सूरत के ‘देवदूत’
May 17, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

सूरत के ‘देवदूत’

by WEB DESK
Apr 27, 2021, 02:16 pm IST
in दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सूरत शहर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता महामारी से पीड़ित लोगों की सेवा में लगे हैं। इन कार्यकर्ताओं के कार्यों से लाभान्वित लोग उन्हें ‘देवदूत’ की संज्ञा दे रहे हैं

इस समय सूरत (गुजरात) के लोग भी महामारी से परेशान हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में भारी भीड़ है। शहर के चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी चौबीस घंटे काम कर रहे हैं, फिर भी अस्पतालों के गलियारों में मरीजों को लेटे देखा जा सकता है।

इस कारण स्वास्थ्यकर्मी मरीजों के गुस्से का शिकार भी बन रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित कर्मचारियों की संख्या सीमित होने से स्वास्थ्यकर्मियों को अधिक काम करना पड़ रहा है। इसका असर उनकी सेवाओं में दिखाई दे रहा है। ऐसे में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने यह जिम्मेदारी स्वयं के हाथ में लेने का निर्णय लिया। इसके बाद सिविल अस्पताल प्रशासन से चर्चा कर 50 कार्यकर्ताओं ने दोनों पाली में मरीजों की देखरेख करने, उनके खाने-पीने आदि का कार्य अपने हाथ में ले लिया है। ये कार्यकर्ता 15 दिन से यह काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बजरंग दल के कार्यकर्ता नि:शुल्क काढ़ा वितरण का कार्य भी निरंतर कर रहे हैं। प्रतिदिन लगभग 1,000 लोगों को काढ़ा वितरित किया जा रहा है।
ये कार्यकर्ता उन शवों का अंतिम संस्कार भी करते हैं, जिनके रिश्तेदार अंतिम संस्कार करने में सक्षम नहीं हैं। इस कार्य के लिए पांच कार्यकर्ता और एक शव वाहिनी चौबीस घंटे सेवा में रहती है। प्रतिदिन तीन से पांच शवों का अंतिम संस्कार नि:शुल्क किया जा रहा है। बजरंग दल, सूरत महानगर के प्रमुख देवी प्रसाद दुबे कहते हैं, ‘‘हर संकट की घड़ी में हमारे कार्यकर्ता समाज के साथ खड़े रहते हैं। ये कार्यकर्ता हनुमान की भूमिका में रहकर जन सामान्य की सेवा कर रहे हैं।’’

महामारी से इतने लोग मर रहे हैं कि सूरत के विभिन्न श्मशानों घाटों पर भी अंतिम संस्कार के लिए कतार लगी रहती है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के 50 कार्यकर्ता सूरत के प्रसिद्ध रामनाथ घेला अंतिम क्षेत्र, उमरा में दिन-रात मृत देहों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। एक अन्य श्मशान घाट कैलाश मोक्षधाम, कठोर में 22 स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। विहिप, सूरत महानगर के सह महामंत्री संजय बंसल बताते हैं, ‘‘विहिप के कार्यकर्ता नौ अप्रैल से विभिन्न श्मशान घाटों पर तैनात हैं। वहां वे हर उस काम को करते हैं, जिसकी जरूरत पड़ती है।’’

विहिप से जुड़ी मातृशक्ति की बहनें सूरत के दोनों बड़े सरकारी अस्पतालों में और अन्य स्थानों पर प्रतिदिन गायत्री महायज्ञ कर रही हैं, ताकि वातावरण से नकारात्मकता और जीवाणुओं का नाश हो।

यही नहीं, विहिप के कार्यकर्ता अमरोली विस्तार में अपने घर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे मरीजों तक खाना भी पहुंचा रहे हैं। बहनें भोजन तैयार करती हैं और कार्यकर्ता उसे 150 लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

उम्मीद है कि समाज के सहयोग से यह महामारी जल्दी ही विदा हो जाएगी।

गोपाल गोस्वामी

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, पहली बार भाला फेंका 90 मीटर के पार, गोल्डन ब्वॉय ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा

1580 करोड़ की GST चोरी पकड़ी, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और नशा मुक्त राजस्थान की दिशा में भजनलाल सरकार का बड़ा एक्शन

वैश्विक मंदी के बीच भारत बना आर्थिक महाशक्ति : UN ने माना सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था, जारी की रिपोर्ट…

UAE में ट्रंप के स्वागत से बिफरे कट्टरपंथी, कहा- मुस्लिम लड़कियों से क्यों कराया बाल खोलकर डांस

उदयपुर में फिर गला काटने की कोशिश : हिन्दू दुकानदार पर झपट पड़े मजहबी, झुंड में आकर किया हमला

आदमपुर वायुसेना अड्डे पर वायु सैनिकों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

… शस्त्र उठाना हमारी परंपरा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, पहली बार भाला फेंका 90 मीटर के पार, गोल्डन ब्वॉय ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा

1580 करोड़ की GST चोरी पकड़ी, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और नशा मुक्त राजस्थान की दिशा में भजनलाल सरकार का बड़ा एक्शन

वैश्विक मंदी के बीच भारत बना आर्थिक महाशक्ति : UN ने माना सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था, जारी की रिपोर्ट…

UAE में ट्रंप के स्वागत से बिफरे कट्टरपंथी, कहा- मुस्लिम लड़कियों से क्यों कराया बाल खोलकर डांस

उदयपुर में फिर गला काटने की कोशिश : हिन्दू दुकानदार पर झपट पड़े मजहबी, झुंड में आकर किया हमला

आदमपुर वायुसेना अड्डे पर वायु सैनिकों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

… शस्त्र उठाना हमारी परंपरा

क्यों महत्वपूर्ण है बचपन के प्रारंभिक 6 वर्ष..?

झूठ बोलकर बुरा फंसे पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री : भारत ही नहीं पाकिस्तान के अखबारों ने भी खोल दी पोल

तुर्की के खिलाफ भरी हुंकार : स्वदेशी जागरण मंच ने Türkiye दूतावास के बाहर किया प्रदर्शन

प्रथम विश्व युद्ध के बाद ऑटोमन तुर्की सरकार ने लगभग दस लाख अर्मेनियाई लोगों का कत्लेआम किया था (चित्र प्रतीकात्मक, स्रोत- ग्रोक एआई)

क्या है अर्मेनियाई जीनोसाइड और क्या है इसका तुर्की के साथ संबंध ?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies