दिल्ली के भयावह मंजर के लिए जिम्मेदार केजरीवाल, पूरी फेल साबित हुई दिल्ली सरकार
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

दिल्ली के भयावह मंजर के लिए जिम्मेदार केजरीवाल, पूरी फेल साबित हुई दिल्ली सरकार

by WEB DESK
Apr 29, 2021, 06:19 pm IST
in भारत, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

लापरवाही के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। इस बात को अब दिल्ली समझने लगी है। यही वजह रही कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी माना कि कोरोना की विभीषिका में दिल्ली सरकार द्वारा अपने कर्तव्यों का ठीक तरीके से निर्वहन नहीं किया जा रहा है। केजरीवाल पूरी तरह इसमें फेल साबित हुए हैं

दिल्ली के पारदर्शी मुख्यमंत्री ने 28 अप्रैल की बैठक के संबंध में दिल्ली वालों को ट्विटर पर बताया, “अधिकारियों की एक बैठक बुलाई। आने वाले दिनों में ऑक्सीजन, बिस्तर बढ़ाने की योजना और दिल्ली में घर में पृथक-वास व्यवस्था को मजबूत करने पर चर्चा की। कृपया सभी एहतियाती कदम उठाएं और सुरक्षित रहें।” पूरी दिल्ली इंतजार में थी कि इस पूरी बैठक की लाइव फीड मुख्यमंत्री के ट्विटर पेज से या फेसबुक सोशल मीडिया अकाउंट से मिल जाएगा। दिल्ली वाले मीटिंग का हाल जानने के लिए यहां—वहां भटकते रहे। कई तो उन चैनलों पर गए जहां अरविन्द केजरीवाल की प्रधामनंत्री के साथ हुई बैठक की एक्सक्लूसिव फुटेज ‘प्रोटोकॉल तोड़’ कर चलाई गई थी। हर तरफ निराशा ही हाथ आई। बैठक की जो तस्वीर अरविन्द केजरीवाल ने साझा की है, उसमें स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव और अन्य अधिकारी दिखाई दे रहे थे। वैसे दिल्ली सरकार अपने विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों को पांच सितारा होटल रहने के लिए उपलब्ध करा रही है। संभव है कि उनकी मीटिंग में उन सुविधाओं पर भी बातचीत हुई हो लेकिन लाइव ना किए जाने की वजह से दिल्ली को पता नहीं चल पाया कि दिल्ली के पारदर्शी मुख्यमंत्री दिल्ली के लिए आगे की क्या योजना बना रहे हैं ?

दिल्ली में अब यह मांग जोर पकड़ रही है कि सभी 1000 मोहल्ला क्लीनिक को कोविड केन्द्र में तब्दील किया जाए। दिल्ली इस वक्त बिस्तर के लिए संघर्ष कर रही है और सारे मोहल्ला क्लीनिक बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली को इस वक्त मोहल्ला क्लीनिक की सबसे अधिक जरूरत है। यदि एक मोहल्ला क्लीनिक में बीस बिस्तर भी लगवाए जाते हैं तो 20,000 मरीजों को मोहल्ला क्लीनिक से ईलाज मिल पाएगा। इस समय बिस्तर के अभाव में रोगियों की जान जा रही है।

लापरवाही के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। इस बात को अब दिल्ली समझने लगी है। यही वजह रही कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी माना कि दिल्ली में वैश्विक आपदा में दिल्ली सरकार द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन ठीक तरीके से नहीं किया जा रहा है। केजरीवाल पूरी तरह इसमें फेल साबित हुए हैं। कांग्रेस वही पार्टी है, जिसने तमाम मतभेदों के बावजूद समर्थन देकर दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बनवाई थी। वही कांग्रेस अब राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है।

चौधरी अनिल कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं बेहद व्यथित मन से आपको पत्र लिख रहा हूं। जैसाकि आपके संज्ञान में होगा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में विगत कई दिनों से सामान्य नागरिक अस्पताल में भर्ती ना हो पाने और आक्सीजन की उपलब्धता ना हो पाने के चलते तड़प—तड़प कर मौत का ग्रास बन रहे हैं। इस वैश्विक आपदा के प्रबंधन में राज्य सरकार का कार्यकलाप पूर्णतया गैर जिम्मेदाराना और लापरवाही वाला रहा है। दिल्ली सरकार ने अपने झूठे प्रचार और प्रसार पर करोड़ों रुपए विज्ञापन पर तो खर्च किए लेकिन महामारी से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की।

कांग्रेस अपने पत्र में यह भी मान रही है कि केजरीवाल ने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया। दिल्ली में आक्सीजन की कमी और चिकित्सा व्यवस्था के अभाव के कारण मर रहे नागरिकों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता और अकर्मण्यता को देखते हुए उच्च न्यायालय को भी उनके कार्यकलाप पर टिप्पणी करने को मजबूर होना पड़ा।

पत्र में साफ शब्दों लिखा गया है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और पूरी दिल्ली अराजकता की तरफ बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कांग्रेस की तरफ से आई है।

चौधरी अनिल कुमार इसी पत्र में लिखते हैं— कोरोना महामारी के विषय में देश—विदेश से चिकित्सा वैज्ञानिकों द्वारा जारी चेतावनियों को दरकिनार कर प्रदेश सरकार ने लापरवाही पूर्ण आचरण रखा है और उसी का नतीजा आज प्रदेश की जनता भुगत रही है। प्रदेश सरकार नागरिकों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की अपेक्षा कोरोना महामारी से होने वाली मौत के आंकड़ों से खिलवाड़ कर अपनी नाकामियां छिपाने में व्यस्त है। प्रदेश के नागरिक अस्पतालों की दहलीज पर सांसों के लिए छटपटा रहे हैं और उनके परिजन बिलख रहे हैं। प्रदेश के हर एक कोने में यही भयावह मंजर है। गरीब, मजदूर भूखा मरने की कगार पर है और दिल्ली छोड़कर अपने राज्य वापस जा रहा है। लेकिन केजरीवाल सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।

जब पूरी दिल्ली का विश्वास केजरीवाल से उठ गया है, ऐसे में या तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए या फिर पारदर्शिता के पक्षधर अरविन्द केजरीवाल अपनी सारी कार्रवाइयों को दिल्ली वालों के सामने लाइव करें। ऐसी भी अधिकारियों से वे क्या बात करते हैं जो दिल्ली नहीं सुन सकती ?

प्रोटोकॉल जैसी बाधा केजरीवाल साहब के सामने नहीं आनी चाहिए क्योंकि वे किसी तरह का प्रोटोकॉल नहीं मानते और खुद को अराजक कहते हैं। जब मुख्यमंत्री नहीं बने थे तो बात—बात पर रेफरेन्डम किया करते थे। एक—एक कर प्रशांत भूषण, आशुतोष गुप्ता, आशीष खेतान, योगेन्द्र यादव, कुमार विश्वास, कपिल मिश्रा जैसे अपने सारे करीबियों को उन्होंने पार्टी से निकाल कर बाहर कर दिया। एक बार भी दिल्ली से पूछने की जरूरत नहीं समझी कि कपिल मिश्रा दिल्ली के लिए अधिक जरूरी है या अरविन्द केजरीवाल?

अब केजरीवाल की पुरानी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ही दिल्ली में राष्ट्रपति शासन मांग रही है। क्या केजरीवाल कोई रेफरेन्डम कराना पसंद करेंगे ?

आशीष कुमार ‘अंशु’

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय वायुसेना की महिला पायलट के पाकिस्तान में पकड़े जाने की बात झूठी, PIB फैक्ट चेक में खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies