जागने का समय
December 10, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम मत अभिमत

जागने का समय

by WEB DESK
Mar 16, 2021, 12:56 pm IST
in मत अभिमत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कभी भद्र लोगों की भूमि रहा पश्चिम बंगाल आज हिंसा की राजनीति से त्रस्त और बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के कारण परेशान है। इनसे पार पाने का समय आ चुका है, बस हर तरह से जागरूक रहें

पश्चिम बंगाल भारतभूमि पर वैचारिक क्रांति का केंद्र रहा है। यहां संपूर्ण मानवता को ज्ञान-विज्ञान, आध्यात्मिकता, दर्शन, राजनीति व समाज सुधार के क्षेत्र में नई दिशाएं देने वाली अनेक महान विभूतियों ने जन्म लेकर खुद को धन्य माना। चैतन्य महाप्रभु, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रविंद्रनाथ ठाकुर, जगदीश चंद्र बसु, सत्येंद्र नाथ बोस, महर्षि अरविंद, नेताजी सुभाष, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसी पुण्यात्माओं ने इस भूमि के संस्कारों से स्वयं को सिंचित किया और आजीवन भारत की सेवा करने का कार्य किया।

लेकिन परिवर्तन संसार का शाश्वत नियम है। बंगाल भी इससे अछूता नहीं रह पाया। जो बंग भूमि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का स्रोत थी वह कालांतर में अपनी इस भूमिका को सुरक्षित नहीं रख पाई। बीसवीं सदी के पूर्वार्ध तक भारत में नेतृत्व पैदा करने वाला यह प्रांत, जो कि उस समय आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहा था, अचानक बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में अस्ताचलगामी सूर्य की भांति अपनी चमक खोने लगा। स्वतंत्रता आंदोलन के समय का अग्रदूत बंगाल प्रांत, आज स्वयं के ‘स्व’ को विस्मृत कर चुका है।

स्वतंत्रता भारत के विभाजन की कीमत पर मिली थी। इसकी कीमत बंगाल को भी चुकानी पड़ी थी। बंगाल को पूर्वी भूभाग को उससे छीन कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया था। रक्तपात, नरसंहार, अस्थिरता, पलायन के उस भयावह दौर के बाद भी बंगाल भारत में एक महत्वपूर्ण प्रांत बना रहा। 1960 के दशक तक कोलकाता देश का सबसे बड़ा शहर था और सबसे बड़ा आर्थिक केंद्र। उद्योग, शिक्षा, कला, फिल्म, संगीत, साहित्य, विज्ञान की गंगा इस दौर तक भी बंगाल में रुकी नहीं थी। लेकिन राजनीतिक सत्ता द्वारा बंगाल के समाज व संस्कृति का निरंतर अनादर व उपेक्षा की गई।

विकास कार्यों के स्थान पर तुष्टीकरण करके चुनाव जीतने का सूत्र अभ्यास में लाया गया। उद्योग विरोधी राजनीति की गई। मजदूरों, कामगारों और किसानों को लगातार ठगा गया। युवाओं की स्वतंत्रता को छीनकर उनके आत्मविश्वास को कमजोर किया गया और इन सबके कारण बांग्ला समाज निरंतर पिछड़ता चला गया। आज आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक, तकनीकी, कला, साहित्य व विज्ञान आदि सभी क्षेत्रों में बांग्ला समाज अपने गौरवशाली अतीत की छाया मात्र भी नहीं है। पहले कांग्रेस, फिर वामपंथ और अब ममता सरकार ने तो मानो बंगाल की आत्मा को ही नोच डाला है।

आज राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार होकर बंगाल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में सभी क्षेत्रों में पिछड़ा राज्य घोषित हो चुका है। बंगाल की प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की हालत बहुत दयनीय है। ढांचागत सुविधाओं का अभाव तो है ही, साथ ही पाठ्यक्रम में राजनीतिक कारणों से आपराधिक हस्तक्षेप किए गए हैं। स्कूलों और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को एक ऐसा पाठ्यक्रम और शैक्षणिक माहौल दिया जा रहा है जिससे उनके भीतर की भारतीयता के बोध को समाप्त किया जा सके। विश्वविद्यालय मात्र राजनीतिक हिंसा और राज्य में सत्तासीन राजनीतिक शक्ति के विचारों को खाद-रसद मुहैया कराने का केंद्र बन गए हैं। सभी स्तरों के पाठ्यक्रमों में वामपंथी प्रोपेगेंडा या तुष्टीकरण का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। शिक्षा न तो युवाओं को जीवन दृष्टि दे पा रही है और न ही रोजगार दे पा रही है।

