बंगाल में ‘पोरिबोर्तोन’ की आहट
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत पश्चिम बंगाल

बंगाल में ‘पोरिबोर्तोन’ की आहट

by WEB DESK
Apr 30, 2021, 04:54 pm IST
in पश्चिम बंगाल
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बंगाल में पिछले छह दशकों से अराजक राजनीति ने गहराई तक जड़ें जमा ली हैं। आर्थिक गतिविधियां नहीं होने के कारण राजनीति ही व्यवसाय बन गई है

पश्चिम बंगाल में आठवें चरण का मतदान पूरा हो जाने के बाद देर रात तक चैनलों पर एग्जिट पोल का ‘अटकल-बाजार’ लगा रहा, जिसमें चार राज्यों को लेकर करीब-करीब एक जैसी राय थी, पर बंगाल को लेकर दो विपरीत राय थीं। शेष चार राज्यों को लेकर आमतौर पर सहमति है, केवल सीटों की संख्या को लेकर अलग-अलग राय हैं।
वस्तुतः इन पांच राज्यों में से बंगाल के परिणाम देश की राजनीति को सबसे ज्यादा प्रभावित करेंगे। यहाँ का बदलाव देश की राजनीति में कुछ दूसरे बड़े बदलावों का रास्ता खोलेगा। कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही बहस और तीखी होगी। साथ ही यूपीए की संरचना में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं।

बंगाल में पिछले छह दशकों से अराजक राजनीति ने गहराई तक जड़ें जमा ली हैं। आर्थिक गतिविधियां नहीं होने के कारण राजनीति ही व्यवसाय बन गई है। सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता ही सरकारी धन के इस्तेमाल का माध्यम बनते हैं। इसकी परम्परा सीपीएम के शासन से पड़ी है। कोई भी काम कराने में स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भूमिका होती है। गांवों में इतनी हिंसा के पीछे भी यही राजनीति है। राजनीति ने यहां के औद्योगीकरण में भी अड़ंगे लगाए। इस संस्कृति को बदलने की जरूरत है।

बंगाल का नारा है ‘पोरिबोर्तोन।’ सन 2011 में ममता बनर्जी इसी नारे को लगाते हुए सत्ता में आईं थीं और अब यही नारा उनकी कहानी का उपसंहार लिखने की तैयारी कर रहा है। बंगाल के एग्जिट पोल पर नजर डालें, तो इस बात को सभी ने माना है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस का पराभव हो रहा है और भारतीय जनता पार्टी का उभार। यानी कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन के धूल-धूसरित होने में किसी को संदेह नहीं है।

तृणमूल का विकल्प

जैसाकि देश में पोलों के निष्कर्ष लिखने वालों की परम्परा रही है, उनके हाथ ‘पोरिबोर्तोन’ के वक्त कांपते हैं। यों भी बंगाल में ममता बनर्जी का भय काम करता है। वहाँ वोटर भी मीडिया से बात करते समय अपनी राय सीधे व्यक्त नहीं करता। वहाँ नारा चलता है, ‘चुपचाप …. पर छाप।’ यह …. कौन है? वही, जो ममता का विकल्प है। बंगाल में जनता नाराज है, और वह नाराजगी सामने आने वाली है।

बंगाल के एग्जिट पोलों को पढ़ने का प्रयास करें। कुछ पोलों में इधर और कुछ में उधर की स्पष्ट जीत की सम्भावनाएं व्यक्त की गई है। मसलन एबीपी-सीवोटर पोल के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस को 152-164, भाजपा को 109-121 और कांग्रेस-वाम गठबंधन को 14- 25 सीटें मिल सकती हैं। इसी तरह न्यूज 24-टुडे चाणक्य ने टीएमसी को 180 (11 कम या ज्यादा), बीजेपी को 108 (11 कम या ज्यादा), और कांग्रेस-वाम को 4 सीटें दी हैं।

इसके विपरीत इंडिया टीवी-पीपुल्स पल्स के मुताबिक, भाजपा को 173-192 और टीएमसी को 64-88 सीटें मिलने की उम्मीद है। प्रदीप भंडारी के जन की बात का अनुमान है कि भाजपा को 162-185 सीटें मिलेंगी, तृणमूल को 104-121 और कांग्रेस-वाम मोर्चा को 3-9। रिपब्लिक टीवी-सीएनएक्स ने टीएमसी को 128 से 138 सीटें और बीजेपी को 138 से 148 सीटें मिलने की सम्भावना व्यक्त की है। कांग्रेस का गठबंधन 11 से 21 सीटें हासिल कर सकता है।

