अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषः रेलवे ने दो शक्तिशाली इंजनों को महान वीरांगनाओं के नाम से अलंकृत किया

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WEB DESK

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2021 के विशेष मौके पर उत्तर रेलवे ने तुगलकाबाद लोको शेड के दो शक्तिशाली इंजन क्रमशः WDP4B और WDP4BD को भारतीय इतिहास की उन महान वीरांगनाओं को समर्पित किया है, जिन्होंने अपने हाथ में तलवारें लेकर भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी। उत्तर रेलवे ने तुगलकाबाद लोको शेड में महान वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई, रानी चेनम्मा, रानी अहिल्याबाई और रानी अवंतीबाई समेत कई वीरांगनाओं के नाम से इंजनों को अलंकृत किया है। रेलवे इस बेड़े में जल्द ही रानी वेलु नचियार, झलकारी बाई, ऊदा देवी जैसी अन्य वीरांगनाओं के नामों को जोड़ेगी। यानी अब ये रेलवे इंजन अमर वीरांगनाओं की स्मृतियों को न केवल संजोएगी, बल्कि लोगों को प्रेरित करेंगी।
गौरतलब है हर वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो महिलाओं को समान अधिकार और सम्मान दिए जाने का आह्वान करता है। पूरी दुनिया में महिलाओं के अधिकार और सम्मान के लिए मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरूआत वर्ष 1908 में न्यूयॉर्क शहर में हुई थी। इसकी नींव न्यू यॉर्क शहर की करीब 15000 महिलाओं द्वारा काम के घंटे, वेतन और वोट देने की मांग को लेकर शुरू हुए आंदोलन में पड़ी थी। स्पष्ट है कि यह एक श्रम आंदोलन था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने बाद में इसके सालाना आयोजन के तौर पर स्वीकृत दी, जिसके बाद से यह प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है।

हालांकि अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी, लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा जेटकिन नामक एक महिला के दिमाग में आया था और वर्ष 1910 में उन्होंने यह विचार कोपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन में सामने रखा। इस कांफ्रेंस में हिस्सा ले रही 17 देशों की 100 महिला प्रतिनिधियों ने क्लारा के सुझाव का स्वागत किया और वर्ष 1911 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड में मनाया गया।

उल्लेखनीय है वर्ष 2011 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का शताब्दी आयोजन मनाया गया था और इस वर्ष 2021 में पूरी दुनिया 110 वां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे मनाने की शुरुआत 1975 में हुई जब खुद संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाना शुरू किया। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1996 में पहली बार इसके आयोजन में एक थीम को भी अपनाया, वह थीम थी, ‘अतीत का जश्न मनाओ, भविष्य की योजना बनाओ।’

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समाज, राजनीति और अर्थशास्त्र में महिलाओं की स्थिति के जश्न के तौर पर मनाया जाता है। इसका लक्ष्य प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाली असमानताओं को कम करना और महिलाओं में उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यही कारण है कि इस दिन दुनियाभर में महिलाओं की उपलब्धियों का उल्लेख किया जाता है।

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