गत 28 फरवरी को दिल्ली के रोहिणी में ‘लाला पन्नालाल सिंघल स्मृति व्याख्यानमाला’ का आयोजन किया गया। इसका विषय था ‘समसामयिक परिस्थितियां और राम कथा।’ सामाजिक संस्था ‘चेतना’ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे प्रख्यात कथाकार, विचारक एवं चिंतक डॉ. नरेंद्र कोहली।
उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों की सोची-समझी योजना के अनुसार ही राम को वन में भेजा गया था, ताकि असुर जाति का विनाश हो सके। उन्होंने भगवान राम को भारतीय संस्कृति का आदर्श बताते हुए रामकथाओं के रचयिता महर्षि वाल्मीकि और महाकवि तुलसीदास की दूरदृष्टि की भीप्रशंसा की। समारोह के मुख्य अतिथि और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने श्रीराम मंदिर निर्माण आंदोलन की पृष्ठभूमि बताई।
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार तनेजा ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन पर संघ की दूरदृष्टि की सराहना की। कार्यक्रम की प्रस्तावना केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष श्री अनिल जोशी ने रखी। कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष थे श्री अनिल सिंघल, जो स्व. लाला पन्नालाल सिंघल के सुपुत्र हैं।
कार्यक्रम में ‘लाला पन्नालाल सिंघल स्मृति व्याख्यानमाला’ की चौथी कड़ी के संभाषण पर आधारित पुस्तक और पाञ्चजन्य एवं आॅर्गनाइजर के राम मंदिर विशेषांकों का लोकार्पण भी हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अनेक संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता और आम जन उपस्थित थे।
टिप्पणियाँ