आंकड़ों की बाजीगरी
ऊपर के दो निष्कर्ष अलग-अलग कहानी बता रहे हैं, पर सबसे रोचक निष्कर्ष इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का है। उसके अनुसार जिन 292 स्थानों पर चुनाव हुआ है, उनमें से बीजेपी को 134 से 160 और तृणमूल को 130 से 156 के बीच सीटें मिल सकती हैं। पोल ने एक तरफ माना है कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी, पर साथ में उसने अपना संशय भी जोड़ दिया है। ज़ाहिर है कि इन एग्जिट पोलों के पीछे कोई परखा हुआ शुद्ध विज्ञान नहीं है, बल्कि आंकड़ों की बाजीगरी है। उनके अपने संशय होते हैं, जिन्हें वे संख्याओं के साथ कोष्ठक में प्लस माइनस लगाकर या इतने से इतनी सीटें मिलेंगी, जैसी बातें लिखते हैं।

भारत में चुनाव-पूर्व सर्वेक्षणों और एग्जिट-पोलों का इतिहास अच्छा नहीं रहा है। आमतौर पर उनके निष्कर्ष भटके हुए होते हैं। जैसे इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का निष्कर्ष इस बार है। फिर ममता बनर्जी की पराजय की घोषणा करने के लिए साहस और आत्मविश्वास भी चाहिए। बंगाल का मीडिया लम्बे अर्से से उनके प्रभाव में रहा है। बंगाल के ही एक मीडिया हाउस से जुड़ा एक राष्ट्रीय चैनल इस बात की घोषणा कर रहा है, तो विस्मय भी नहीं होना चाहिए।

दूसरी तरफ बंगाल का दौरा करके आए रिपोर्टर बता रहे हैं कि तृणमूल का विश्वास डोला हुआ है। उनके रणनीतिकार प्रशांत किशोर का ऑडियो हाल में लीक हुआ है, जिसे गौर से सुनें, तो कहानी समझ में आ रही है। यों भी चुनाव के ठीक पहले तृणमूल को छोड़कर भागने वालों की जैसी कतार इस साल लगी थी, वह भी कुछ बातें कह रही है। बहरहाल 2 मई को बात साफ हो जाएगी।

इन एग्जिट पोलों और इनके पहले आए ओपीनियन पोलों से एक बात स्पष्ट है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से है। भाजपा का कोई भी नम्बर बड़ी सफलता होगी, क्योंकि पिछले सदन में उसकी तीन सीटें थीं। दूसरा निष्कर्ष यह कि कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन का सफाया होने वाला है। 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने यहां 211 सीटें जीती थीं। लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 70 और बीजेपी को सिर्फ तीन।

वस्तुतः राज्य में भाजपा की पैठ का पता सन 2019 के लोकसभा चुनाव से लगा, जब राज्य के तकरीबन 40 फ़ीसदी वोटों की मदद से उसने 18 लोकसभा सीटें जीतीं। तृणमूल ने 43 फ़ीसदी वोट पाकर 22 सीटें जीतीं। दो सीटें कांग्रेस को मिलीं और 34 साल तक बंगाल पर राज करने वाली सीपीएम का खाता भी नहीं खुला। उन परिणामों के विधानसभा-क्षेत्रवार विश्लेषण से यह बात सामने आई थी कि करीब 110 सीटों पर भाजपा की बढ़त थी। अब 2 मई को पता लगेगा कि भाजपा अपनी उस पैठ को बना पाने में सफल रही है या नहीं। अलबत्ता पुरवैया हवा बता रही है कि ‘पोरिबोर्तोन’ करीब है।

शेष चार राज्य
अब एक नजर शेष चार राज्यों के पोल पर डालें। एक चैनल के एग्जिट पोल्स के अनुसार असम में भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन को दोबारा बहुमत मिलता दिखाई पड़ रहा है। भाजपा को 126 सीटों में से 72 मिल सकती हैं। जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन को 53 सीटें मिलने का अनुमान है। यह कई पोलों का औसत निष्कर्ष है। ज्यादातर में बीजेपी की विजय का अनुमान है। अलबत्ता एबीपी न्यूज-सी वोटर का सर्वे कहता है कि दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर है। एनडीए 58 से 71 और कांग्रेस गठबंधन को 53-66 तक सीटें मिल सकती हैं। तमिलनाडु में डीएमके के गठबंधन को, पुदुच्चेरी में एनडीए को और केरल में वाममोर्चा को जीत मिलने की सम्भावनाएं व्यक्त की गई हैं और ज्यादातर पोलों में केवल संख्याओं का अंतर ही है।

प्रमोद जोशी

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies