महिलाओं को आत्मनिर्भरता बनाने के लिए हो शोध : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
July 17, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

महिलाओं को आत्मनिर्भरता बनाने के लिए हो शोध : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

by WEB DESK
Mar 17, 2021, 02:30 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने आत्मनिर्भर भारत में महिलाओं की भूमिका विषय पर अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भरता की नींव शिक्षा से ही बनती है। आज के भारत में भले ही आपको लैंगिक भेदभाव दिखता हो लेकिन परंपरागत भारत में स्त्री—पुरुष के बीच कोई भेदभाव नहीं था

भोपाल में चल रहे तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो ‘सार्थक एजुविज़न-2021’ के दूसरे दिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और शिक्षा में भारतीयता के समावेश के उद्देश्य पर ‘शिक्षा और सुरक्षित बचपन’ विषय पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने ऑनलाइन अपना उद्बोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीयता मां के दूध के समान है, जो अमूल्य और अद्वितीय है। उसमें सार्वभौमिकता, समग्रता, गतिशीलता, समानता और स्वीकार्यता जैसे पांच गुणों का समावेश है। यह अन्य सभ्यताओं में दिखाई नहीं देते हैं। श्री सत्यार्थी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए हो रहे मंथन में कहा कि मातृभाषा से ही उन्नति के रास्ते खुलते हैं, क्योंकि सृजन मातृभाषा से ही संभव होता है। हम धन संपत्ति से नहीं बल्कि ज्ञान-विज्ञान से ही विश्वगुरु बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित कराएं। इस सत्र का संचालन भारतीय शिक्षण मंडल के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने किया। उद्बोधन के बाद श्री सत्यार्थी ने सभागार में उपस्थित शिक्षकों एवं संस्था प्रमुखों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में ‘मैं’ पर जोर नहीं है, ‘हम’ को प्रमुखता है।

शिक्षा से बनती है आत्मनिर्भरता की नींव
तीसरे सत्र में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने आत्मनिर्भर भारत में महिलाओं की भूमिका विषय पर अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भरता की नींव शिक्षा से ही बनती है। आज के भारत में भले ही आपको लैंगिक भेदभाव दिखता हो लेकिन परंपरागत भारत में स्त्री—पुरुष के बीच कोई भेदभाव नहीं था। भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर के साथ ऑनलाइन संवाद में सुश्री स्मृति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कहा कि यह निश्चित रूप से हमारी समस्याओं का समाधान करेगी। आज साबुन बनाने वाली कंपनी भी कस्टमर से राय लेती है, लेकिन अभी तक की शिक्षा व्यवस्था बिना अभिभावकों के राय के थोपी जा रही थी। महिलाओं की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए हमें उन क्षेत्रों में सामाजिक और मनोवैज्ञानिक शोध करने की आवश्यकता है, जहां शोध नहीं हुआ है।

संस्कृति में अमूल्य, अद्भुत और अद्वितीय ज्ञान का भंडार
समिधा नाम से आयोजित सत्र में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति जे. भानुमूर्ति ने शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय दर्शन और चिंतन का अनुसरण किए बिना विश्व विकास और शांति को प्राप्त नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा में इतना अमूल्य, अद्भुत और अद्वितीय ज्ञान का भंडार है, जिसे एक जीवन में जानना संभव नहीं है। विश्व कल्याण के निमित्त इस ज्ञान का उपयोग करने के प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से होने चाहिए।

अब तक हम अपनी प्रकृति के खिलाफ बनी शिक्षा व्यवस्था को ढो रहे थे
सांची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता ने कहा कि आज की शिक्षा केवल पांच उद्देश्यों के लिए सीमित रह गई है- एक जॉब, दो बच्चे, तीन कमरों का मकान, चार पहिया वाहन और पांच अंकों में वेतन। इसमें जीवन, विश्वास, समाज, राष्ट्र और शांति के लिये जगह नहीं है। हम आज भी वही शिक्षा व्यवस्था ढो रहे हैं, जो अंग्रेजों ने हमारी प्रकृति के खिलाफ ही बनाई थी। उन्होंने कहा कि 1857 में भारत में 3 प्रेसीडेंसी कॉलेज की स्थापना हुई थी और उसके बाद आज सैकड़ों हजारों कॉलेज उसी मॉडल पर हमारे देश में हैं। लेकिन हमें याद करना चाहिए कि जिस लंदन यूनिवर्सिटी से जुड़े प्रेसीडेंसी कॉलेज स्थापित किए गए थे, उसी लंदन यूनिवर्सिटी को तब ब्रिटेन ने अव्यवहारिक मानते हुए तीन साल के लिए बंद कर दिया था।

