माना जा रहा कि पिछले दो वर्षों में गलत नीतियों और भारत से रिश्ता बिगाड़ कर पाकिस्तान को गर्त में पहुंचाने वाले इमरान खान अब अपनी त्रुटियां सुधारना चाहते हैं। इसलिए महीने भर से पाकिस्तान की ओर भारत से बेहतर रिश्ता बनाने वाले बयान आ रहे हैं।
अपनी गलत नीतियों के चलते भारत से रिश्ता बिगाड़ चुके पाकिस्तान को एक बार फिर पड़ोसी देश की याद आने लगी है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पुराने विवादों को भुलाकर फिर से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते ठीक करने पर बल दिया है। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ऐसी ही मंशा जताई थी। माना जा रहा है कि भारत से संबंध बिगाड़ने के बाद विश्व बिरादरी के बीच अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान तकरीबन सभी मामलों में पिछड़ गया है। उधर, पाकिस्तान की बिगड़ती हालत को देखते हुए विपक्षी दलों के संयुक्त मोर्चा पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मोर्चा की 26 मार्च को सिंध से इस्लामाबाद में एक बड़ी रैली होनी तय है।
बहरहाल, कमर जावेद बाजवा ने भारत से बेहतर संबंध के बारे में कहा है, “हम बातचीत के माध्यम से अपने पड़ोसियों के साथी सभी पुराने मुद्दों को हल कर माहौल को बेहतर करने के लिए तैयार हैं।”
कमर जावेद बाजवा गुरुवार को इस्लामाबाद में चल रहे ‘नेशल सिक्युरिटी डॉयलॉग’ में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “अनसुलझे विवादों ने इस क्षेत्र को गरीबी और अविकसितता की ओर खींच लिया है। हम बातचीत के माध्यम से अपने पड़ोसियों के साथ सभी बाकी मुद्दों को हल कर माहौल को बेहतर बनाने को तैयार हैं।” उन्होंने कहा, “हमने पूर्व से सीखा है।”
एक दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इसी तरह की बातें कही थीं. उन्होंने दो दिवसीय ‘नेशनल सिक्युरिटी डॉयलॉग’ में भाग लेते हुए कहा, “भारत यदि पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते रखता है, तो उसे आर्थिक लाभ मिलेगा। इससे भारत को पाकिस्तानी भू-भाग के रास्ते संसाधन बहुल मध्य एशिया में सीधे पहुंचने में मदद मिलेगी।”
इमरान खान ने सुरक्षा वार्ता में कहा कि उनकी सरकार ने 2018 में सत्ता में आने के बाद भारत के साथ बेहतर संबंधों के लिए हर कदम उठाया, अब भारत की बारी है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली को पहला कदम उठाना होगा। जब तक वे ऐसा नहीं करेंगे, तब तक हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।
पिछले महीने भी इमरान खान और बाजवा भारत ने बेहतर रिश्ते बनाने पर बल दिया था। इस बीच सेना स्तर की वार्ता के बाद सीमा पर सीज फॉयर के उल्लंघन की घटनाएं भी कम हुई हैं।
माना जा रहा कि पिछले दो वर्षों में गलत नीतियों और भारत से रिश्ता बिगाड़ कर पाकिस्तान को गर्त में पहुंचाने वाले इमरान खान अब अपनी त्रुटियां सुधारना चाहते हैं। इसलिए महीने भर से पाकिस्तान की ओर भारत से बेहतर रिश्ता बनाने वाले बयान आ रहे हैं। दूसरी तरफ, उनकी ओर से कश्मीर राग अलापने से कई बार संदेह भी होता है कि इमरान और बाजवा के बयान रिश्ते सुधार की नियत से आ रहे हैं या इसके पीछे कोई और झोल है।
हालांकि, भारत ने कभी नहीं कहा कि वह पाकिस्तान से बेहतर रिश्ता नहीं चाहता। इससे पहले जब पाकिस्तान ने बेहतर संबंधों की बात कही थी, तो भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि पहले पाकिस्तान को आतंकियों के समर्थन की आदत को छोड़ना होगा। यहां याद दिलाना जरूरी है कि एक तरफ तो वह शांति की बात करता है दूसरी तरफ सुरंगों के जाल से घुसपैठिए भेजने और ड्रोन के माध्यम से कश्मीर में छिपे आतंकवादियों तक हथियार पहुंचाने की कोशिश करता रहता है।
भारत ने पिछले महीने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया था कि आतंक और शांति, दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान के साथ आतंक, बैर और हिंसा मुक्त माहौल में सामान्य पड़ोसी जैसे रिश्तों की आकांक्षा रखता है। इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है कि वह आतंकवाद और शत्रुता मुक्त माहौल तैयार करे। नई दिल्ली ने यह भी कहा था कि आतंकवाद और वार्ता साथ नहीं चल सकती।
टिप्पणियाँ