एक विचारधारा विशेष के चलते पश्चिम बंगाल उद्योग के क्षेत्र में पिछड़ कर अर्थव्यवस्था के निचले पायदान पर आ गया। कभी जीडीपी में लगभग 41 प्रतिशत योगदान करने वाला राज्य आज मात्र 4 प्रतिशत ही योगदान कर पा रहा है। एक समय बहुत बड़ी संख्या में संपूर्ण भारत से प्रवासी मजदूर बंगाल में आते थे परंतु आज परिस्थिति यह है कि बंगाल से प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों में जा रहे हैं।

जब किसी भी राज्य का आर्थिक पक्ष कमजोर होता है तो विकास की संभावनाओं पर विपरीत असर पड़ता ही है। आज का बंगाल एक बीमारू राज्य की श्रेणी में गिना जाता है। आज पूरा का पूरा बंगाल पड़ोसी देश से होने वाले घुसपैठ के कारण असुरक्षित है। दुर्भाग्य से यहां घुसपैठ को रोकने के बजाय पिछले सात दशक में वोट बैंक की राजनीति के चलते बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जाता रहा है।

वर्षों से खुलकर हुए मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण आज बंगाल में जनसांंख्यिकीय परिवर्तन दिखाई दे रहा है। देखते ही देखते पश्चिम बंगाल के अनेक जिले व विधानसभा क्षेत्र घुसपैठियों के कारण मुस्लिम-बहुल हो गए हैं। यदि यह परिवर्तन जनसंख्या के प्राकृतिक विकास के कारण होता तो इसमें कोई समस्या नहीं थी। लेकिन मुस्लिम जनसंख्या का अचानक बढ़ना प्राकृतिक नहीं बल्कि अप्राकृतिक है। खुले तौर पर घुसपैठ इसका कारण है। मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति ने न केवल घुसपैठ को बढ़ावा दिया है, बल्कि बंगाल में रोजगार के साधनों पर यहां के मूल समाज का अधिकार भी छीना है। साथ ही आंतरिक सुरक्षा और आपसी सौहार्द को भी सत्ता-लोलुप वोट बैंक राजनीति ने निगल लिया है।

आज बंगाल में महिला सुरक्षा एक गंभीर समस्या बन कर खड़ी हो रही है। कोलकाता जैसे शहर में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। राजनीतिक संरक्षण के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस सत्ताधारी नेताओं के इशारों पर काम करती है। पीड़िता यदि हिंदू है तो उसके विरुद्ध हुए जघन्य अपराध में भी एफआईआर तक नहीं लिखी जाती है। सत्ता के कारण सरकारी मशीनरी मूकदर्शक बन गई है और कई जगहों पर तो वह स्वयं अपराध का हिस्सा है।

मां, माटी और मानुष का नारा लगाकर सत्ता में आई वर्तमान सरकार ने सारे नियम-कानूनों को ताक पर धरते हुए भारत के संवैधानिक संघीय ढांचे को ही चुनौती दे रखी है। लोकतंत्र विरोधी आचरण बंगाल की राज्य सरकार का शगल बन गया है। भ्रष्टाचार, लूट, राजनीतिक हत्या, दमन, सरकारी मशीनरी का सरेआम अपने विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए दुरुपयोग, राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाना और इस जैसे अनेक कृत्यों के कारण बंगाल में अराजकता का माहौल बन गया है। समाज का प्रत्येक वर्ग कुंठित है, भयाक्रांत है और आक्रोशित भी।

वर्तमान परिस्थितियों से बाहर आने की छटपटाहट भी स्पष्ट दिखाई दे रही है। परंतु किसी अनजाने भय के कारण वह प्रत्यक्ष बात करने से डर रहा है। समाज के इस बदलाव के मन का नेतृत्व निश्चित तौर पर युवा पीढ़ी को अपने हाथ में लेना पड़ेगा। बंगाल के युवाओं की निर्भरता, सत्य के प्रति निष्ठा और अपने स्वाभिमान के साथ जीने की उत्कट इच्छाशक्ति ही आने वाले समय में बंगाल का भविष्य तय करेगी। बंगाल के युवाओं को अपने गौरवशाली अतीत को समझकर वर्तमान को आत्मसात करते हुए भविष्य के सपने देखने होंगे।

