सीमा पर दुश्मनों से देश की रक्षा करने वाले भारतीय जवान अब कोरोना को भी हराने के लिए आगे आ गए हैं. बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति खराब होने लगी है, ऐसी संकट की घड़ी में एक बार फिर से सेना आगे आई है। सीडीएस बिपिन रावत ने बताया कि इसके लिए भारतीय सेनाओं के जवान देश में तेजी के साथ अस्पतालों समेत अन्य उपकरणों का निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी वायुसेना ऑक्सीजन सप्लाई के काम पर लगातार लगी हुई है, जिससे जल्द से जल्द हर जगह ऑक्सीजन पहुंचाया जाए। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि वर्दी में हमारे पुरुषों और महिलाओं में बाधाओं को तोड़ने और हमेशा और हर समय अतिरिक्त मील चलने के लिए इच्छाशक्ति और समर्पण है। उन्होंने कहा कि हम कर सकते हैं और हम करेंगे, अभी भी हमारे पास यात्रा करने के लिए लंबी दूरी है।
सीडीएस बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं के जवानों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि सशस्त्र बलों के लिए इस अवसर पर उठने का समय है और समयबद्ध तरीके से कोविड को हराने के लिए स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें।
ज्ञात हो कि कोरोना वायरस को लेकर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने बीते सोमवार को पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। पीएमओ ने बताया था कि उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के जरिए की जा रही तैयारी और संचालन की समीक्षा की थी।
सीडीएस जनरव बिपिन रावत ने पीएम को जानकारी दी कि पिछले 2 वर्षों में सेवानिवृत्त या पूर्व-परिपक्व सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को कोविड केंद्रों में उनके वर्तमान निवास स्थान के निकट काम करने के लिए वापस बुलाया जा रहा है। जनरल बिपिन रावत ने पीएम मोदी को यह भी बताया था कि सेना से जो चिकित्सा अधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे अपनी सेवाएं चिकित्सा आपातकालीन हेल्पलाइन के माध्यम से परामर्श के लिए उपलब्ध कराएं।
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