे हैं, यह जानने के लिए जब स्वास्थ्यकर्मी महेशलिट्टी गांव के अनेक घरों में गए तो पता चला कि लोगों के बीच अफवाह है कि कोरोना का टीका लगवाने से लोग मर रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मियों ने गांव वालों को बहुत समझाया कि टीका लगवाने से मौत नहीं हो सकती। मौत का और कोई कारण हो सकता है। इसके बाद भी किसी ने टीका नहीं लगवाया। महेशलिट्टी गांव के शंकर महतो ने बताया, ‘‘गांव में कुछ दिन पहले ही कोरोना से दो लोगों की मौत हुई थी। उन लोगों ने टीका की पहली डोज भी ली थी। इसके बाद यह अफवाह फैल गई कि टीका लगवाने से मौत हो रही है। इसलिए कोई टीका नहीं लगवा रहा है।’’
28 फरवरी को शंकर के बड़े भाई पूरन महतो के निधन के बाद तो अफवाह का बाजार और गर्म हो गया है। उन्होंने मार्च में ही टीका की पहली डोज ली थी। लेकिन एक हफ्ते से बीमार थे और घर पर ही रहकर इलाज करा रहे थे। 27 फरवरी को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उन्हें गोड्डा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच से पता चला कि उन्हें कोरोना नहीं था। उन्हें केवल सांस लेने में दिक्कत थी। इसके बावजूद इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। शंकर ने बताया कि डॉक्टर ने जो दवाई लिखी थी, वह कहीं मिली ही नहीं। इस कारण उनका निधन हो गया। इसके बावजूद कुछ लोगों ने इलाके में अफवाह फैला दी कि पूरन का निधन कोरोना का टीका लेने से हो गया है।
गोड्डा जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित जमनी पहाड़पुर के शशिभूषण ऐसी अफवाह से डरे हुए हैं। उन्होंने टीका की पहली डोज ली है। अब अफवाह के कारण वे दूसरी डोज नहीं लेना चाहते हैं। इसका कारण पूछने पर वे कहते हैं, ‘‘कुछ दिन पहले मेरे एक जानकार ने फोन कर बताया कि कोरोना का टीका लेने से लोग मर रहे हैं। इसके बाद मैं डर गया हूं।’’ जब उनसे पूछा कि उसने मरने वाले व्यक्ति का नाम, गांव आदि बताया? इस पर शशिभूषण ने कहा कि मरने वाले व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं पता, लेकिन हर गांव में अफवाह फैल चुकी है कि कोरोना का टीका लेने से लोग मर रहे हैं।
अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि जितनी जल्दी हो इन अफवाहों को रोक लगाए, अन्यथा महामारी की चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा।
अरुण कुमार सिंह
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