खुफिया सूत्रों के अनुसार पूनावाला की सुरक्षा को वास्तव में खतरा है. वजह ये कि अपनी उत्पादन क्षमता के कारण सीरम इंस्टीट्यूट राष्ट्र विरोधी ताकतों की आंख में तो खटक ही रहा है, अब विदेशी वैक्सीनों के लिए लॉबिंग करने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी इस पर निशाना साध रहे हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दे दी है. सीआईआई कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन कर रही है. 2017 तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सीआईआई दुनिया की सबसे ज्यादा वैक्सीन उत्पादन करने वाली कंपनी है. अब सवाल ये उठता है, उठाया भी जा रहा है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के सीईओ को वाई श्रेणी की सुरक्षा की जरूरत क्या है. जरूरत है. कांग्रेस के कुंवर राहुल गांधी ने अब पूनावाला पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. ठीक वैसे, जैसे पहले वह रिलायंस इंडस्ट्री के मुखिया मुकेश अंबानी को निशाना बना रहे थे. पता नहीं, इसका कोई सीधा संबंध है या नहीं, लेकिन मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास एंटीलिया पर मुंबई पुलिस से प्रायोजित विस्फोटक पहुंच गया था. वैसे भी राहुल गांधी जिन विदेशी कंपनियों की पैरवी कर रहे हैं, उनकी आंखों में कांटे की तरह सीआईआई खटक रही है.
सीरम इंस्टीट्यूट की नींव 1966 में डॉ. सायर पूनावाला ने रखी थी. 1981 में जन्मे अदार ने 2001 में कंपनी की कमान संभाली. लंदन की वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से स्नातक पूनावाला ने सीरम इंस्टीट्यूट को चमत्कारिक मुकाम पर ला खड़ा किया. 2001 में 35 देशों को सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन सप्लाई करता था. अदार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपनी को पहचान दिलाई. अब सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया के 140 देशों को वैक्सीन का निर्यात करता है. उसकी आय का 85 फीसद हिस्सा निर्यात से आता है. सीरम इंस्टीट्यूट उस समय पूरी दुनिया में छा गया, जब उसने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया. गत बुधवार को पूनावाला को भारत सरकार ने सीआरपीएफ की ‘वाय’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है. गृह मंत्रालय ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है कि सीआरपीएफ के सुरक्षा कर्मी पूरे देश में उनकी सुरक्षा करेंगे. इस श्रेणी में सीआरपीएफ के 11 जवान होते हैं. जिसमें से कुछ कमांडो भी होते हैं. भारत की दो कोरोना रोधी वैक्सीन में से एक का उत्पादन करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रकाश कुमार सिंह ने 16 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दो चिट्ठी लिखी थीं. जिसमें उनसे पूनावाला को सुरक्षा देने का आग्रह किया गया था.
खुफिया सूत्रों के अऩुसार पूनावाला की सुरक्षा को वास्तव में खतरा है. वजह ये कि अपनी उत्पादन क्षमता के कारण सीरम इंस्टीट्यूट राष्ट्र विरोधी ताकतों की आंख में तो खटक ही रहा है, अब विदेशी वैक्सीनों के लिए लॉबिंग करने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी इस पर निशाना साध रहे हैं. सीरम इंस्टीट्यूट में 21 जनवरी को पुणे प्लांट के टर्मिनल एक गेट पर आग लगी थी. इस आग में पांच लोगों की मौत भी हुई. जहां ये आग लगी, वहां वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को विस्तार देने का काम किया जा रहा था. आग खासी रहस्यमयी परिस्थितियों में लगी और आज तक इस आग का कोई स्पष्ट कारण पता नहीं चल सका है. बहरहाल इस आग से उत्पादन क्षमता बढ़ाने के प्रयासों को झटका लगा था. सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी होने के कारण सीरम इंस्टीट्यूट वैसे भी विदेशी वैक्सीन निर्माताओं और उनके लिए लॉबिंग करने वालों के लिए एक बुरा सपना जैसा ही है.
यह सुरक्षा ऐसे समय पर दी गई है, जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता महंगी विदेशी वैक्सीनों के आयात की पैरवी तो कर ही रहे हैं, साथ ही कोविशील्ड के दाम निर्धारित करने पर भी राजनीति कर रहे हैं. बुधवार को ही पूनावाला ने कोविशील्ड की कीमत घटाने की जानकारी दी थी. राज्यों के लिए इस वैक्सीन के दाम 400 रुपये से घटाकर तीन सौ रुपये कर दिए गए हैं. इतना हो हल्ला होने के बावजूद भी कोविशील्ड सभी विदेशी वैक्सीन से सस्ती पड़ेगी. इसके साथ ही अमेरिका ने भी मान लिया है कि भारत की कोवैक्सीन कोरोना के तमाम म्यूटेंट पर असरदार है. इससे विदेशी वैक्सीनों की लॉबिंग करने वालों को खासा झटका लगा है, लेकिन सबसे अहम तथ्य राहुल गांधी का विरोध है. राहुल गांधी, जो अभी तक अंबानी और अडानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्त बताते थे, अब उनकी सूची में अदार पूनावाला का नाम भी जुड़ गया है. जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि अब राहुल गांधी की सत्यनिष्ठा संदिग्ध हो चुकी है. हर देश विरोधी गतिविधि, विचार के साथ उनका जुड़ाव सामने आ जाता है. ऐसे में पूनावाला की सुरक्षा को खतरा समझा जा सकता है. इसलिए भी कि राहुल गांधी मुकेश अंबानी को निशाना बनाते रहे हैं. मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदी कार बरामद हुई थी. बाद में जिसका खुलासा हुआ कि वह मुंबई पुलिस के ही कुछ कर्मचारियों की करतूत थी. लेकिन इस तथ्य पर भी तो गौर करना होगा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल है. वजह चाहे जो भी हो, भारत और पूरी दुनिया आधुनिक काल की सबसे बड़ी चुनौती से निपट रही है. ऐसे में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी के सीईओ को सुरक्षा दिया जाना जरूरी है.
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