विद्या भारती के विद्यालयों पर जो लोग सांप्रदायिक शिक्षा देने का आरोप लगाते हैं, उन्हें एक बार उन विद्यालयों का दौरा जरूर करना चाहिए। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीराम अरावकर के अनुसार विद्या भारती के विद्यालयों में मुस्लिम व ईसाई वर्ग के लगभग 80,000 छात्र शिक्षा ले रहे हैं। ये छात्र शिक्षा के साथ-साथ खेल में भी अच्छा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि संस्थान की योजना से देशभर में हजारों विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। उनमें दी जाने वाली संस्कारक्षम शिक्षा की प्रशंसा समय-समय पर देश के प्रसिद्ध शिक्षाविदों, समाजसेवियों आदि ने भी की है। जाति, मत, पंथ, संप्रदाय के भाव से ऊपर उठकर देशभक्त और समाज के प्रति समर्पण का भाव रखने वाली संस्कारक्षम पीढ़ी का निर्माण करना हमारा लक्ष्य है।
उन्होंने कहा है कि न्यूनतम शुल्क में उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ-साथ बालक-बालिकाओं के सर्वांगीण विकास हेतु विद्या भारती कटिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि संस्थान की योजनान्तर्गत चलने वाले सभी विद्यालय पंजीकृत लोकन्यासों अथवा पंजीकृत समितियों द्वारा संचालित किए जाते हैं, जिनका प्रतिवर्ष नियमानुसार आर्थिक अंकेक्षण करवाया जाता है तथा नियमानुसार इनके निर्वाचन भी करवाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि सामाजिक समरसता, सर्वपंथ समभाव तथा सभी विचारों का आदर व सम्मान करने की भावना बच्चों में पैदा की जाती है।
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