आखिर क्या है दरभंगा माॅड्यूल और क्यों हो रही इसकी चर्चा
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आखिर क्या है दरभंगा माॅड्यूल और क्यों हो रही इसकी चर्चा

by WEB DESK
Mar 18, 2021, 03:45 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दरअसल दरभंगा माॅड्यूल में दो बातें होतीं। पहले, आतंकवाद की जड़ें अंदर तक बिठायी जातीं। आतंकवाद के रास्ते ही इस्लाम की विजय हो सकती है, यह बताया जाता। इस काम में सबके सहयोग की बात कही जाती। जो तेज-तर्रार होते उन्हें बम बनाने और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार किया जाता।

हाल ही नई दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के निकट आतंकवादियों ने बम धमाका करके देश में अशांति फैलाने की कोशिश की थी। इसके अलावा देश के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटेलिया के पास 25 फरवरी को 20 जिलेटिन छड़ों से भरी एसयूवी मिली थी। इन दोनों में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर का नाम सामने आया है। तहसीन अख्तर उर्फ मोनू दरभंगा के सटे समस्तीपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मनियारपुर गांव का निवासी है। इन घटनाओं के बाद से दरभंगा माॅड्यूल की काफी चर्चा हो रही है।

क्या है दरभंगा माॅड्यूल

दरभंगा बिहार का एक प्रसिद्ध शहर है। ‘दरभंगा’ शब्द द्वारबंग का अपभ्रंश है। बंगाल की संस्कृति का द्वार दरभंगा को माना जाता था। यहां की पहचान कभी विद्वता को लेकर होती थी। मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम का विवाह जनकपुर में हुआ था। जो कि कभी दरभंगा का हिस्सा था। यहां की पहचान माछ, मखान और पान के कारण भी होती रही है। दरभंगा से अलग होकर एक जिला बना मधुबनी। मधुबनी पेंटिंग के बारे में तो पूरा विश्व जानता है। ऐसी कई चीजें दरभंगा को विश्व विख्यात करती रही हैं। लेकिन, इन दिनों दरभंगा कुछ दूसरे कारणों से चर्चा में है। अब दरभंगा आतंकवाद की फैक्ट्री के रूप में पहचाना जाने लगा है।

दरभंगा माॅड्यूल की शुरुआत इंडियन मुजाहिद्दीन के सरगना यासीन भटकल ने की थी। कर्नाटक के रहने वाले सामान्य पढ़े-लिखे यासीन भटकल को लगा कि दरभंगा से वह अपना काम बेहतर कर सकता है। कर्नाटक में ही उसकी पहचान दरभंगा के कुछ लड़कों से हुई थी। उन लड़कों में उसे अपने काम के लिए काफी संभावनाएं दिखीं और वह दरभंगा आकर रहने लगा। गेहुंआ रंग के लंबे कद-काठी का यासीन भटकल उर्दू, फारसी, हिन्दी और अंग्रेजी फर्राटेदार बोलता था। वह आधुनिक हथियार चलाने में माहिर था। मिथिलांचल को केन्द्र बनाकर उसने नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपना नेटवर्क बेहतर ढंग से बनाया। वह वेश बदलने में माहिर था। वह ऐसा वेश बदलता कि बड़ी-बड़ी जांच एजेंसियां भी मात खा जाती। कुरान, दीन और सरियत के तकरीर पर लोग झूमने लगते। अच्छे-अच्छे मौलाना भी उससे हार मानते थे। उसकी टाइमिंग ऐसी थी कि जब वह मजहबी तकरीर करता उसी समय कहीं धमाके होते।

यासीन भटकल 2008 में यहां आया। उसने आते ही आतंकवाद का जाल बुनना शुरू कर दिया। वह अपने माॅड्यूल के लिए सिर्फ उन्हीं युवाओं को चुनता जो उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और काफी तेज-तर्रार हैं। आईएसआई से बम बनाने और आधुनिक हथियार की ट्रेनिंग लेकर आतंकवाद के रास्ते पर चलने के लिए वह यहां के युवाओं को उकसाता रहता था। वह युवाओं को इतनी घुट्टी पिलाता कि वे उसकी बातों में आ जाते थे। कई लोगों ने तो अपने पिता की अंत्येष्टि तक में शामिल होने से मना कर दिया।

दरभंगा माॅड्यूल में युवाओं की मानसिकता आतंकवाद के लिए तैयार करने में जाकिर नाईक की भी अहम भूमिका थी। दरभंगा के एक पुस्तकालय दार-उल-किताब-सून्ना लाइब्रेरी में अक्सर इनलोगों का आना-जाना बताया जाता रहा। यहां एनआईए ने जाकिर नाईक की किताबें, सीडी और कई फोटो प्राप्त की थी। 13 जुलाई को मुंबई ब्लास्ट में इस लाइब्रेरी की अहम भूमिका थी। एनआईए को शक था कि इंडियन मुजाहिद्दीन दरभंगा माॅड्यूल वाला प्रोग्राम इसी लाइब्रेरी से आॅपरेट करता था। इंडियन मुजाहिद्दीन के जो आतंकी गांधी मैदान बम ब्लास्ट में पकड़े गये थे, उनके पास से भी जाकिर नाइक के भड़काऊ साहित्य मिले थे। 2012 में जाकिर नाइक ने किशनगंज जिले में एक रैली भी की थी।

दरअसल दरभंगा माॅड्यूल में दो बातें होती थी। एक तो लोगों को आतंकवाद की जड़ें अंदर तक बिठायी जाती थी। आतंकवाद के रास्ते ही इस्लाम की विजय हो सकती है, यह बताया जाता। इस काम में सबके सहयोग की बात कही जाती। जो तेज-तर्रार होते उन्हें बम बनाने और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार किया जाता। जबकि कुछ लोगों को संदेशवाहक या सूचना इकट्ठा करने के लिए रखा जाता। दरभंगा माॅड्यूल में स्लीपर सेल बड़े महत्वपूर्ण होते हैं। पहले इनमें आतंकवाद की मानसिकता तैयार करायी जाती है। फिर उन्हें आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की ट्रेनिंग दी जाती। इसके बाद इन्हें या तो आपरेशन में भेजा जाता है या फिर सामान्य काम करने के लिए कहा जाता है। मोटी पगार समय पर मिलती रहती। स्लीपर सेल को कई बार सामान्य रूप में लोगों के बीच रहने के लिए भी कहा जाता है, ताकि सूचनाएं प्राप्त की जा सकें। अपने बीच का कोई भी आदमी स्लीपर सेल हो सकता है। वह फेरीवाला, जूता मरम्मत करने वाला या फिर इसी तरह का कोई छोटा-मोटा काम करने वाला भी हो सकता है। ये स्लीपर सेल्स समाज के बीच रहकर ही वार करते हैं। कुछ प्रमुख लोगों को नेटवर्क की पूरी जानकारी रहती है। प्रमुख आतंकवादियों के जेल में जाने के बावजूद यह सिस्टम चलता रहता है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

हर शाख पर छांगुर बैठा है… : एक और कन्वर्जन नेटवर्क का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड सहित 10 गिरफ्तार, देशभर में फैला जाल…

बालाघाट में नक्सली मुठभेड़ : हॉक फोर्स और कोबरा बटालियन की संयुक्त कार्रवाई, तलाशी अभियान जारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंच परिवर्तन : जानिए ‘स्व बोध’ क्यों जरूरी..?

महान फिल्मकार सत्यजीत रे (बाएं) का पैतृक निवास

भारत की कूटनीति ने फिर मारी बाजी, अब नहीं टूटेगा Satyajit Ray का पैतृक घर, सरकार कमेटी बनाकर करेगी घर का पुन​र्निर्माण

55 years old peer mohammad raped 9 year old girl

मोहम्मद आरिफ ने 4 साल की मासूम से किया दुष्कर्म, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Islamic conversion of hindu girl in pakistan

पाकिस्तान: हिंदू लड़कियों पर अत्याचार, शनीला का अपहरण, कमला का जबरन इस्लामिक कन्वर्जन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

हर शाख पर छांगुर बैठा है… : एक और कन्वर्जन नेटवर्क का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड सहित 10 गिरफ्तार, देशभर में फैला जाल…

बालाघाट में नक्सली मुठभेड़ : हॉक फोर्स और कोबरा बटालियन की संयुक्त कार्रवाई, तलाशी अभियान जारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंच परिवर्तन : जानिए ‘स्व बोध’ क्यों जरूरी..?

महान फिल्मकार सत्यजीत रे (बाएं) का पैतृक निवास

भारत की कूटनीति ने फिर मारी बाजी, अब नहीं टूटेगा Satyajit Ray का पैतृक घर, सरकार कमेटी बनाकर करेगी घर का पुन​र्निर्माण

55 years old peer mohammad raped 9 year old girl

मोहम्मद आरिफ ने 4 साल की मासूम से किया दुष्कर्म, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Islamic conversion of hindu girl in pakistan

पाकिस्तान: हिंदू लड़कियों पर अत्याचार, शनीला का अपहरण, कमला का जबरन इस्लामिक कन्वर्जन

Maulana Chhangur Conversion racket

Maulana Chhangur के खिलाफ फतवा: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की सामाजिक बहिष्कार की अपील

ED Summons Google Meta online gambling

मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला: गूगल, मेटा को ईडी का समन, 21 जुलाई को पूछताछ

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

डिजिटल अरेस्ट में पहली बार कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, 9 को उम्रकैद की सजा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies