पिछले वर्ष पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग द्वारा पेश रिपोर्ट में देश के अल्पसंख्यकों के बढ़ते मानवाधिकार हनन के प्रति चिंता प्रकट करने के साथ प्रत्येक वर्ष 1000 अल्पसंख्यक लड़कियों के धर्म परिवर्तन की बात कही गई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू लड़कियां थीं
पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के कन्वर्जन और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाले गैंग का सरगना मियां मिट्ठू बेनकाब हो गया। उसपर जब भी ऐसे आरोप लगे, हर बार खुद को यह कहकर बचता रहा कि उसपर गलत आरोप लगाए जाते हैं। कहीं इसके सबूत नहीं। इसके उलट हिंदू समुदाय उसे मान-सम्मान देते हैं। किसी तरह की आवश्यकता होती है तो सबसे पहले उसके पास आते हैं। मगर उसके चेहरे पर चढ़ा यह नकाब उतर चुका है। उसका कुरूप चेहरा जमाने के सामने आ गया है। उसके चहरे पर चढ़ा यह नकाब उतारा है, एक वीडियो क्लीप ने, जो एक हिंदू लड़की के कन्वर्जन के दौरान बनाई गई है। 41 सेकंड के इस वीडियो को देखने स्पष्ट हो जाता है कि मियां मिट्ठू की चंगुल में आई कोई लड़की बगैर उसकी इजाजत करवट भी नहीं बदल सकती।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 18 वर्ष से कम उम्र की शादी प्रतिबंधित है। प्रांतीय सरकार ने ऐसा हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की मिल रही शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए किया है। मगर मियां मिट्ठू जैसे लोगों ने कभी इसकी परवाह नहीं की। परिणामस्वरूप आए दिन सिंध से हिंदू लड़कियों कन्वर्जन की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
पिछले वर्ष पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग द्वारा पेश रिपोर्ट में देश के अल्पसंख्यकों के बढ़ते मानवाधिकार हनन के प्रति चिंता प्रकट करने के साथ प्रत्येक वर्ष 1000 अल्पसंख्यक लड़कियों के धर्म परिवर्तन की बात कही गई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू लड़कियां थीं। वह भी कमसिन। ऐसी घटनाएं सर्वाधिक सिंध प्रांत में दर्ज की गईं।
पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के हितों पर नजर रखने वाली संस्था ‘सस्टैनेबल सोशल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में पाकिस्तान में बाल विवाह के 32, बलात्कार के 4321 और अपहरण के 15,714 मामले दर्ज किए गए, जिनमें अपहरण एवं बाल विवाह की अधिकांश घटनाएं सिंध प्रांत में दर्ज की गईं।
मियां मिट्ठू बेनकाब
बहरहाल, मियां मिट्ठू के खौफनाक चेहरे से पर्दा उठने की घटना भी सिंध प्रांत के कंधकोट इलाके में हुई है। यहां के एक हिंदू तखत कुमार की 13 वर्षीय बेटी कविता का पहले अपहरण किया गया। फिर उसका इस्लाम में कन्वर्जन कराया गया। इससे संबंधित एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कविता नीचे जमीन पर पीछी दरी पर डरी-सहमी, सिकुड़ी बैठी है.
उसके पास ही रंगीन चादर बिछी पलंग पर मियां मिट्ठू बैठा है । उन्हें चारों ओर से सौ से अधिक दाढ़ी वाले मुस्टंडे टाइप लोग घेरे खड़े हैं। वे सभी सिंधी भाषा में कविता के इस्लाम कबूलने पर खुशी और अल्लाह की शान में गीत गाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान कविता पर पैसे भी न्यौछावर किए जा रहे हैं। इस बीच किसी मर्द के रोने की आवाज भी आती रहती है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह कविता के बेबस पिता की आवाज है।
पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की हक की आवाज सोशल मीडिया पर उठाने वाले ‘वाॅय आफ पाकिस्तान माइनाॅरिटी’ ट्विटर हैंडल से जारी इस वीडियो में सवाल किया गया है कि क्या ऐसी परिस्थिति में कोई लड़की या उसके परिवार वाला विरोध कर सकता है ? जाहिर है, जवाब ना में होगा!
तखत कुमार ने अपने बच्ची के अपहरण और कन्वर्जन की इलाके के थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। सबूत के तौर पर कविता के स्कूल छोड़ने का सर्टिफीकेट भी नत्थी किया है। इस सर्टिफीकेट में पांचवीं पास होने और 01 अप्रैल 2015 को स्कूल में दाखिला लेने और 30 अप्रैल 2020 को स्कूल छोड़ने की बात कही गई है।
जाहिर सी बात है 2020 में पांचवीं पास करने वाली बच्ची 18 वर्ष से अधिक उम्र की हो ही नहीं सकती ! मियां मिट्ठू की यह कारस्तानी सरासर पाकिस्तान के चाइल्ड मैरिज और धर्म परिवर्तन एक्ट का उल्लंघन है। मगर थाने में मामला दर्ज कराने के बाद भी अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
अब पूरी कहानी मियां मिट्ठू की
पाकिस्तान के हिन्दुओं के लिए एक दरगाह का संचालक ‘मियां मिट्ठू‘आतंक का पर्याय बन चुका है। फिल्म ‘शोले‘ के गब्बर सिंह की तरह ‘मियां मिट्ठू‘ का नाम लेते ही हिन्दू परिवार डर से सहम जाते हैं। इसलिए वहां के हिन्दुओं की हमेशा कोशिश रहती है कि वे किसी तरह उसके सामने न आएं।
कहने को ‘मियां मिट्ठू‘ सूफी है, लेकिन असल में वह पाखंडी, अय्याश और दुराचारी है। हिन्दुओं को प्रताड़ित करना, साम्प्रदायिक दंगे भड़काना, हिन्दुओं के धर्मस्थलों और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, हिन्दू लड़के-लड़कियों का अपहरण, उनका कन्वर्जन और मानव तस्करी इस शख्स की फितरत में शुमार है। उस पर इससे संबंधित दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। कई बार जेल भी जा चुका है, पर अपने रसूख से जल्द छूट भी आता है। उसके जेल जाने के बाद उसके गुर्गे और भाई उसका काला कारोबार संभालते हैं। ‘मियां मिट्ठू‘ और उसके गिरोह से आजिज आकर हाल में पाकिस्तान मुस्लिम लीग के इकलौते हिन्दू सांसद खील दास को कौमी असेंबली में कहना पड़ा, ‘‘पाकिस्तान के हिन्दू कब तक अत्याचार सहते रहेंगे? हमें कब तक अपनी लाशें उठानी होंगी? हमारी बहू-बेटियां कब तक असुरक्षित रहेंगी ?‘‘ खील दास के अनुसार बीते चार माह में 30 अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण कर कन्वर्जन कराया गया, जिनमें अधिकतर हिन्दू हैं।
सियासी रसूख
दरअसल, तमाम संगीन आरापों के बावजूद ‘मियां मिट्ठू‘ का इसलिए कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता, क्योंकि उसे पाकिस्तान के विभिन्न सियासी दलों का समर्थन प्राप्त है। वह सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी का वरिष्ठ नेता है और प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर वहीद बाजवा से उसके घनिष्ठ संबंध हैं। सेना के शिविरों में वह नियमित हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेता है।
सुनियोजित दंगा
पाकिस्तान के कारोबारी जिलों कराची, हैदराबाद, घोटकी और उमरकोट के मुकाबले सिंध प्रांत में सबसे ज्यादा हिन्दू रहते हैं। उनकी स्थिति भी अच्छी है,लेकिन ‘मियां मिट्ठू‘ के आतंक से कई हिन्दू परिवार सिंध छोड़ चुके हैं। घोटकी में भरचुंडी शरीफ की चर्चित दरगाह है। अब्दुल हक उर्फ मियां मिट्ठू इस दरगाह का संचालक है। इसके अनुयायी सिंध ही नहीं, पूरे पाकिस्तान में हैं जो उसके एक इशारे पर मरने-मारने को उतारू हो जाते हैं।
‘मियां मिट्ठू‘ पर सुनियोजित तरीके से कुछ दिन पहले सिंध के कई शहरों में दंगे भड़काने का आरोप है। कई बार उसने दंगारोधी सुरक्षा बल रेंजर्स की मौजूदगी में हिन्दुओं पर जुल्म ढाए। सिंध पब्लिक हाई स्कूल के प्रिंसिपल नौतन दास, जिन पर ईश निंदा का आरोप था, के साथ मारपीट की। एक पाकिस्तानी बुशरा गौहर कहती हैं, ‘‘मियां मिट्ठू के रसूख का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एक बार उसने सुनियोजित साजिश के तहत दंगा शांत कराने गए सांसद अली वजीर, मोहसिन डावर, खार कमर को ही गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवा दिया। बाद में हिन्दुओं ने एकजुटता दिखाते हुए जगह-जगह प्रदर्शन किए तब जाकर सिंध प्रांत की सरकार ने ‘मियां मिट्ठू‘ को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने के बाद भी उसने कहा कि इस्लाम की सेवा के लिए वह कुछ भी करने और सहने के लिए तैयार है।
स्कूल के प्रिंसिपल से बदला
कुछ समय पहले सिंध के मतियारी जिले के हाला कस्बे की एक हिन्दू लड़की मोनिका का अपहरण कर लिया गया था। मोनिका को ‘मियां मिट्ठू‘ के घर ले जाया गया, लेकिन वह किसी तरह वहां से भागकर स्कूल के प्रिंसिपल नौतन दास के पास पहुंच गई। नौतन दास की मदद से मोनिका और उसका परिवार हाला छोड़कर दूसरे शहर चला गया। नौतन दास से इसका बदला लिया गया। उनके साथ न केवल मार-पीट की गई। इलाके में हिंसा भी बरपाई गईं।
हिन्दू बच्चियों का अपहरण
‘न्यूयॉर्क टाइम्स‘ की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2012 में मिट्ठू गिरोह ने रिंकल कुमारी नामक एक हिन्दू लड़की को उसके घर से उठाया।इस्लाम कबूलवाने के बाद उसका यौन शोषण किया गया। फिर नवेद शाह नामक एक युवक से उसका निकाह करा दिया गया। रिंकल के शिक्षक पिता ने अदालत में आरोप लगाया कि ‘मियां मिट्ठू‘ के नेतृत्व में उसका गिरोह अल्पसंख्यकों की बहन-बेटियों को जबरदस्ती उठाकर ले जाता है। फिर उन्हें अपने घर में रखता है और उनका यौन शोषण करता है और बाद में उनका निकाह किसी मुस्लिम से करा देता है।
इस गिरोह ने कई हिन्दू बच्चियों को उठाया है, जिनका आज तक पता नहीं चला। आशंका जताई जा रही है कि इन्हें दूसरे देशों में बेच दिया गया। इसके बाद मियां मिट्ठू और उसके गुर्गों ने नंदलाल को अदालत परिसर में ही इतना पीटा कि वह डरकर लाहौर भाग गए और वहां एक गुरुद्वारे में रहने लगे। इस घटना पर बीबीसी को दिए गए अपने साक्षात्कार में ‘मियां मिट्ठू‘ ने पूरी ढिठाई से कहा कि वह किसी का जबरन कन्वर्जन नहीं कराता, बल्कि उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार, बीते पांच वर्षों में ‘मियां मिट्ठू‘ 117 हिन्दू लड़कियों का कन्वर्जन कराने के बाद मुस्लिम युवकों से उनका निकाह करा चुका है। एक सिंधी पत्रकार इब्राहिम कुंभार की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एक 11 वर्षीया हिन्दू लड़की मोनिका कुमारी का अपहरण कर लिया गया। नाबालिग होने के कारण अदालत के हस्तक्षेप के बाद उसे छुड़ा लिया गया। इसी तरह रवीना (13 वर्ष), रीना (15 वर्ष), लता कुमारी और आशा कुमारी भी ‘मियां मिट्ठू‘ का शिकार बन चुकी हैं। हाल ही में घोटकी स्थित एक डेंटल कॉलेज की छात्रा चांदनी कॉलेज छात्रावास में मृत पाई गई थी। आरोप है कि चांदनी पर कन्वर्जन के लिए दबाव था। वह नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी गई और फिर उसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया। हिन्दुओं को शक है कि इसमें भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मियां मिट्ठू का हाथ है। कुछ दिनों पहले उसने डॉ. लता का अपहरण कर उसका निकाह एक मुस्लिम युवक से करा दिया था।
मानव तस्करी से कमाई
इस शैतान की गिनती देश के धनकुबेरों में भी होती है। वह लंबी-चैड़ी हवेली में पूरी शानो-शौकत से रहता है। पाकिस्तान के हिन्दू यह सवाल उठाते हैं कि एक दरगाह संचालक के पास इतनी धन-संपत्ति कहां से आई? उनका आरोप है कि यह शख्स उनके समुदाय के लड़के-लड़कियों का सौदा करके अपनी संपत्ति में इजाफा कर रहा है। हालांकि हिन्दुओं द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों की जांच अब तक किसी सरकार ने नहीं कराई है। इस ढोंगी फकीर के अनुयायियों की तादाद काफी है, इसलिए मुल्क के अधिकांश राजनीतिक दल उससे समर्थन लेते हैं, ताकि सिंध में उनकी सियासी गतिविधियां चलती रहे।ऊपर से सियासत में भी उसकी अच्छी पैठ है।
सियासत और सेना की शह
‘मियां मिट्ठू‘2008 से 2013 तक कौमी असेंबली का सदस्य रह चुका है। जब वह इस्लाम और अल्लाह के नाम पर मुसलमानों को खुश करने के लिए हिन्दुओं को प्रताडि़त करने लगा तो सिंध प्रांत के मतदाताओं ने उसे अर्श से लाकर फर्श पर पटक दिया। नतीजा, बाद के चुनावों में उसे लगातार मुंह की खानी पड़ी।
इमरान खान के साथ ‘मियां मिट्ठू‘
हिन्दुओं को प्रताडि़त करने पर उपजे विवाद के कारण 2013 के चुनाव में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने उससे टिकट वापस ले लिया था। तब उसने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 96 वोट मिलेे। इस करारी हार के बाद 2015 में ‘मियां मिट्ठू‘ इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में शामिल हो गया और जल्द ही उसकी गिनती पार्टी के बड़े नेताओं में होने लगी। पीटीआई में शामिल होने के दिन उसने भारी भीड़ जुटाकर इमरान खान के सामने शक्ति प्रदर्शन किया था। पीटीआई ने घोटकी जिले के एनए-204 से उसे टिकट दिया, लेकिन खराब छवि के कारण गठबंधन ने इसका विरोध किया तो उसे चुनाव लड़ने से रोक दिया गया। इमरान के सत्ता में आने के बाद से उसे प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख के आसपास देखा जाने लगा। घोटकी में पन्नू अकिल के पास जहां यह रहता है, उससे 30-40 किलोमीटर दूरी पर ही एक विशाल सैन्य छावनी है। इसी छावनी के फायरिंग रेंज में वह अक्सर सैन्य अभ्यास करता है। हिन्दू आशंका जताते हैं कि यह शख्य सेना की शह पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है। उसके पास वैध और अवैध हथियारों का भारी जखीरा है। उस पर 117 आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
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