कांग्रेस के एजेंडे की निकली हवा!
July 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

कांग्रेस के एजेंडे की निकली हवा!

by WEB DESK
Apr 19, 2021, 01:28 pm IST
in भारत, पंजाब
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राकेश सैन

गुड़ खाना और गुलगुले से परहेज करना। सेकुलर कांग्रेस का पंजाब की राजनीति में मत-पंथ को लेकर यही सिद्धांत रहा है, लेकिन अबकी बार लगता है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के एजेंडे पर पूर्ण विराम लग जाएगा। पंजाब में विभेदकारी एजेंडा चलाने वाली कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार को इस बार पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। 

दरअसल, 2015 में पंजाब में श्री गुरुगं्रथ साहिब के साथ बेअदबी की कई घटनाएं सामने आई थीं। फरीदकोट जिले के बरगाड़ी गांव में जब बेअदबी की घटना हुई तो कोटकपुरा व बहिबल कलां में बड़ी संख्या में सिख 14 अक्तूबर, 2015 को सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें दो लोग मारे गए, जबकि 100 घायल हुए थे। पुलिस का आरोप है कि हथियारों से लैस प्रदर्शनकारियों के हमले में 50 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। गोलीकांड की जांच के लिए तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश रणजीत सिंह की अगुआई में एक आयोग का गठन किया था। लेकिन 2017 में सरकार बदल गई और कांग्रेस सत्ता में आई। कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद फिर से श्री गुरुग्रंथ साहिब के साथ बेअदबी और कोटकपुरा गोलीकांड की जांच की मांग उठने लगी। लिहाजा, कांग्रेस सरकार ने आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर उसे जांच का जिम्मा सौंप दिया। गत 10 अप्रैल को एसआईटी ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने जांच के लिए नए सिरे से एसआईटी गठित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, कहा है कि नई एसआईटी में आईजी कुंवर प्रताप सिंह को शामिल नहीं किया जाए।

नई एसआईटी गठित करने का आदेश
न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजबीर सेहरावत ने इस मामले में फंसे पंजाब पुलिस के अधीक्षक गुरदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। गुरदीप सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा के जरिए अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि कुंवर विजय प्रताप सिंह राजनीतिक संरक्षण में मामले की जांच कर रहे हैं। उनके प्रति कुंवर विजय प्रताप सिंह का रवैया भेदभावपूर्ण है। उन्होंने जब इस मामले में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी, तब भी आईजी ने उन्हें याचिका वापस लेने के लिए धमकाया था। इन्हीं कारणों से गुरदीप सिंह ने अपनी याचिका में अदालत से कुंवर विजय प्रताप सिंह का नाम एसआईटी से हटाने की मांग की थी। इस पर अदालत ने पंजाब सरकार और राज्य के डीजीपी से इस पर जवाब दाखिल करने को कहा था कि क्या गोलीकांड की जांच कर रही एसआईटी में बदलाव किए जा सकते हैं या नहीं।

राज्य सरकार और डीजीपी ने अपने जवाब में कहा था कि याचिकाकर्ता गुरदीप सिंह एक संगीन मामले में आरोपी हैं। वह एसआईटी पर कैसे आरोप लगा सकते हैं? अगर इस तरह के आरोपों पर एसआईटी में बदलाव किया गया तो इससे न केवल जांच प्रभावित होगी, बल्कि जांच दल का मनोबल भी गिरेगा। बाद में कुंवर विजय प्रताप सिंह ने भी जवाब दाखिल कर अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत करार दिया था। साथ ही, कहा था कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी एवं वैज्ञानिक तरीके से मामले की जांच कर रहे हैं। गुरदीप सिंह के बाद पूर्व पुलिस प्रमुख सुमेध सिंह सैनी और उप-महानिरीक्षक स. परमराज उमरानांगल ने भी इस एसआईटी जांच को अदालत में चुनौती दी थी। लिहाजा, अदालत ने सरकार की तमाम दलीलों और एसआईटी द्वारा अब तक की गई जांच को खारिज करते हुए नए सिरे से एसआईटी गठित करने के आदेश दिए हैं।

एसआईटी ने अपनी जांच में तत्कालीन गृहमंत्री और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, तत्कालीन पुलिस प्रमुख सुमेध सैनी, गोलीबारी में शामिल रहे पुलिस अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया था। इस प्रकरण के बाद से ही पूरा मामला राजनीतिक रंग लेने लगा और बादल परिवार व शिरोमणि अकाली दल को इसके लिए दोषी माना जाने लगा। नौबत यहां तक आ गई थी कि सुखबीर बादल, हरसिमरत कौर बादल समेत अकाली दल के शीर्ष नेताओं को सार्वजनिक स्थलों पर सिख समुदाय के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा।

कट्टरपंथियों को कांग्रेस की शह
2015 में पंजाब में श्री गुरुगं्रथ साहिब के अपमान की कई घटनाएं सामने आई थीं। इसे लेकर सिख समुदाय आक्रोशित था। कोटकपुरा के गांव बहिबल कलां में पुलिस गोलीकांड के बाद आक्रोशित लोगों का नेतृत्व पूरी तरह राज्य के कट्टरपंथी ताकतों के हाथों में चला गया था। कट्टरपंथियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल व उपमुख्यमंत्री स. सुखबीर सिंह बादल को पंथ विरोधी तक करार दे दिया था। इस तथ्य से सभी परिचित हैं कि पंजाब में कांग्रेस हमेशा से अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, अकाली दल (बादल) और भाजपा के विरुद्ध कट्टरपंथियों को प्रोत्साहन देती आई है। यही कारण था कि जब बादल सरकार ने जांच के लिए का गठन किया तो विपक्षी दलों के साथ कट्टरपंथियों ने आरोप लगाते हुए इस फैसले का विरोध किया कि आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री के करीबी रहे हैं। अकाली-भाजपा गठजोड़ को इन घटनाओं पर उपजे लोगों के आक्रोश का खामियाजा भी भुगतना पड़ा और 2017 के विधानसभा चुनाव में न केवल गठबंधन के हाथ से सत्ता की बागडोर छूट गई, बल्कि आम आदमी पार्टी के बाद यह तीसरे स्थान पर खिसक गया।

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने मामले की जांच कराने का भरोसा दिलाया था। सत्ता में आने के बाद इन्हीं कट्टरपंथियों की मांग को मानते हुए कैप्टन अमरिंदर सरकार ने आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया। प्रशासनिक दृष्टि से राज्य सरकार अगर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए ऐसा करती तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होती, लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने राजनीतिक विरोधियों, खासकर अकाली दल को पंथक मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया। चूंकि अकाली दल राज्य में पंथक राजनीति करता आया है, इसलिए कैप्टन अमरिंदर का यह प्रयास उसे अपने घर में घेरने का था। याचिकाकर्ता के अनुसार, कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व वाली एसआईटी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में सबसे बड़ी खामी यह है कि यह पूरी तरह एकतरफा है। इस रिपोर्ट में उन पुलिसकर्मियों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए, जो हथियारों से लैस कट्टरपंथियों के हिंसक प्रदर्शन में घायल हुए थे। इस हमले में कई पुलिसकर्मी मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए थे। इससे इस आशंका को बल मिलता है कि एसआईटी पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर काम कर रही थी।

कुटिल चाल का खमियाजा
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस पहली बार पंथक एजेंडे को सामने रख कर काम कर रही है। अतीत में वह पहले भी ऐसा कर चुकी है, जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ा है। 1970 के दशक में कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री स. दरबारा सिंह, ज्ञानी जैल सिंह व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम लिया जाता रहा है, पर पंजाब में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अकाली दल को कमजोर करने के लिए कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। कांग्रेस के इस रवैये के कारण राज्य न केवल लगभग दो दशक तक आतंकवाद की आग में झुलसा, बल्कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर 35 हजार लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गए। इसकी टीस आज तक महसूस होती है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरू ग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं के कारण उपजे जनाक्रोश से न केवल पिछले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाया, बल्कि अब भी वे इसी तरह के प्रपंच में जुटे हुए दिख रहे थे। वे कुंवर विजय प्रताप सिंह की अगुआई वाली एसआईटी की जांच रिपोर्ट को आगामी विधानसभा चुनाव में भुनाने की फिराक में थे। लेकिन उच्च न्यायालय ने फिलहाल इस पर विराम लगा दिया है।

आईजी ने मांगी सेवानिवृत्ति
इस बीच, कोटकपुरा गोलीकांड मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम के वरिष्ठ सदस्य आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने सेवानिवृत्ति की इच्छा जाहिर की है। हालांकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें सेवानिवृत्ति देने से इनकार करते हुए कहा है कि वे बहुत समर्थ और कुशल अधिकारी हैं। पंजाब विभिन्न आंतरिक एवं बाहरी खतरों का सामना कर रहा है। ऐसे समय में सीमावर्ती राज्य पंजाब को उनके जैसे अधिकारियों की बहुत जरूरत है।
कुल मिलाकर उच्च न्यायालय के फैसले से न केवल कांग्रेस की दोहरी मानसिकता उजागर हुई है, बल्कि राज्य की राजनीति में हाशिये पर जा चुके अकादल दल को भी संजीवनी मिल गई है, क्योंकि अब तक इस गोलीकांड के लिए उसे ही दोषी माना जा रहा था।

अदालत के फैसले को चुनौती देंगे कैप्टन
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले पर मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि राज्य सरकार इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी। कुंवर विजय प्रताप सिंह को एसआईटी से हटाने या कोटकपूरा गोलीकांड की जांच रद्द करने के उच्च अदालत के फैसले के विरुद्ध शीर्ष अदालत में जाने की तैयारी चल रही है। कैप्टन ने कहा कि इस अधिकारी और उसकी टीम ने कोटकपूरा मामले की जांच को तेजी से आगे बढ़ाते हुए शानदार काम किया है। अकालियों ने पिछले चार वर्ष के दौरान इसे रोकने की पूरी कोशिश की।

अदालत ने दिया सच्चाई का साथ : सुखबीर
अकाली दल के अध्यक्ष व राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कैप्टन सरकार एसआईटी के जरिए राजनीतिक रोटियां सेंकने की तैयारी कर रही थी, पर अदालत ने सच्चाई का साथ दिया है। सभी चाहते हैं कि गुरू ग्रंथ साहिब के अपमान के आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, पर ऐसी घटनाओं का राजनीतिक लाभ उठाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

‘आरोपियों को अंजाम तक पहुंचाया जाए’
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि पार्टी का पहले भी मानना था कि मामले की पूरी गहराई से जांच हो और श्री गुरुग्रंथ साहिब के साथ अपमानजनक व्यवहार करने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाए। श्री गुरुग्रंथ साहिब ने दुनिया को समरसता, समता व भाईचारे का पाठ पढ़ाया है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

महाराष्ट्र के जलगांव में हुई विश्व हिंदू परिषद की बैठक।

विश्व हिंदू परिषद की बैठक: कन्वर्जन और हिंदू समाज की चुनौतियों पर गहन चर्चा

चंदन मिश्रा हत्याकांड का बंगाल कनेक्शन, पुरुलिया जेल में बंद शेरू ने रची थी साजिश

मिज़ोरम सरकार करेगी म्यांमार-बांग्लादेश शरणार्थियों के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड, जुलाई से प्रक्रिया शुरू

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

‘कोचिंग सेंटर का न हो बाजारीकरण, गुरुकुल प्रणाली में करें विश्वास’, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से की खास अपील

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार

ISIS स्टाइल में कर रहे थे इस्लामिक कन्वर्जन, पीएफआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठन से भी कनेक्शन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

महाराष्ट्र के जलगांव में हुई विश्व हिंदू परिषद की बैठक।

विश्व हिंदू परिषद की बैठक: कन्वर्जन और हिंदू समाज की चुनौतियों पर गहन चर्चा

चंदन मिश्रा हत्याकांड का बंगाल कनेक्शन, पुरुलिया जेल में बंद शेरू ने रची थी साजिश

मिज़ोरम सरकार करेगी म्यांमार-बांग्लादेश शरणार्थियों के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड, जुलाई से प्रक्रिया शुरू

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

‘कोचिंग सेंटर का न हो बाजारीकरण, गुरुकुल प्रणाली में करें विश्वास’, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से की खास अपील

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार

ISIS स्टाइल में कर रहे थे इस्लामिक कन्वर्जन, पीएफआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठन से भी कनेक्शन

छांगुर कन्वर्जन केस : ATS ने बलरामपुर से दो और आरोपी किए गिरफ्तार

पंजाब में AAP विधायक अनमोल गगन मान ने दिया इस्तीफा, कभी 5 मिनट में MSP देने का किया था ऐलान

धरने से जन्मी AAP को सताने लगे धरने : MLA से प्रश्न करने जा रहे 5 किसानों को भेजा जेल

उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 : पारदर्शिता, तीव्रता और दूरदर्शिता के साथ काम कर ही है धामी सरकार – अमित शाह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies