अयोध्या में एक बार फिर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई के दौरान एक चरण पादुका, प्राचीन पाषाण, सीता रसोई परिसर में खुदाई के दौरान पत्थर का सिलबट्टा, रसोई में पत्थर की लगी हुई वस्तुएं एवं कुछ खंडित मूर्तियों के अवशेष मिले हैं. खुदाई के दौरान मिले इन अवशेषों को सुरक्षित रख दिया गया है. पुरातात्विक विभाग से इसकी प्राचीनता की जांच कराई जाएगी. गत वर्ष मई माह में समतलीकरण के दौरान भी मंदिर के अवशेष मिले थे. करीब पांच सौ वर्ष तक वामपंथियों और मुसलमानों ने मंदिर के प्रमाण को झुठलाने की हर संभव कोशिश की मगर अब सचाई सभी के सामने आ चुकी है. श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए हो रही नींव की खुदाई जब 20 फीट तक हो गई तो उस समय प्राचीन अवशेष मिले. जानकारी के अनुसार श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही मंदिर परिसर में एक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा. संग्रहालय में मन्दिर के प्राचीनतम प्रमाण को रखा जाएगा. मंदिर निर्माण के बाद वहां पहुंचने वाले दर्शनार्थी श्रीराम लला विराजमान के प्राचीन मंदिर की धरोहर का भी दर्शन कर सकेंगे. उल्लेखनीय है कि गत वर्ष मई माह में अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि परिसर के समतलीकरण का कार्य शुरू किया गया था. उस दौरान वहां कई पुरातात्विक मूर्तियां, शिवलिंग और प्राचीन खम्भे मिले थे. मलबा हटाने के दौरान पांच फिट आकार की नक्काशी युक्त शिवलिंग की आकृति, कई मूर्तियां, काफी संख्या में पुरावशेष, देवी – देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, आमलक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां, मेहराब आदि प्राप्त हुए थे.
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