कानफोड़ू अजान से परेशान इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति, पत्र लिखकर प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
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कानफोड़ू अजान से परेशान इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति, पत्र लिखकर प्रशासन से की कार्रवाई की मांग

by WEB DESK
Mar 17, 2021, 01:26 pm IST
in भारत
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव ने जिला प्रशासन को एक चिट्ठी लिखकर कहा कि सुबह साढ़े पांच बजे मस्जिद में अजान होती है. इस दौरान लाउडस्पीकर से गूंजने वाली आवाज से उनकी नींद खराब होती। इस वजह से उन्हें दिनभर सिरदर्द बना रहता है और कामकाज भी प्रभावित होता है

मशहूर गायक सोनू निगम के बाद अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव ने अजान बंद कराने के लिए पत्र लिखा है.उनका कहना है कि बगैर लाउडस्पीकर के भी अजान हो सकती है. इससे लोगों की दिनचर्या खराब हो रही है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव ने अपने पत्र में लिखा है, “आपकी स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहां से मेरी नाक शुरू होती है.” इस कहावत का उल्लेख अनायास ही नहीं है. अजान की वजह से उनकी नींद में खलल पड़ रहा है. भोर में नींद खराब हो जाने के कारण दिन भर उनका काम—काज प्रभावित होता है. इस विषय पर उन्होंने प्रयागराज जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने जनहित याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक निर्णय का हवाला भी दिया है. कभी गायक सोनू निगम तो कभी अन्य लोगों द्वारा अजान को लेकर होने वाली असुविधा पर मांग उठती रही है. एकदम भोर में होने वाली अजान लोगों की दिनचर्या खराब कर रही है. नियमित नमाज पढ़ने वालों को नमाज का समय ज्ञात रहता है, मगर उसके बावजूद तेज आवाज में अजान लगाई जाती है. अभी हाल ही में एक वायरल वीडियो में साफ़ तौर पर देखा गया कि एक मौलाना अजान लगाने के बाद माइक बंद करना भूल गया और रात भर उसके खर्राटे की आवाज से स्थानीय नागरिक परेशान रहे.

भोर की अजान से होता कामकाज प्रभावित

ज्ञात हो कि गत 3 मार्च को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखा, “प्रतिदिन सुबह लगभग साढ़े पांच बजे मस्जिद में अजान होती है. इतनी सुबह मस्जिद के लाउडस्पीकर से गूंजने वाली आवाज से नींद खराब हो जाती है. एक बार नींद खुल जाने के बाद फिर दोबारा नींद नहीं लगती है.इस वजह से दिनभर सिरदर्द बना रहता है और कामकाज भी प्रभावित होता है.मैं किसी सम्प्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हूं.अजान लाउडस्पीकर के बगैर भी हो सकती है, ताकि दूसरों की दिनचर्या प्रभावित न हो. कुछ दिन बाद ईद से पहले सहरी की घोषणा होगी. सुबह 4 बजे ही लाउडस्पीकर पर आवाज आने लगेगी. इस कारण से सभी को परेशानी होगी. भारत के संविधान में सभी वर्ग के लिए पंथनिरपेक्षता और शांतिपूर्ण सौहार्द की परिकल्पना की गई है.” पत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश (पीआईएल नंबर- 570 ऑफिस 2020) का हवाला भी दिया गया है. कुलपति ने इस पत्र की प्रति प्रयागराज के मंडलायुक्त, अपर पुलिस महानिदेशक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी भेजी है.

सुप्रसिद्ध गायक सोनू निगम भी उठा चुके हैं आवाज

उल्लेखनीय है कि गायक सोनू निगम ने कुछ वर्ष पहले ट्वीट किया था कि उनके घर से थोड़ी दूर स्थित मस्जिद में सुबह जब अजान होती है तो उससे उनकी नींद खराब हो जाती है. उन्होंने लिखा था, “अजान से नींद खराब होती है. इस मजहबी कट्टरता को मैं क्यों बर्दाश्त करूं. जबकि मैं मुस्लिम नहीं हूं. ऐसा करना तो सरासर गुंडागर्दी है.” उसके बाद पूरे देश में कठमुल्लों और कट्टरपंथियों ने उनका विरोध किया था. उनके खिलाफ फतवा भी जारी किया गया था. यह भी साबित करने की कोशिश की गई थी कि अजान की आवाज सोनू निगम के घर तक नहीं जाती है. दरअसल सोनू निगम के घर से 600 मीटर की दूरी पर मस्जिद स्थित है. इसके कर्ताधर्ता गुलाम दस्तगीर ने आरोप लगाया था, “बीते 40 साल से नमाज हो रही है. सोनू निगम का घर वहां से काफी दूर है. इस वख्त उनका काम अच्छा नहीं चल रहा है, इसलिए वे ये सब सवाल उठा रहे हैं.” कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि अगर बहुत दिक्कत है तो सोनू निगम अपना घर बदल लें. कट्टरपंथी यही तक नहीं रुके। साल, 2020 में कोरोना वायरस का संक्रमण जब बढ़ा तब सोनू निगम दुबई में थे. संक्रमण को देखते हुए हवाई यात्रा निरस्त हो गई थी. तब दुबई के कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने पुराने ट्वीट के स्क्रीन शाट को फिर से ट्वीट कर के लिखा कि दुबई पुलिस को सोनू निगम के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

आईआईटी मुंबई के छात्र भी कानफोड़ू आवाज से हैं परेशान

पवई स्थित आईआईटी मुंबई कैंपस के छात्र काफी समय से अजान से परेशान हैं. करीब डेढ़ किलोमीटर की परिधि में दो मस्जिदें हैं. इन मस्जिदों में तेज आवाज में दिन में 5 बार अजान दी जाती है. परिसर के छात्रों ने डीन से इसकी शिकायत की तो उन्होंने कहा कि इस मामले में संस्थान के निदेशक ही निर्णय ले सकते हैं. मगर छात्रों की समस्या हल नहीं हुई. कुछ समय पहले भी एक छात्र ने मुंबई पुलिस को ट्विटर पर टैग कर अजान से होने वाली परेशानी के बारे में अवगत कराया था और इसे बंद कराने के लिए निवेदन किया. मुंबई पुलिस ने उस ट्वीट का उत्तर दिया और छात्र से वहां की लोकेशन पूछा. लेकिन लोकशन ज्ञात हो जाने के बाद मुम्बई पुलिस ने अपना ट्वीट ही डिलीट कर दिया.

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