इतिहास इस बात का साक्षी है कि विश्व में जब भी कोई बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन कहीं आया है तो उसका उत्तरदायित्व युवाओं के कंधे पर ही रहा है। पश्चिम बंगाल में भी परिवर्तन की आहट साफ-साफ सुनाई दे रही है। ऊर्जा से भरे हुए बंगाल के युवाओं के जाग्रत होने का समय आ चुका है। यह समय आगे आकर महिलाओं के स्वाभिमान और सुरक्षा, सर्वसुलभ सस्ती गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उचित रोजगार, भ्रष्टाचार और अपराध से मुक्ति, मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति से मुक्ति तथा भविष्य के विकसित बंगाल के लिए अपनी भूमिका निभाने का समय है। बदलते भारत के एक अग्रणी राज्य के रूप में पश्चिम बंगाल को पुन: स्थापित करने के लिए बंगाल के ऊर्जावान युवाओं को यह चुनौती स्वीकार करनी ही होगी।
(लेखक अभाविप के राष्टÑीय सह संगठन मंत्री हैं)

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

ABVP 69th National Convention : देश की चिंता करने वालों का संगठन है विद्यार्थी परिषद- रजत शर्मा

ABVP 69th National Convention : देश की चिंता करने वालों का संगठन है विद्यार्थी परिषद- रजत शर्मा

World Investment Conference : 11 दिसंबर से नई दिल्ली में आयोजित होगा विश्व निवेश सम्मेलन

World Investment Conference : 11 दिसंबर से नई दिल्ली में आयोजित होगा विश्व निवेश सम्मेलन

कुशासन के कीचड़ में खिला कमल

कुशासन के कीचड़ में खिला कमल

महाराष्ट्र के सीएम ने 300 श्रद्धालुओं को किया अयोध्या रवाना, कहा- ‘राम मंदिर के लिए पीएम मोदी-सीएम योगी का आभारी…

महाराष्ट्र के सीएम ने 300 श्रद्धालुओं को किया अयोध्या रवाना, कहा- ‘राम मंदिर के लिए पीएम मोदी-सीएम योगी का आभारी…

MP Dhiraj Sahu : कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से अब तक 500 करोड़ रुपये बरामद, 1000 करोड़ पहुंच सकता है आंकड़ा

MP Dhiraj Sahu : कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से अब तक 500 करोड़ रुपये बरामद, 1000 करोड़ पहुंच सकता है आंकड़ा

BIG BREAKING : विष्णुदेव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री

BIG BREAKING : विष्णुदेव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ABVP 69th National Convention : देश की चिंता करने वालों का संगठन है विद्यार्थी परिषद- रजत शर्मा

ABVP 69th National Convention : देश की चिंता करने वालों का संगठन है विद्यार्थी परिषद- रजत शर्मा

World Investment Conference : 11 दिसंबर से नई दिल्ली में आयोजित होगा विश्व निवेश सम्मेलन

World Investment Conference : 11 दिसंबर से नई दिल्ली में आयोजित होगा विश्व निवेश सम्मेलन

कुशासन के कीचड़ में खिला कमल

कुशासन के कीचड़ में खिला कमल

महाराष्ट्र के सीएम ने 300 श्रद्धालुओं को किया अयोध्या रवाना, कहा- ‘राम मंदिर के लिए पीएम मोदी-सीएम योगी का आभारी…

महाराष्ट्र के सीएम ने 300 श्रद्धालुओं को किया अयोध्या रवाना, कहा- ‘राम मंदिर के लिए पीएम मोदी-सीएम योगी का आभारी…

MP Dhiraj Sahu : कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से अब तक 500 करोड़ रुपये बरामद, 1000 करोड़ पहुंच सकता है आंकड़ा

MP Dhiraj Sahu : कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से अब तक 500 करोड़ रुपये बरामद, 1000 करोड़ पहुंच सकता है आंकड़ा

BIG BREAKING : विष्णुदेव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री

BIG BREAKING : विष्णुदेव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री

भोपाल : नाबालिग से दुष्कर्म और महिला का जबरन कन्वर्जन कराने का प्रयास, आयोग ने किए सवाल

लखनऊ : हिंदू किशोरी का जबरन कराया कन्वर्जन, फिर निकाह का दबाव, मना करने पर बेरहमी से पीटा, आरोपी सैफ गिरफ्तार

BSP mayavati announced her successor Akash anand

BSP चीफ मायावती ने भतीजे को बनाया अपना उत्तराधिकारी, अभी पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर हैं आकाश आनंद

UAE BAPS temple Sanatan Dharma

UAE में भी दिखेगी सनातन धर्म की झलक, विशाल स्वामीनारायण मंदिर तैयार, अगले साल फरवरी में उद्घाटन

उत्तराखंड में भी यूपी की तरह प्रतिबंध होगा हलाल मार्का, धामी सरकार कर रही मंथन

उत्तराखंड में भी यूपी की तरह प्रतिबंध होगा हलाल मार्का, धामी सरकार कर रही मंथन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies