होली के रंग को मैला करने की वामपंथी सजिश
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

होली के रंग को मैला करने की वामपंथी सजिश

by WEB DESK
Mar 30, 2021, 05:08 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पिछले कुछ सालों  से हिंदू त्यौहारों के साथ एक गहरी साजिश की जा रही है। ये एक तरह का सांस्कृतिक जिहाद है जिसे मीडिया के माध्यम से योजनाबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है

टाइम्स ऑफ इंडिया होली का पारंपरिक खाना बिरयानी और कबाब बताकर लोगों को भ्रमित कर रहा है।
ईद अहिंसा और जीवों पर दया का त्यौहार है, इस दिन लोग गुझिया, मालपुए और ठंडई बनाते हैं, यह बात सुनकर आप क्या कहेंगे? यही न कि ये कोई मज़ाक़ है। लेकिन कोई बार-बार यही कहे, समाचार पत्रों में लिखे, टीवी पर भी यही बताए, तब आप समझ जाएंगे कि अवश्य ये कोई शरारत है। पिछले कुछ वर्ष में इसी तरह की शरारत हिंदू त्यौहारों के साथ चल रही है। ये एक तरह का सांस्कृतिक जिहाद है जो मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। होली से ठीक पहले टाइम्स ऑफ इंडिया अख़बार ने एक लेख प्रकाशित किया है, इसके साथ होली के पारंपरिक पकवानों का एक चित्र छपा है, जिसमें कबाब और बिरयानी दिखाई गई है। गुझिया, पापड़ी, पूरण पोली और मालपुए जैसे होली के वास्तविक पकवान ग़ायब हैं। लेख में बताया गया है कि कैसे जहांगीर से लेकर बहादुर शाह ज़फ़र तक मुग़लों के काल से होली का त्यौहार मनाया जा रहा है। होली पर मुशायरों का आयोजन होता है। होली का इतिहास मुग़लों से शुरू होता है और बिरयानी-कबाब जैसे लज़ीज़ पकवानों पर ख़त्म हो जाता है।
हो सकता है कि आप सोच रहे हों कि किसी नासमझ ने लिखा होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। हिंदू पर्वों और त्यौहारों का ये सेकुलरीकरण बहुत सोच-समझकर योजना के साथ किया जा रहा है। इस अभियान में कुछ छद्म इतिहासकारों, कलाकारों और मीडिया की सहायता ली जा रही है। यदि कहें कि ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ इस सांस्कृतिक जिहाद का नेतृत्व कर रहा है तो अनुचित नहीं होगा।
वसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन का सनातन पर्व है। पूरे देश में इसे मनाया जाता है। माता सरस्वती की पूजा की जाती है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने ऐसे किसी आयोजन का समाचार नहीं छापा। लेकिन दिल्ली की निज़ामुद्दीन दरगाह पर वसंत पंचमी कार्यक्रम का समाचार दो दिन तक प्रमुखता से छपा। इनमें बताया कि हजरत निज़ामुद्दीन औलिया के समय से ही वसंत पंचमी मनाई जा रही है। मां सरस्वती की पूजा के पर्व को अख़बार ने बड़ी सफ़ाई से निज़ामुद्दीन औलिया का त्यौहार बना दिया। यह भी बता दिया कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में हिंदू दरगाह पर पहुंच रहे हैं।
इसी तरह रक्षाबंधन को भी धीरे-धीरे इस्लामी त्यौहार बनाया जा रहा है। पिछले रक्षाबंधन पर हिंदुस्तान टाइम्स ने राना सफ़वी नाम की विवादित वामपंथी लेखिका के हवाले से छापा कि रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत मुग़ल राजाओं ने की थी। जिस संस्कृति में बहन के रिश्ते में भी शादी करके बच्चे पैदा करने की परंपरा रही हो, उसमें रक्षाबंधन की कल्पना किसी हास्य कथा से कम नहीं। राना सफ़वी ही दिवाली को भी लालक़िले में रहने वाले मुग़ल परिवारों का त्यौहार साबित किया था। कई चैनल भी इन दिनों दिवाली के लिए जश्न-ए-चरागां शब्द प्रयोग कर रहे हैं। यह झूठ गढ़ा जा रहा है कि पटाखों की परंपरा भी मुग़लों की ही देन है। जबकि इस बात के लिखित साक्ष्य हैं कि भारत में हज़ारों वर्ष से आतिशबाजी प्रयोग होती रही है।
क्या यह कम अपमानजनक है कि हिंदुओं को हज़ारों वर्ष पुरानी इस परंपरा को अपना सिद्ध करने के लिए भी साक्ष्य प्रस्तुत करने पड़ें? हिंदू त्यौहार केवल मौजमस्ती, बल्कि आस्था के पर्व होते हैं। उनके पीछे एक धार्मिक परंपरा और वैज्ञानिक कारण भी होते हैं। जो लोग इन परंपराओं को नहीं मानते उन्हें क्या अधिकार है कि वो हिंदू त्यौहारों में इस तरह की अनैतिक छेड़छाड़ करें? जिस तरह से मुग़लों को उदार और भारतीय सभ्यता का वास्तविक प्रतीक सिद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है उसे कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies