एक प्रकाशक ने अपनी पुस्तक में इस्लामी आतंकवादी की व्याख्या क्या कर दी, कट्टरपंथी मुसलमानों ने पुलिस की मौजूदगी में उसके कार्यालय को तोड़ दिया। लूटपाट की। किताबें फूंक डालीं और फरार हो गए। यह सब हुआ कांग्रेस शासित राजस्थान में
गत बुधवार की शाम जयपुर में कट्टरपंथी मुसलमानों ने संजीव प्रकाशन के कार्यालय पर हमला किया। वे प्रकाशन की एक पुस्तक में इस्लाम और इस्लामी आतंकवाद के वर्णन से नाखुश थे। बता दें कि पब्लिकेशन हाउस को पिछले कई दिन से धमकी भरे फोन आ रहे थे। अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए पब्लिकेशन की ओर से पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लिहाजा परिणाम यह हुआ कि हमलावरों ने ऑफिस पर हमला किया। वहां रखा फर्नीचर तोड़ दिया और दूसरी किताबों को फाड़ा और लूटपाट की। इसके बाद ऑफिस के बाहर आकर हमलावरों ने किताबें फाड़कर उन्हें जला दिया और उसका वीडियो भी बनाया। खबरों की मानें तो जिस समय हमला किया गया, उस समय पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन वह मूकदर्शक बनी रही। देखते—देखते हमलावर फरार हो गए।
पब्लिकेशन के मैनेजर विजय शंकर शुक्ला ने बताया कि 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की एक किताब में इस्लामिक आतंकवाद के सवाल पर एक जवाब छापा गया था। यह सवाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की किताब में भी पूछा गया है। कार्यालय के कर्मचारियों ने कहा कि हमलावरों ने प्रकाशन के कर्मचारियों पर शारीरिक हमला किया। खबरों के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
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