शोध में गुणवत्ता के लिए मिलेगा फंड
‘राष्ट्रीय अनुसंधान न्यास : बहु विषयक अनुसंधान की दृष्टि’ विषय पर भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. विजय राघवन ने कहा कि आज रिसर्च की गुणवत्ता में सुधार किए जाने की आवश्यकता है। सरकार ने व्यवस्थागत कई सुधार किए हैं। आने वाले समय में रिसर्च को लेकर कई एजेंसीज फंड प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि शोध अंग्रेजी और मातृभाषा दोनों में उपलब्ध होने चाहिए। डॉ. शांतनु भट्टाचार्य ने कहा कि नेशनल रिसर्च फ्रेमवर्क के माध्यम से सभी विषयों को शोध के लिए पर्याप्त फंड मिलेगा। गुरुकुल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिद्धेगौड़ा ने कहा कि एनआरएफ उच्च गुणवत्ता के शोध को प्रोत्साहित करेगा। इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर के निदेशक डॉ. अविनाश सी. पांडे ने कहा कि अध्यापन, शोध और विस्तार एक दूसरे से बंधे हुए हैं। शिक्षा में जो कंपार्टमेंटलाइजेशन है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति उसको समाप्त करेगी।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अवाक्स सिस्टम

DRDO विकसित करेगा अगली पीढ़ी का स्वदेशी अवाक्स, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत, केंद्र ने दी 20 हजार करोड़ की मंजूरी

Monsoon Travel Tips

मानसून ट्रिप कर रहे हैं प्लान? इन 5 जरूरी बातों का रखें ध्यान, ताकि हर पल बने यादगार

कांवड़ यात्रा को अंधविश्वास बताना सनातन परंपरा का अपमान: स्वतंत्र देव सिंह

CM Dhami

मदरसों में छात्रवृत्ति को लेकर फिर हुई गड़बड़ी, सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश

सावन में शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 4 पत्ते, भगवान शिव को हैं अत्यंत प्रिय

उज्जैन में मुहर्रम पर उपद्रव मचाती मजहबी उन्मादी भीड़ को काबू करती पुलिस

मुहर्रम : देश के विभिन्न राज्यों में उन्मादियों ने जमकर हिंसा और उन्माद मचाया

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अवाक्स सिस्टम

DRDO विकसित करेगा अगली पीढ़ी का स्वदेशी अवाक्स, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत, केंद्र ने दी 20 हजार करोड़ की मंजूरी

Monsoon Travel Tips

मानसून ट्रिप कर रहे हैं प्लान? इन 5 जरूरी बातों का रखें ध्यान, ताकि हर पल बने यादगार

कांवड़ यात्रा को अंधविश्वास बताना सनातन परंपरा का अपमान: स्वतंत्र देव सिंह

CM Dhami

मदरसों में छात्रवृत्ति को लेकर फिर हुई गड़बड़ी, सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश

सावन में शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 4 पत्ते, भगवान शिव को हैं अत्यंत प्रिय

उज्जैन में मुहर्रम पर उपद्रव मचाती मजहबी उन्मादी भीड़ को काबू करती पुलिस

मुहर्रम : देश के विभिन्न राज्यों में उन्मादियों ने जमकर हिंसा और उन्माद मचाया

प्रेमानंद जी महाराज

संघर्ष से भागो मत, वही आपको सफलता देगा- प्रेमानंद जी महाराज

बिहार के सीमांचल में फर्जी वंशावली और निवास प्रमाणपत्र बन सकती है एक गंभीर चुनौती

Udaipur Files movie

उदयपुर फाइल्स: न्यायिक असहजता और सामाजिक विवेक के बीच सिनेमा की चुनौती

ऑस्ट्रेलिया ने ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की

क्या ऑस्ट्रेलिया में भी था ग्रूमिंग गैंग? कैसे रोका? क्या कहता है मीडिया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies