मीम अलिफ हाशमी
पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के कन्वर्जन और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाले जिहादियों का सरगना मियां मिट्ठू एक बार फिर से बेनकाब हुआ है। हाल में उसका एक वीडियो वायरल हुआ है। यह वीडियो एक हिंदू लड़की के कन्वर्जन के दौरान बनाया गया है। 41 सेकिंड के इस वीडियो को देखने से स्पष्ट हो जाता है कि मियां मिट्ठू के चंगुल में आई कोई लड़की कैसे उसके इशारे मानने को मजबूर कर दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की शादी प्रतिबंधित है। प्रांतीय सरकार ने ऐसा हिंदू लड़कियों के जबरन कन्वर्जन की लगातार मिल रही शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए किया है। मगर मियां मिट्ठू जैसे लोगों ने कभी इसकी परवाह नहीं की। परिणामस्वरूप सिंध से आएदिन हिंदू लड़कियों के कन्वर्जन की घटनाएं सामने आती रहती हैं। पिछले वर्ष पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग द्वारा प्रस्तुत रपट में देश के अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार के निरंतर बढ़ते हनन के प्रति चिंता प्रकट करने के साथ प्रत्येक वर्ष करीब 1,000 अल्पसंख्यक लड़कियों के कन्वर्जन की बात कही गई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू लड़कियां थीं। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के हितों पर नजर रखने वाली संस्था ‘सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट आॅर्गनाइजेशन’ की एक रपट के अनुसार, 2020 में पाकिस्तान में बाल विवाह के 32, बलात्कार के 4,321 और अपहरण के 15,714 मामले दर्ज किए गए, जिनमें अपहरण एवं बाल विवाह की अधिकांश घटनाएं सिंध प्रांत में दर्ज की गर्इं।
चेहरे से हटा पर्दा
मियां मिट्ठू के खौफनाक चेहरे से पर्दा उठने की घटना भी सिंध प्रांत के कंधकोट इलाके में हुई है। यहां के एक हिंदू तखत कुमार की 13 वर्षीया बेटी कविता का पहले अपहरण किया गया। फिर उसका इस्लाम में कन्वर्जन कराया गया। इससे संबंधित एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कविता नीचे जमीन पर बिछी दरी पर डरी-सहमी, सिकुड़ी बैठी है। उसके पास ही पलंग पर मियां बैठा है। उसे चारों ओर से 100 से अधिक दाढ़ी वाले घेरे खड़े हैं। वे सभी सिंधी भाषा में कविता के इस्लाम कबूलने पर खुशी मनाते और अल्लाह की शान में गीत गाते नजर आ रहे हैं। इस बीच किसी पुरुष के रोने की आवाज भी आती रहती है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह कविता के बेबस पिता की आवाज है। ‘वॉयस आॅफ पाकिस्तानी माइनॉरिटी’ ट्विटर हैंडल से जारी इस वीडियो में सवाल किया गया है कि क्या ऐसी परिस्थिति में कोई लड़की या उसके परिवार वाला विरोध कर सकता है?
तखत कुमार ने थाने में अपनी बच्ची के अपहरण और कन्वर्जन की रपट दर्ज करवाई है, लेकिन अभी तक मियां के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
आतंक का पर्याय
एक दरगाह का संचालक मियां मिट्ठू पाकिस्तान के हिंदुओं के लिए आतंक का पर्याय बन चुका है। उस पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। मियां और उसके गिरोह से तंग आकर हाल में पाकिस्तान मुस्लिम लीग के इकलौते हिंदू सांसद खील दास को कौमी असेंबली में यह कहना पड़ा, ‘‘पाकिस्तान के हिंदू कब तक अत्याचार सहते रहेंगे? हमें कब तक अपनों की लाशें उठानी होंगी? हमारी बहू-बेटियां कब तक असुरक्षित रहेंगी?’’
ऊंची पहुंच
तमाम संगीन आरोपों के बावजूद मियां का इसलिए कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता, क्योंकि उसे पाकिस्तान के विभिन्न सियासी दलों का समर्थन प्राप्त है। वह सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी का नेता है और प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर बाजवा से उसके घनिष्ठ संबंध हैं। सेना के शिविरों में वह नियमित हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेता है। कराची, हैदराबाद, घोटकी और उमरकोट के मुकाबले सिंध प्रांत में सबसे ज्यादा हिंदू रहते हैं। लेकिन मियां के आतंक से कई हिंदू परिवार सिंध छोड़ चुके हैं। घोटकी में भरचुंडी शरीफ की चर्चित दरगाह है। अब्दुल हक उर्फ मियां मिट्ठू इस दरगाह का संचालक है। उसने कई बार दंगारोधी सुरक्षा बल की मौजूदगी में हिन्दुओं पर जुल्म ढाए। एक पाकिस्तानी बुशरा गौहर कहती हैं, ‘‘मियां के रसूख का अंदाजा इस बात से लगा सकते हंै कि एक बार उसने सुनियोजित साजिश के तहत दंगा शांत कराने गए सांसद अली वजीर, मोहसिन डावर, खार कमर को ही गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवा दिया। बाद में हिंदुओं ने जगह-जगह प्रदर्शन किए तब जाकर सिंध प्रांत की सरकार ने मियां को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने के बाद भी उसने कहा कि इस्लाम की सेवा के लिए वह कुछ भी करने और सहने के लिए तैयार है।’’ उस पर सिंध पब्लिक हाई स्कूल के प्रधानाचार्य नौतन दास, जिन पर ईश निंदा का आरोप था, के साथ मारपीट करने का आरोप है। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले सिंध के मतियारी जिले के हाला कस्बे की एक हिंदू लड़की मोनिका का अपहरण कर लिया गया था। मोनिका को मियां के घर ले जाया गया, लेकिन वह किसी तरह वहां से भागकर स्कूल के प्रधानाचार्य नौतन दास के पास पहुंच गई। उनकी मदद से मोनिका और उसका परिवार हाला छोड़कर दूसरे शहर चला गया। इस पर मियां ने नौतन दास के साथ न केवल मार-पीट की, बल्कि इलाके में हिंसा भी फैलाई।
मानव तस्करी से कमाई
मियां की गिनती देश के धनकुबेरों में होती है। वह लंबी-चौड़ी हवेली में पूरी शानो-शौकत से रहता है। पाकिस्तान के हिंदू यह सवाल उठाते हैं कि एक दरगाह संचालक के पास इतनी संपत्ति कहां से आई? उनका आरोप है कि यह शख्स उनके समुदाय के लड़के-लड़कियों का सौदा करके अपनी संपत्ति में इजाफा कर रहा है। हालांकि हिंदुओं द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों की जांच अब तक किसी सरकार ने नहीं कराई है।
सियासत और सेना की शह
मियां मिट्ठू 2008 से 2013 तक कौमी असेंबली का सदस्य रह चुका है। जब वह इस्लाम और अल्लाह के नाम पर मुसलमानों को खुश करने के लिए हिंदुओं को प्रताड़ित करने लगा तो सिंध प्रांत के मतदाताओं ने उसका समर्थन करना बंद कर दिया। नतीजा, बाद के चुनावों में उसे लगातार मुंह की खानी पड़ी। विवाद के कारण 2013 के चुनाव में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने उससे टिकट वापस ले लिया था। तब उसने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन उसे केवल 96 वोट मिले। इस करारी हार के बाद 2015 में मियां इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में शामिल हो गया और जल्दी ही उसकी गिनती पार्टी के बड़े नेताओं में होने लगी। इमरान के सत्ता में आने के बाद से उसे प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख के आसपास देखा जाने लगा। घोटकी में पन्नू अकिल के पास जहां वह रहता है, उससे 30-40 किलोमीटर दूरी पर ही एक विशाल सैन्य छावनी है। इसी छावनी के फायरिंग रेंज में वह अक्सर सैन्य अभ्यास करता है। हिंदू आशंका जताते हैं कि यह शख्स सेना की शह पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है। उसके पास वैध और अवैध हथियारों का जखीरा है। उस पर 117 आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
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