राघवेंद्र सिंह
राजस्थान के रामभक्तों ने अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के लिए दिल खोलकर निधि समर्पण किया है, जो कि पूरे देश में अब तक का सर्वाधिक निधि समर्पण है। कुल 43 दिन चले अभियान में रामभक्तों ने दिन के प्रति घंटे एक करोड़ रु. से अधिक का निधि समर्पण किया। इसमें दैनिक मजदूर, किसान, किन्नर तथा वनवासी अंचल से लेकर घुमंतू वर्ग के लोगों ने भी यथायोग्य निधि समर्पण कर प्रभु श्रीराम के प्रति अपनी प्रगाढ़ आस्था का परिचय दिया। पूरे अभियान के दौरान प्रत्येक जिले में ऐसे अनेक प्रसंग सामने आए जिन्होंने कार्यकर्ताओं के मन-मस्तिष्क को द्रवित कर दिया। प्रदेश से 516 करोड़ रु. से अधिक की राशि मंदिर के लिए अर्पित की जा चुकी है। जयपुर के कार्यकर्ता राजीव पंवार ने बताया कि मालवीय नगर की उषा बस्ती में निधि समर्पण के दौरान महिलाओं में अभूतपूर्व उत्साह था। एक 70 वर्षीया महिला ने अपनी विधवा पेंशन से बचाई राशि में से 11,000 रु. समर्पित किए। वहीं दैनिक मजदूरों की एक बस्ती में कार्यकर्ता भूल से 100 रुपए के स्थान पर 1,000 रुपए के कूपन दे आए। भूल ध्यान में आने पर उनसे कूपन बदलवाने गए तो उन्होंने कहा भूल आपसे नहीं, हमसे हुई है। रामजी की यही इच्छा थी, ऐसा कहकर उन चारों परिवारों ने 900-900 रुपए और दिए। इसी प्रकार दौसा जिले के कार्यकर्ता परमानंद ने बताया कि निधि संकलन के दौरान अभावग्रस्त वर्ग की बस्ती में एक घुमंतू परिवार छूट गया तो उन्होंने वापस बुलाकर उलाहना दी तथा पूरे श्रद्धाभाव के साथ निधि समर्पित की। टोंक जिले में एक कालबेलिया घुमंतू परिवार के दो भाइयों ने कार्यकर्ताओं की आवभगत करते हुए चाय पिलाई तथा उनकी अपेक्षा से भी ज्यादा निधि सहर्ष समर्पित की।
जयपुर प्रांत में अभियान के प्रमुख कार्यकर्ताओं के अनुभव-कथन सुनने 7 मार्च को जयपुर आए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि इस अभियान में समाज द्वारा ‘तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा… ’ के भाव से किए गए निधि समर्पण ने सिद्ध कर दिया है कि पूरा भारत एक है।
उन्होंने कहा कि गत 15 जनवरी से प्रारंभ हुआ विश्व का सबसे बड़ा जन संपर्क अभियान 27 फरवरी को पूर्ण हो गया। इस अभियान में 1, 75,000 टोलियों में लगभग 9,00000 कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर संपर्क किया। 38,125 कार्यकर्ताओं के माध्यम से 4 मार्च तक 2,500 करोड़ से अधिक की समर्पण निधि बैंकों में जमा हुई है। हम 4,00000 गांवों में समर्पण के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुए हैं। नगरीय क्षेत्रों के सभी वार्डों में संपर्क हुआ है। ऐसे में संभवत: 10 करोड़ परिवारों से हमारा संपर्क हुआ है तथा समाज के हर क्षेत्र से समर्पण राशि प्राप्त हुई है।
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