राजस्थान में दिनोंदिन माफिया राज हावी होता जा रहा है। एक ओर बजरी व नशा माफिया द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या की जा रही है, वहीं दूसरी ओर भूमाफियाओं द्वारा मंदिर की जमीनों पर अवैध कब्जा करने की होड़ मची हुई है। आए दिन ऐसे अनेक मामले सामने आने के बावजूद सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इनके विरोध में प्रदेश में अब आंदोलन हो रहे हैं।
पहला मामला दौसा जिले के महुवा उपखण्ड के टिकरी गांव का है, जहां मूक बधिर पुजारी के परिवार को प्रलोभन देकर मंदिर की 26 बीघा भूमि को हड़पने का मामला सामने आया।
भूमाफिया द्वारा भूमि की जबरन रजिस्ट्री कराने से आहत मूक बधिर पुजारी शंभू शर्मा की मौत हो गई। पुजारी शंभू शर्मा के परिवार को न्याय दिलाने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने 10 दिनों तक पहले महुवा, फिर जयपुर में मुख्यमंत्री निवास के पास पुजारी का शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। कई दिन तक चले धरने, लाठीचार्ज, झड़प के बाद सर्वसमाज को बड़ी संख्या में लामबंद होता देख राज्य सरकार को झुकना पड़ा और प्रमुख मांगे मानकर मामले का पटाक्षेप किया। जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी व राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने धरने की समाप्ति की घोषणा की। दस दिन के लंबे इंतजार और मांगों पर सहमति के बाद रविवार को बड़ी तादाद में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों व सर्व समाज के हजारों लोगों की मौजूदगी में टीकरी में उनकी पैतृक भूमि में अंत्येष्टि हुई। वहीं सरकार व प्रतिनिधिमंडल के बीच बनी सहमति में तय हुआ है कि राजस्व विभाग द्वारा मंदिर की जमीनों के संरक्षण के विधिक एवं प्रशासनिक उपाय सुझाव देकर अनुशंसा करेगा।
मर चुका सत्ताधारियों का जमीर : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री निवास के पास पड़ा शंभू पुजारी का शव दरअसल राजस्थान के सत्ताधारियों के मर चुके जमीर का परिदृश्य है। दौसा में शंभू पुजारी की जमीन पर कब्जा करने के बाद भू-माफिया ने उनकी हत्या कर दी। यह विषय अब न्याय मांगने से कहीं बड़ा बन चुका है। ऐसा राज्य जहां पुजारी सुरक्षित नहीं, जहां महिला, बच्चियां सुरक्षित नहीं, जहां आमजन सुरक्षित नहीं, ऐसे राज्य के मुखिया से न्याय मांगना भैंस के आगे बीन बजाना जैसा है। आमजन का एक ही सवाल है, कहां जाएं, किस से गुहार करें, किस से उम्मीद लगाएं न्याय की ? कब होगा न्याय ? कब होगा राजस्थान के काले अध्याय का अंत ? कब मिलेगी राजस्थान को भय, अपराध और अधर्मियों से मुक्ति ? मुख्यमंत्री जी ये सब सवाल वाजिब हैं और इनका जवाब हम सब आप से लेकर रहेंगे।
तस्करों की फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों की मौत
प्रदेश के भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी तथा रायला थाने के लीडिया का खेड़ा गांव में मादक पदार्थ तस्करों ने नाकाबंदी कर रही पुलिस पर फायरिंग कर दी। घटना में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। पहली घटना कोटड़ी की है। पुलिस को सूचना मिली थी कि दो गाड़ियों में मादक पदार्थ तस्करी कर ले जाया जा रहा है। इस पर पुलिस ने चारभुजा नाथ मंदिर के पास नाकाबंदी के दौरान रात को दो पिकअप और दो जीप को पुलिसकर्मियों ने रोकने का इशारा किया। पुलिसकर्मी पिकअप की तलाशी को लेकर उसमें सवार तस्करों से बात कर रहे थे कि उनके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए हमले में पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका नहीं मिला। इस बीच, कोटड़ी थाने के सिपाही ओंकार सिंह के सीने में गोली लगने से उनकी मौत हो गई। इस बीच, फरार तस्करों की सूचना पर जिले की पुलिस द्वारा घेराबंदी के प्रयास जारी थे। देर रात ढाई बजे यही तस्कर रायला थाना क्षेत्र में पहुंचे तो पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो तस्करों ने अपना रास्ता बदल लिया। पीछा करने पर लीडिया का खेड़ा गांव में तस्करों ने एक बार फिर पुलिस पर फायरिंग कर दी। जिसमें रायला थाने के जवान पवन चौधरी के सिर में गोली लगने से मौत हो गई।
राजस्थान में बढ़ते अपराधों पर ट्वीट करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने लिखा, हे भगवान …आज फिर अपराध सुर्खियों में है। कल रात भीलवाड़ा में तस्करों ने जांबाज सिपाहियों की जान ले ली; लोहार्गल की पहाड़ियों में आदमी को जिंदा जला दिया; खेड़ली और नागौर में बालिकाओं के साथ दुष्कर्म; बेहतर है सरकार पुलिस की पंच लाईन बदल दे!
“अपराधियों में भरोसा-आम जन में भय”
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