पश्चिम बंगाल : झूठे आंकड़े, दिखावटी अर्थव्यवस्था
May 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

पश्चिम बंगाल : झूठे आंकड़े, दिखावटी अर्थव्यवस्था

by WEB DESK
Mar 26, 2021, 02:56 pm IST
in भारत, पश्चिम बंगाल
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

स्वतंत्रता से पहले का अविभाजित बंगाल शायद उपमहाद्वीप का सबसे उन्नत क्षेत्र था। 1947 में विभाजन और इसके भयावह दुष्परिणामों ने सब कुछ बदल दिया, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका लगा। दूसरा गंभीर झटका 1977 में तब लगा जब वामपंथियों ने यहां सत्ता संभाली। 1981 में भारत के औद्योगिक उत्पादन में पश्चिम बंगाल की 9.8 फीसदी हिस्सेदारी थी। दो दशक से भी कम समय में यह आंकड़ा गिरता हुआ, लगभग आधे तक 5.1फीसदी तक जा पहुंचा। 1986 में कोलकाता हवाई अड्डे से भारत के कुल आयात-निर्यात का लगभग 10 फीसदी का व्यवसाय होता था, लेकिन 1999 में यह 4 फीसदी तक गिर चुका था। फिर, राज्य की अर्थव्यवस्था को तीसरा घातक झटका 2010 में तत्कालीन विपक्षी नेता ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दिया। ममता ने टाटा को कोलकाता के पास सिंगूर में लगभग पूरी हो चुकी नैनो कार फैक्ट्री छोड़ने के लिए मजबूर किया। यही वह मौका था जब राज्य के पुन: उद्योगीकरण की संभावनाएं पूरी तरह से खत्म हो गर्इं। बंगाल को देश में सबसे अधिक भिखारियों वाला राज्य होने का ‘अनूठा गौरव’ मिला है। ज्ञातव्य है कि बंगाल में प्रति 1,00,000 लोगों पर 89 लोग भीख मांगने को मजबूर हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत प्रति 1,00000 पर 33 है।

2011 में ममता ने सिंगूर और नंदीग्राम में कृषि भूमि बचाने के ‘कृषि जोमी बचाओ’ आंदोलन पर सवार होकर बंगाल की सत्ता संभाली। उनका आंदोलन मूल रूप से औद्योगिक उद्देश्य के लिए सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय किसानों का आंदोलन था, जिसे बातचीत और पर्याप्त मुआवजे के माध्यम से आसानी से हल किया जा सकता था। लेकिन सत्तारूढ़ माकपा की अकड़ और विपक्षी तृणमूल के उद्योग-विरोधी अवसरवादी रुख के कारण यह हिंसक हो गया था। तब से अब तक राज्य में भूमि अधिग्रहण की स्थिति खराब है। ममता ने जो भूमि अधिग्रहण नीति बनाई, वह राज्य के लोगों को पसंद नहीं आई। इसी का परिणाम है कि सड़क, पुल, बंदरगाह आदि जैसे बुनियादी ढांचे के विकास पर भी बुरा असर पड़ा है। 2020-21 के लिए पश्चिम बंगाल के बजट में सड़कों और पुलों के लिए कुल व्यय का केवल 2.3 फीसदी आवंटित किया गया, जो अन्य 29 राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए 4.2 फीसदी के औसत आवंटन से बहुत कम है।

पर, यह तो पानी में डूबे हिमशैल का ऊपरी सिरा भर है। असली चुनौती ऋणों के अवहनीय स्तर की है, जिसके कारण राज्य सरकार की आवश्यकता के अनुसार उधार लेने और खर्च करने की क्षमता को सीमित हो जाती है। राज्य के वित्त मंत्री द्वारा हर साल यह दावा करना कि पश्चिम बंगाल का जीएसडीपी सभी राज्यों से ज्यादा है, वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाता। उन्होंने 2017-18 में 16 फीसदी जीएसडीपी वृद्धि का दावा किया था। लगभग 7 फीसदी की उच्च मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद उस वर्ष राज्य की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर केवल 9.1 फीसदी थी। यहां मुद्रास्फीति की दर भी राष्ट्रीय औसत से अधिक थी। वास्तव में इस राज्य के बजट अनुमान कभी विश्वसनीय नहीं रहे।

सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता स्टेट बैंक आफ इंडिया समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष के अनुसार, ‘वित्त वर्ष-2020 में समाप्त हुई छह साल की अवधि के लिए, राज्य के वास्तविक जीडीपी अनुमान पहले दिए गए जीडीपी अनुमानों की तुलना में औसतन 4.8 फीसदी कम थे।’ यह स्थिति स्पष्ट रूप से बजटीय आंकड़ों की शुचिता को समाप्त करने के साथ ही किसी बिंदु पर अर्थव्यवस्था की स्थिति तथा राजकोषीय और राजस्व घाटे के आंकड़ों के वास्तविक आकलन को बहुत कठिन बना देती है। 2019-20 के संशोधित आंकड़े राजकोषीय घाटे में 6,862 करोड़ रुपये की वृद्धि दिखाते हैं, जो जीएसडीपी का 2.63 फीसदी है, जबकि बजट अनुमानों में इसे जीएसडीपी का 2.1 फीसदी दिखाया गया था। दूसरी ओर, जब राजस्व घाटा शून्य है, तब भी 2020-21 के बजट अनुमानों में परिवहन (21फीसदी), समाज कल्याण और पोषण (19 फीसदी) तथा पुलिस (6 फीसदी) जैसे क्षेत्रों के लिए आवंटन में भारी कमी की गई है, जो किसी भी तर्क से परे है।

हाल ही में कोविड महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा सभी ने देखी थी। इन पीड़ितों में बंगाल की एक बड़ी तादाद थी। कृषि क्षेत्र में काफी ऊंची प्रच्छन्न बेरोजगारी तथा औद्योगिक क्षेत्र में ऊंची बेरोजगारी दरों के साथ ही राज्य में आजीविका के अभाव के कारण वस्तुत: हर गांव का कोई न कोई बेटा या बेटी राज्य से बाहर काम करने को बाध्य है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) 2017-18 दर्शाता है कि 2011-12 से 2017-18 के बीच तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में बेरोजगारी बढ़ी है। दुर्भाग्य से 2017-18 में राज्य के कार्यबल में आस्थायी श्रमिकों का अनुपात राष्ट्रीय औसत 25 फीसदी से काफी अधिक 33 फीसदी होना यही प्रदर्शित करता है कि राज्य अपने लोगों को सुरक्षित आय प्रदान करने में पिछड़ गया है।

(लेखक कोलकाता स्थित राजनीतिक विश्लेषक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट, क्या AI बना वजह

सबक लें, ’डंप’ से बचें

Israel Hamas War Benjamin Netanyahu

नेतन्याहू का ऐलान: जब तक हमास का अंत नहीं होता, गाजा में युद्ध नहीं रोकेगा इजरायल

पाकिस्तान उच्चायोग का एक अधिकारी भारत से निष्कासित, ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित, भारतीय सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

मप्र-महाराष्‍ट्र सरकार की पहल : देश को मिलेगा 5 ज्योतिर्लिंगों का सर्किट, श्रद्धालु एक साथ कर पाएंगे सभी जगह दर्शन

भाजपा

असम पंचायत चुनाव में भाजपा की सुनामी में बहे विपक्षी दल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट, क्या AI बना वजह

सबक लें, ’डंप’ से बचें

Israel Hamas War Benjamin Netanyahu

नेतन्याहू का ऐलान: जब तक हमास का अंत नहीं होता, गाजा में युद्ध नहीं रोकेगा इजरायल

पाकिस्तान उच्चायोग का एक अधिकारी भारत से निष्कासित, ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित, भारतीय सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

मप्र-महाराष्‍ट्र सरकार की पहल : देश को मिलेगा 5 ज्योतिर्लिंगों का सर्किट, श्रद्धालु एक साथ कर पाएंगे सभी जगह दर्शन

भाजपा

असम पंचायत चुनाव में भाजपा की सुनामी में बहे विपक्षी दल

Muslim Women forced By Maulana to give tripple talaq

उत्तराखंड : मुस्लिम महिलाओं को हज कमेटी में पहली बार मिला प्रतिनिधित्त्व, सीएम ने बताया- महिला सशक्तिकरण का कदम

वाराणसी में संदिग्ध रोहिंग्या : बांग्लादेशियों सत्यापन के लिए बंगाल जाएंगी जांच टीमें

राहुल गांधी

भगवान राम पर विवादित टिप्पणी, राहुल गांधी के खिलाफ MP–MLA कोर्ट में परिवाद दाखिल

बांग्लादेश में आवामी लीग पर प्रतिबंध, भारत ने जताई चिंता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies