चार राफेल युद्धक विमानों की पांचवीं खेंप बुधवार को देर रात फ्रांस से भारत पहुंच गई है। बिना रुके आठ हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए इन विमानों में आकाश में ही ईंधन भरा गया
चार राफेल युद्धक विमानों की पांचवीं खेप बुधवार को देर रात फ्रांस से भारत पहुंच गई है। बिना रुके आठ हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए इन विमानों में रीफ्यूलिंग की व्यवस्था फ्रांस की वायुसेना और यूएई ने की।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को ही इन विमानों को हरी झंडी दिखाकर फ्रांस के मैरिग्नेक बॉरडॉक्स एयरबेस से रवाना किया था। अधिकारियों ने बताया कि राफेल युद्धक विमानों की इस पांचवीं खेंप के भारत पहुंचते ही भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल कुल 18 राफेल विमान हो गए हैं। इससे भारतीय वायुसेना के पास राफेल विमानों की एक स्क्वाड्रन पूरी हो गई है।
18 विमानों की पहली स्क्वाड्रन को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया है। जबकि दूसरी स्क्वाड्रन यानी अन्य 18 राफेल विमानों को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाना है।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया पांच दिवसीय दौरे पर सोमवार को फ्रांस पहुंचे थे। वह फ्रांसीसी पायलटों के साथ इन विमानों को बिना रुके भारत पहुंचने के लिए फ्रांस और यूएई की व्यवस्था देखने गए थे।
भारतीय दूतावास ने कोविड-19 के दौर में भी राफेल विमान निर्धारित समय के अंदर भारत को सौंपने और पायलटों के समुचित प्रशिक्षण के लिए धन्यवाद दिया है। साथ ही विमानों की बिना रुके उड़ान के दौरान हवा में ही विमानों में ईंधन भरने के लिए भी यूएई का आभार जताया है।
भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने का फैसला सितंबर, 2016 में भारत सरकार ने किया था। दोनों सरकारों के बीच यह रक्षा सौदा 59 हजार करोड़ रुपये में हुआ था। इस साल के अंत तक सभी 36 विमान भारत को मिल जाने हैं।
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