जब हिंदुओें और उनके मासूम बच्चों को रोहिंग्याओं ने बर्बरता से कत्ल किया था
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जब हिंदुओें और उनके मासूम बच्चों को रोहिंग्याओं ने बर्बरता से कत्ल किया था

by WEB DESK
Apr 3, 2021, 09:40 am IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हिंदुओं का नरसंहार करने वाले रोहिंग्याओं को क्या आप भारत में देखना चाहेंगे। इन्होंने 2017 में म्यांमार में हिंदुओं के सामूहिक नरसंहार को अंजाम दिया था. ये लाशें सामूहिक कब्रों में दफन थी. बच्चे, बूढ़े, जवान, औरतें किसी को नहीं बख्शा गया था

हिंदुओं की हत्या, नरसंहार आमतौर पर विश्व मीडिया के लिए खबर नहीं होती. पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक हर जगह हिंदुओं का बेरोकटोक संहार जारी है. लेकिन हम आपको ऐसे नरसंहार के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में 2020 तक दुनिया को पता ही नहीं चला. भारत में जबरन घुसे जो रोहिंग्या जिहादी सुप्रीम कोर्ट तक जीने के अधिकार के तहत यहां से न निकाले जाने की दुहाई दे रहे हैं, इन्होंने 2017 में म्यांमार में हिंदुओं के सामूहिक नरसंहार को अंजाम दिया था. ये लाशें सामूहिक कब्रों में दफन थी. बच्चे, बूढ़े, जवान, औरतें… किसी को नहीं बख्शा गया. जिंदा बचे बस वो लोग, जो या तो छिप गए थे या फिर जिन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया. 99 हिंदुओं की लाशें सामूहिक कब्रों से बरामद हुईं. सैकड़ों अब भी लापता हैं. क्या आप बर्दाश्त करेंगे इस जिहादी कौम को भारत की पावन भूमि पर.

साल 2017 था. म्यामांर के रखाइन प्रान्त में रोहिंग्या अराकान रोहिंग्या सालवेशन आर्मी (एआरएसए) के आतंकवादियों आईएसआईएस, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बांग्लादेशी आतंकवादियों के गठजोड़ के साथ मिलकर म्यांमार में सुरक्षा बलों पर हमले शुरू किए. एआरएसए का गठन रखाईन प्रांत को रोहिंग्याओं के लिए एक आजाद इस्लामिक मुल्क बनाने के लिए किया गया था. इनका मुख्य निशाना बौद्ध थे, लेकिन बहुत मामूली तादाद (तकरीबन 15 हजार) में रहने वाले हिंदू भी इनके लिए इतने ही बड़े दुश्मन थे. इस साल इन्हें अंतरराष्ट्रीय जिहादी नेटवर्क से खासी रकम और हथियार हासिल हुए. इन्होंने सीमा पर म्यांमार सेना की बीस चौकियों पर हमला किया. नौ सैनिकों की हत्या कर दी.

लेकिन फिर इसके बाद जो हुआ, वो इन रोहिंग्याओं की बर्बरता का असली चेहरा था. एआरएसए ने रखाईन प्रांत से हिंदुओं का सफाया करने का फैसला किया. 25 और 26 अगस्त 2017 को सैकड़ों की तादाद में रोहिंग्या आतंकवादियों ने काले नकाब पहनकर हिंदू गांवों पर हमले शुरू किए. ये आतंकवादी तलवार, चाकू, भाले, तलवार जैसे हथियार लिए हुए थे. खा मॉन्ग सेक में ये रूह कंपा देने वाला हमला हुआ.

आशीष कुमार की आठ साल की बेटी को इन जिहादियों ने मार डाला. बकौल आशीष- “उन दिनों मेरी बेटी की तबीयत खराब थी इसलिए मैंने उसके इलाज के लिए अपनी ससुराल में छोड़ा था. बाद में पता चला कि वे लोग मेरी सास और मेरी बेटी को अपने साथ ले गए है. जब हम वहां गए तो पूरे इलाके में बदबू थी. हम लोगों ने मिलकर कई घंटे जहां-तहां खुदाई ती. थोड़ी देर बाद मेरी नजर हाथ के कड़े और गले में पहनने वाले लाल-काले रेशम के धागे पर पड़ी. वो मेरी बेटी के अवशेष थे. इन दो चीजों की वजह से ही मैं उसकी शिनाख्त कर पाया.

