इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव के पत्र का प्रशासन ने संज्ञान लिया और अजान की आवाज को नियमानुसार कराया. मस्जिद के लाउडस्पीकर से आने वाली अजान को पचास फीसदी कम किया गया है
मस्जिद कमेटी ने लाउडस्पीकर का मुंह घुमा कर दूसरी ओर कर दिया. मीनार पर लगे लाउडस्पीकर को डा. संगीता श्रीवास्तव के घर की तरफ से हटा लिया गया. पहले मीनार पर चार लाउडस्पीकर लगे थे. यह सुनिश्चित किया गया है कि अजान की आवाज से आमजन को परेशानी ना होने पाए.
उल्लेखनीय है कि गत 3 मार्च को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखा था कि “प्रतिदिन सुबह लगभग साढ़े पांच बजे मस्जिद में अजान दी जाती है. एकदम भोर में मस्जिद के लाउडस्पीकर से निकलने वाली तेज आवाज से नींद खराब हो जाती है. सुबह एक बार नींद खराब हो जाने के बाद फिर दोबारा नींद नहीं आती है. नींद ना पूरी हो पाने के कारण दिनभर सिरदर्द बना रहता है. सरकारी कार्य भी प्रभावित होता है. मेरा, किसी सम्प्रदाय, जाति या वर्ग से विरोध नहीं है. अजान लाउडस्पीकर के बगैर भी संभव है. इससे दूसरों की दिनचर्या प्रभावित नहीन होगी. कुछ दिन बाद रमजान की शुरुआत होने वाली है. सहरी की घोषणा होगी. सुबह 4 बजे ही लाउडस्पीकर पर आवाज आने लगेगी. तेज आवाज से सभी को परेशानी होगी. भारत के संविधान में सभी वर्ग के लिए पंथनिरपेक्षता और शांतिपूर्ण सौहार्द की परिकल्पना की गई है.” पत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश (पीआईएल नंबर- 570 ऑफिस 2020) का हवाला भी दिया गया है. कुलपति ने इस पत्र की प्रति प्रयागराज के मंडलायुक्त, अपर पुलिस महानिदेशक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी भेजी थी.
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