पाकिस्तान खाली-पीली हेकड़ी दिखाने के लिए कुख्यात है। पर हर बार भारत के आगे घुटने टेकने पर उसे मजबूर होना ही पड़ता है। भारत से कोरोना वैक्सीन मिलने की खबर पाकिस्तान को जब से मिली है, तंगहाली में उम्मीद से भर गया है. भारत में निर्मित मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन की 45 मिलियन डोज उसे मुफ्त में मिलेगी
अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे…चर्चित फिल्म ‘शोले’ का यह चर्चित संवाद आपको जरूर याद होगा. हालांकि फिल्म के खलनायक गब्बर सिंह ने यह डायलाॅग जय और वीरू यानी अमिताभ बच्चन और धर्मेंंद्र के लिए बोला था. मगर कोरोना वैक्सीन के मामले में स्थिति फिल्म के उक्त सीन से अलग है. यहां गब्बर है भारत और शोले के जय-वीरू के रूप में सामने खड़ा है पाकिस्तान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पड़ोसी देश को वहां कोरोना की खराब स्थिति को देखते हुए वैक्सीन आफर किया तो खाली-पीली हेकड़ी दिखाने के चक्कर में उसने इसे लेने से इनकार कर दिया. तब कहा था,‘‘ केवल चीन से ही कोरोना वैक्सीन लूंगा, वह भी अनुदान में. खरीदूंगा नहीं.’’ अब उसकी स्थिति…खैरात लगने बंटने जैसी हो गई है.
चीन से उसे करीब 10 लाख वैक्सीन मिली हैं. मगर 20-22 करोड़ की जनसंख्या वाले पाकिस्तान के लिए नाकाफी है. इसके अलावा चीन की वैक्सीन को लेकर पाकिस्तान की आवाम उंगली उठा रही है. कहा जा रहा कि चीनी सामान की तरह उसकी वैक्सीन भी बेकार है. ऐसे में पाकिस्तानियों को जैसे ही भारत में बनी वैक्सीन मिलने की खबर मिली, सभी खुशी से झूम उठे. पाकिस्तान ने भारत में बनी वैक्सीन लेने की न केवल हामी भर दी है, इसकी जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने आवाम के बीच साझा भी कर दी है.
पाकिस्तान में एक बार फिर से कोरोना ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है. वहां के अखबार डाॅन के अनुसार, पिछले दो दिनों से करीब दो हजार नए मामले रोजाना आ रहे हैं. 13 जनवरी को करीब 3100 कोरोना के नए केस दर्ज किए गए थे. ऐसे में पाकिस्तान के पास कारगर वैक्सीन का न होना वाकई चिंताजनक है. इसके बावजूद उसकी हेकड़ी कम नहीं हो रही. वैक्सीन के मामले में जहां भारत की पूरे विश्व में तारीफ हो रही.अधिकांश देश भारत की ओर आस भरी नजरों से देखे जा रहे हैं. यहां तक कि ‘इंडो-पेसिफिक’ ने भी भारत की वैक्सीन को गुणवत्ता के लिहाज से अव्वल मान लिया है. ऐसे में पाकिस्तान का भारत के आगे घुटने टेकना तो बनता ही है.
उसे जब से भारत से कोरोना वैक्सीन मिलने की खबर मिली है, तंगहाली में उम्मीद से भर गया है. पाकिस्तान को भारत में निर्मित मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन की 45 मिलियन डोज मुफ्त में मिलेगी. भारत ने बड़ा दिल दिखाते हुए अन्य देशों की तरह पाकिस्तान को भी वैक्सीन देने का फैसला किया है. हालांकि यह वैक्सीन उसके पास सीधे न जाकर ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (गावी) के माध्यम से मार्च के बाद पहुंचेगी.
बता दें कि पाकिस्तान ने सितंबर, 2020 में गावी के साथ समझौता किया था। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड के 1.6 करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक मार्च के अंत तक पाकिस्तान को पहुंचा दी जाएगी. वहीं पूरी 45 मिलियन खुराक पाकिस्तान को जून तक मिल जाएगी. पाकिस्तान फिलहाल कोरोना वैक्सीन खरीदने में असमर्थ है. कहते हैं जैसे ही भारतीय वैक्सीन मिलने की खबर उस तक पहुंची उसने अपनी 4.5 करोड़ आबादी के लिए टीकाकरण के अभियान की शुरुआत के लिए तैयारी शुरू कर दी।
इस बारे में पाकिस्तान का दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून‘ कहता है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने बताया कि पाकिस्तान को भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की खुराक इस महीने मिलेगी। ख्वाजा के मुताबिक, अब तक पाकिस्तान के 27.5 मिलियन लोगों को कोरोना की वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है, जो नाकाफी है. यहां तक कि सभी फ्रंट लाइन वर्कर और वरिष्ठ नागरिक को भी कोरोना टीका नहीं लग सका है. स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अधिकारियों ने पीएसी को बताया कि पाकिस्तान का टीकाकरण कार्यक्रम मुख्य तौर पर गावी के जरिये मिलने वाली मुफ्त वैक्सीन पर निर्भर है. क्योंकि चीन निर्मित वैक्सीन कैनसिनो की कीमत पाकिस्तानी मुद्रा में प्रति व्यक्ति करीब दो हजार रुपये (13 डॉलर) पड़ेगी.
पाकिस्तान ने अभी तक चार टीकों—सिनोफ्राम (चीन), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन), स्पूतनिक-वी (रूस) और कैनसिनो बायो (चीन) का पंजीकरण किया है. भारत लगातार अलग-अलग देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है। इस मुहिम के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ भी हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के इस कदम की प्रशंसा की.
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