कुकु बाला ने अपने पति और बेटी को की लाश देखी. कुकु बाला ने बताया-मेरे पति मेरी बेटी को लेकर पास के गांव में काम करने गए थे. शाम को मेरी बहन को एक फोन आया और कहा कि उन लोगों ने उन दोनों की कुर्बानी दे दी है. अब हमारे साथ भी यही होगा. डरकर मैं घर में तीन दिन छिपी रही. फिर फौज हमें शिविर में लेकर आई.

मात्र दो गांव से 99 लोगों टुकड़े कर डाले गए. एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का आज तक पता नहीं चल सका है. सैकड़ों की तादाद में हिंदुओं को शिविरों में रहना पड़ा. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट में रोहिंग्या ‘आतंकियों’ का हाथ बताया था. रिपोर्ट में एमनेस्टी ने कहा था कि इस नरसंहार को अंजाम देने वाले एआरएसए के आतंकवादी हैं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि दो दिन में 45 हिंदुओं के शव 3 गड्ढों में पाए गए थे. ये शव जब निकाले गए तो बुरी तरह क्षत-विक्षत थे. कुछ का गला काटा गया था, कुछ का सिर और कुछ के अन्य अंग. पहले शवों की गिनती 45-48 के बीच होती रही. फिर हमले में गायब कुल संख्या से मालूम हुआ कि लगभग 99 हिंदुओं को वहां मौत के घाट उतारा गया.

पश्चिमी म्यांमार के हिंदू आबादी वाले गांव में रीका धर ने अपने पति, 2 भाइयों और कई पड़ोसियों को नृशंसतापूर्वक मौत के घाट उतरते हुए अपनी आँखों से देखा. घटना के काफी दिनों बाद एक न्यूज चैनल से बातचीत में धर ने बताया- कत्ल करने के बाद उन्होंने बड़े-बड़े तीन गड्ढे खोदे और सबको उसमें फेंक दिया. उनके हाथ उस समय भी पीछे की ओर बंधे हुए थे और आंखों पर पट्टी बाँध दी गई थी. 15 वर्षीया प्रोमिला शील ने बताया था कि पहाड़ियों में ले जाने के बाद उन्होंने हर किसी को मौत के घाट उतार दिया. मैंने अपनी आंखों के सामने यह सब देखा. राजकुमारी ने कहा, “हमें उस तरफ देखने से मना किया गया था. उनके हाथ में चाकू, तलवारें और लोहे की रॉड थी. हमने खुद को झाड़ियों में छिपा लिया था. इसलिए हम वो सब देख पाए. मेरे पिता, मेरे चाचा और मेरे भाई…सबको उन्होंने काट डाला. इस पूरे घटनाक्रम में रोहिंग्या जिहादियों ने आठ हिंदू महिलाओं समेत कुछ बच्चों को छोड़ने की बात मान ली. लेकिन पहले इनसे इस्लाम कबूल कराया गया.

घटना के उसी दिन उसी प्रात के एक अन्य गांव ये बऊक क्यार से 46 लोग हिंदू लापता हो गए. इनके शव बहुत ढूंढने के बाद भी बरामद नहीं हो पाए. 26 अगस्त 2017 को आतंकियों ने मंगडओ शहर के पास म्यो थू गेई गांव में 6 हिंदुओं को गोलियों से छलनी कर दिया. 25 वर्षीय महिला ने बताया कि उसके पति और बेटी को उसके सामने नकाबपोशों ने मारा. हालांकि वह उनका चेहरा नहीं देख पाई. लेकिन उनकी आँखे, बड़ी-बड़ी बंदूकें और तलवारे उसने जरूर देखीं. उसने कहा, “मेरे पति को जब मारा गया। मैं थोड़े होश में थी.

क्या इस रिपोर्ट को पढ़कर, हिंदुओं की आपबीती बनकर आपका कलेजा नहीं कांपा. क्या ये भूल जाने लायक घटना है. क्या इस नरसंहार को जिम्मेदार देने वाली जिहादी कौम को आप इस देश में बसने देंगे. रोहिंग्या पिछले कुछ साल में ही देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं. रोहिंग्याओं का सबसे बड़ा शरणदाता बांग्लादेश भी इनसे परेशान है. इन्होंने बांग्लादेश के कॉक्स बाजार क्षेत्र को ड्रग्स की तस्करी का सबसे बड़ा बाजार बना डाला है. बांग्लादेश सरकार इन रोहिंग्याओं को एक निर्जन द्विप पर बसाने की तैयारी कर रही है. लेकिन हमारे देश में प्रशांत भूषण जैसे लोग क्विंट, वायर जैसी वेबसाइटें इनके लिए मानवाधिकार और जीवन के अधिकार जैसी ढाल लेकर खड़े हो जाते हैं. इसी वामपंथी मीडिया ने जब 2020 में हिंदू नरसंहार और सामूहिक कब्रें सामने आईं, तो रोहिंग्याओं का बचाव करने की पूरी कोशिश की थी. ऐसे-ऐसे सवाल उठाए गए, जो हास्यास्पद हैं. मसलन रोंहिग्या मुसलमान हिंदुओं को क्यों मारेंगे. इसका जवाब दो दीवार पर लिखा है. काफिर का कत्ल. एक उदाहरण देखिए. जिहादी सोच के जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा था- अगर रखाइन में हिंदुओं की कब्र मिली है तो यह सब वहां की सेना की वजह से हुआ होगा. नहीं तो, सैकड़ों की संख्या में हिंदू लोग वहाँ से रोहिंग्याओं के साथ क्यों भाग गए.

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

Peaceful Enviornment after ceasfire between India Pakistan

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज क्या हैं हालात, जानें ?

Virender Sehwag Pakistan ceasfire violation

‘कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान पर क्यों भड़के वीरेंद्र सहवाग?

Operation sindoor

Operation Sindoor: 4 दिन में ही घुटने पर आ गया पाकिस्तान, जबकि भारत ने तो अच्छे से शुरू भी नहीं किया

West Bengal Cab Driver Hanuman chalisa

कोलकाता: हनुमान चालीसा रील देखने पर हिंदू युवती को कैब ड्राइवर मोहममद इरफान ने दी हत्या की धमकी

ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान ने सैनिकों जैसा सम्मान दिया।

जवाब जरूरी था…

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

Peaceful Enviornment after ceasfire between India Pakistan

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज क्या हैं हालात, जानें ?

Virender Sehwag Pakistan ceasfire violation

‘कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान पर क्यों भड़के वीरेंद्र सहवाग?

Operation sindoor

Operation Sindoor: 4 दिन में ही घुटने पर आ गया पाकिस्तान, जबकि भारत ने तो अच्छे से शुरू भी नहीं किया

West Bengal Cab Driver Hanuman chalisa

कोलकाता: हनुमान चालीसा रील देखने पर हिंदू युवती को कैब ड्राइवर मोहममद इरफान ने दी हत्या की धमकी

ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान ने सैनिकों जैसा सम्मान दिया।

जवाब जरूरी था…

CeaseFire Violation : गुजरात के शहरों में फिर ब्लैकआउट, कच्छ में फिर देखे गए पाकिस्तानी ड्रोन

india pakistan ceasefire : भारत ने उधेड़ी पाकिस्तान की बखिया, घुटनों पर शहबाज शरीफ, कहा- ‘युद्धबंदी चाहता हूं’

Pakistan ने तोड़ा Ceasefire : अब भारत देगा मुहंतोड़ जवाब, सेना को मिले सख्त कदम उठाने के आदेश

international border पर पाकिस्तान की कायराना हरकत : गोलाबारी में BSF के 8 जवान घायल!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies