कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का एक बार फिर झूठा ट्वीट पकड़ा गया. उन्होंने यूपी में गन्ने का बकाया भुगतान न होने को लेकर ट्वीट किया था जबकि सच्चाई यह है कि किसान आलोक मिश्र को एक वर्ष पहले ही गन्ने का भुगतान किया जा चुका है.
किसान आलोक मिश्र का बयान आने के बाद प्रियंका गांधी ट्वीटर पर ट्रोल होना शुरू हो गई हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी अब पूरे मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है. उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने भी ट्वीट कर कांग्रेस के झूठे ट्वीट पर पर सवाल खड़ा किया है.
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीटर पर लिखा कि 14 दिन में किसानों के भुगतान एवं आय दुगनी का वादा जुमला निकला. लखीमपुर खीरी के किसान आलोक मिश्र का 6 लाख रुपए का गन्ना भुगतान बकाया है. उनको खेती, इलाज आदि के लिए 3 लाख रूपये का लोन लेना पड़ा.
चंद घंटों के बाद आलोक मिश्र मीडिया के सामने आ गए और प्रियंका गांधी के झूठे ट्वीट को बेनकाब कर दिया. आलोक मिश्र ने कहा कि “ गन्ना का पूरा भुगतान हो चुका है. सरकार की किसानों को लेकर अन्य जो योजनाएं हैं उसका लाभ भी हम सब किसानों को मिल रहा है.” इससे पहले भी प्रियंका गांधी वाड्रा ने फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड कर किसान आंदोलन को भड़काने की कोशिश की थी. जिसको प्रेस इन्फार्मेशन ब्यूरो ने फैक्ट चेक में झूठा पाया था.
राज्य सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा कि “ बिना जानकारी ट्वीट करना प्रियंका वाड्रा की आदत बन गई है. वर्तमान सरकार गन्ने का कुल 1,21,763 करोड़ का भुगतान कर चुकी है, जिसमें पिछली सरकार का वर्ष 2014 से वर्ष 2017 का बकाया 10,661 करोड़ भी शामिल है. जो सरकार, पिछली सरकारों के बकाए का भी भुगतान करे उस पर प्रश्न उठाना शोभा नहीं देता.
सरकार की उपलब्धियां
25 सालों में पहली बार 243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किये गए. जिनमें से 133 इकाइयां संचालित हो चुकी हैं. इन इकाइयों में 273 करोड़ का पूंजी निवेश होने के साथ करीब 16,500 लोगों को रोजगार मिलेगा और 243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना होने पर 50 हजार लोग रोजगार पायेंगे. पिछली सरकारों में 2007-2017 तक 21 चीनी मिलें बंद की गईं जबकि योगी सरकार नें बीस बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर शुरू कराया जिसके तहत पिपराइच-मुंडेरवा में नई चीनी मिलें लगाकर शुरू कराई गईं. उत्तर भारत मे मुंडेरवा में गन्ने के जूस से सीधे एथनॉल बनेगा. इसके अलावा यूपी में सल्फरलेस चीनी का भी उत्पादन होगा. बंद पड़ी रमाला चीनी मिल की क्षमता बढ़ाकर उसे चलवाया गया. संभल और सहारनपुर की बंद चीनी मिल भी अब चलने लगी है. 11 निजी मिलों की क्षमता भी बढ़वाई गई. करीब 8 साल से बंद वीनस, दया और वेव शुगर मिलें चलवाई गईं. सठियांव और नजीबाबाद सहकारी मिलों में एथनॉल प्लांट लगा.
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