आत्मनिर्भर भारत का रास्ता कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से होकर जाता है। विकास के लिए शिक्षा संस्थान देश की आवश्यकता के अनुरूप तकनीक और समाधान उपलब्ध कराएं और समस्याओं के समाधान के लिए काम करें।
गत 14 मार्च से भोपाल में तीन दिवसीय कान्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो ‘सार्थक एजुविजन 2021’ का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में मुख्य रूप से उपस्थित थे केंद्रीय सड़क निर्माण मंत्री श्री नितिन गडकरी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से होकर जाता है। विकास के लिए शिक्षा संस्थान देश की आवश्यकता के अनुरूप तकनीक और समाधान उपलब्ध कराएं और समस्याओं के समाधान के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास तो आवश्यक है, लेकिन इसके साथ मूल्यों का विकास भी करना है। हम दुनिया से अच्छी तकनीक लाएंगे, लेकिन अपनी भारतीयता को नहीं छोड़ेंगे। हमारा लक्ष्य भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे देश में ज्ञान का भंडार है। भावी पीढ़ी को बहुत ज्ञान प्रदान करें, लेकिन नया भी सोंचे और व्यवहारिक शोध करें। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कई आयाम हैं, जिसमें प्राचीन से लेकर वैज्ञानिक शिक्षा तक को शामिल किया गया है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान देना, कौशल विकास देना और नागरिकता के संस्कार देना है। भारत की माटी में वर्षों से यह उद्देश्य शामिल हैं।
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इससे पूर्व आयोजन के उद्घाटन सत्र का आरंभ वैदिक मंत्र उच्चारण एवं स्वस्तिवाचन के साथ हुआ। उद्घाटन सत्र में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. यशोधरा राजे, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री अनिल सहस्त्रबुद्धे, उच्च शिक्षा अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुनील कुमार समेत कई गणमान्यजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री श्री उमाशंकर पचौरी ने किया। इस अवसर पर गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया।
गौरतलब है कि भारतीय शिक्षा मंडल द्वारा उच्च शिक्षा अनुदान आयोग, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं देश की अन्य संस्थाओं के सहयोग से आत्मनिर्भर भारत के लिए सार्थक शिक्षा पर मंथन के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
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