गत 9 अप्रैल की मध्य रात्रि को बिहार के किशनगंज की पुलिस अपने दल के साथ चोरी की मोटर साइकिल की तहकीकात करने पश्चिम बंगाल स्थित ग्वालपाड़ा थाना के पंथापड़ा गांव गई थी। पूछताछ के क्रम में ही अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर हमला बोल दिया गया। इस हमले में किशनगंज थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की मृत्यु हो गई।
बिहार के किशनगंज की पुलिस अपने दल के साथ चोरी की मोटर साइकिल की तहकीकात करने पश्चिम बंगाल स्थित ग्वालपाड़ा थाना के पंथापड़ा गांव गई थी। पूछताछ के क्रम में ही अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर हमला बोल दिया गया। इस हमले में किशनगंज थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की मृत्यु हो गई। घटनास्थल पर पुलिस महानिरीक्षक—पूर्णिया और किशनगंज जिला पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष कैम्प किये हुए हैं।
दरअसल यह इलाका देश के सबसे संवेदनशील चिकेन नेक क्षेत्र में पड़ता है। मॉब लींचिंग में बेटे अश्विनी कुमार की मृत्यु का समाचार 72 वर्षीया माँ बर्दाश्त नहीं कर सकी। 11 अप्रैल की सुबह 6 बजे मां उर्मिला देवी ने दम तोड़ दिया। मां-बेटे की एक साथ अर्थी उठी। बलिदानी पुलिस अधिकारी को मुखाग्नि इकलौते 7 वर्षीय पुत्र वंश ने दी। मां को उनके छोटे बेटे प्रवीण कुमार ने मुखाग्नि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवीण कुमार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। इस संबंध में तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य अभियुक्त फ़िरोज आलम,अबुजार आलम और सहिनुर खातून हैं।
खबरों की मानें तो अपराधियों का सम्बन्ध पश्चिम बंगाल से जुड़ा था, इसलिए बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के गोवालपोखर थाना को सूचना देकर छापेमारी की गई थी। लेकिन इस सबके बावजूद मजहबी कटृटरपंथियों ने अपराधियों के बचाव में पुलिस पर हमला कर दिया और थानेदार को पीट-पीट कर मार डाला। पश्चिम बंगाल पुलिस पर आरोप है कि उसने जांच में किसी भी प्रकार का कोई सहयोग नहीं किया। इस दौरान अश्विनी कुमार के साथ गए पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
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