पाकिस्तान पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। लेकिन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा अपने एक अरब डॉलर (करीब 15720 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) तत्काल लौटाने के बाद से तो इमरान सरकार की नींद ही उड़ गई है। यूएई की इस मांग के बाद आर्थिक संकट से जूझ रही पाकिस्तानी सरकार सकते में आ गई है। क्योंकि कर्ज में डूबे इमरान सरकार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह यूएई सरकार का पैसा वापस कर सके। बता दें कि एक अरब डॉलर की ये रकम स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में जमा है।
यूएई सरकार ने इसे लौटाने की अंतिम तारीख 12 मार्च तक रखी है। यूएई ने यह रकम इसलिए वापस मांगी है कि क्योंकि उसकी मैच्योरिटी हो गई है। पाकिस्तान सरकार के शीर्ष अधिकारी लगातार यूएई सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस मामले में देखना यह है कि यूएई सरकार पैसा वापस नहीं मिलने पर किस तरीके से पाकिस्तान पर कार्रवाई करती है। पाकिस्तान लगातार यूएई के सामने गिड़गिड़ा रहा है, क्योंकि इतनी बड़ी रकम लौटाने के बाद तो उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो जाएगी।
कर्ज में डूबी है इमरान सरकार
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ऊपर से नीचे तक कर्ज में डूबी हुई है। पाकिस्तान की संसद में खुद इमरान सरकार ने कुबूल किया था कि हर पाकिस्तानी के ऊपर 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है। इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है, जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है। गौरतलब है कि कर्ज का यह बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है। यानी जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी, तब देश के हर नागरिक के ऊपर 1,20099 रुपये का कर्ज था। वित्त वर्ष 2020-21 के राजकोषीय नीति पर बयान देते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने यह भी माना था कि इमरान खान सरकार राजकोषीय घाटे को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के चार फीसदी तक करने में विफल रही है।
टिप्पणियाँ