दलितों के कितने हितैषी हैं दलित चिन्तक
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

दलितों के कितने हितैषी हैं दलित चिन्तक

by WEB DESK
Feb 24, 2021, 11:45 am IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

उन्नाव में दलित समुदाय की लड़कियों के साथ जो घटना हुई उसको जातिगत रंग देने के लिए विपक्ष ठीक उसी तरह तैयार बैठा हुआ है जैसे हाथरस में हुई घटना के बाद उसने किया था। मीडिया के कथित सेकुलर चेहरे भी ऐसा ही करने का प्रयास कर रहे हैं

उत्तर प्रदेश में दलित लड़की के साथ घटना होते ही विपक्षी दल जातिगत भावना भड़काने के लिए बेताब हैं. गत दिनों उन्नाव जनपद में धोखे से तीन लड़कियों को जहर पिलाया गया. इसमें दो लड़कियों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. एक लड़की की हालत में सुधार हो रहा है. उन्नाव की इस घटना को हाथरस की तरह रंग देने की कोशिश की गई. ‘ग्राउंड जीरो’ की हकीकत को बगैर सत्यापित किए कुछ नेताओं और पत्रकारों ने भ्रामक ट्वीट किया. यहां तक कि मीडिया समूहों ने भी यह खबर प्रकाशित किया कि “ उन्नाव में लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना हुई और मृत्यु के बाद लड़कियों का अन्तिम संस्कार उनके परिजनों की बगैर सहमति के किया गया.” राजनीति चमकाने वाले नेताओं को लगा कि इस घटना को भी हाथरस की तर्ज पर तूल दिया जाएगा. मगर पुलिस ने बहुत ही तत्परता से इस घटना का खुलासा कर दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ़ हो गया कि बलात्कार की घटना नहीं हुई थी. लड़कियों के शरीर पर कोई भी चोट के निशान नहीं थे. इलाज के दौरान हालत में सुधार होने पर तीसरी लड़की ने भी यह पुष्टि की है कि कोई शारीरिक प्रताड़ना नहीं दी गई थी.
इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज ने एक के बाद कई ट्वीट किए. उदित राज ने उन्नाव की घटना पर 18 फरवरी को आधा दर्जन से ज्यादा ट्वीट किए. आनन – फानन में एक प्रायोजित इंटरव्यू रिकार्ड करके ट्विटर पर अपलोड किए. इस इंटरव्यू में उन्होंने उन्नाव जनपद में हुई कुछ पुरानी घटनाओं का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर अनर्गल आरोप लगाए. इस इंटरव्यू को साढ़े तीन हजार से अधिक लोगों ने देखा और 131 लोगों ने रीट्वीट किया. 19 फरवरी को उदित राज ने लिखा कि “जंगल में बच्चियां मृत पाई गईं. अब पूरा प्रदेश जंगल में बदल जाएगा.” 19 फरवरी को ही नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश भवन के सामने उदित राज ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि “अगर लड़कियों ने जहर खाया तो अपने आप को बांधा कैसे था ? बच्चियों के परिजनों को पुलिस ने पकड़ रखा है. किसी से बात नहीं करने दे रही है.”
जबकि सचाई यह है कि हाथ बांधने जैसी घटना हुई ही नहीं थी. फिर उसके बाद उदित राज ने ट्वीट किया कि “अभी अभी सावित्री बाई फुले जी पूर्व सांसद से दूरभाष पर बात हुई. मुश्किल से पुलिस ने उनको उन्नाव में पीड़ित से मिलने दिया. पीड़ित के घर वालों ने बताया कि बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ है और मर्जी के खिलाफ लाशें जला दी गईं.” जब उदित राज यह कह रहे थे कि परिजनों से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है. लगभग उसी समय परिजनों से बीबीसी के संवाददाता की मुलाक़ात हुई. वहां पर मौजूद एक महिला का बयान बीबीसी के रिपोर्टर ने रिकॉर्ड किया जिसमें महिला ने यह कहा कि हो सकता है कि बच्चियों के साथ गलत काम हुआ हो. इस वीडियो को बीबीसी ने प्रसारित किया. उसके बाद दिलीप मंडल और उदित राज ने बीबीसी के तथ्यहीन समाचार को ट्वीटर पर मायावती, अखिलेश यादव, राहुल गांधी, भीम आर्मी चीफ, प्रियंका गांधी एवं अन्य लोगों को टैग किया. यह सब कुछ हो रहा था तो बरखा दत्त कैसे पीछे रह सकती थीं. उन्होंने भी हाथरस काण्ड को याद करते हुए भ्रामक ट्वीट किया. उनके ट्वीट का फैक्ट चेक करके उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सच्चाई को ट्वीटर पर अपलोड किया गया. यही नहीं नवभारत टाइम्स और एबीपी लाइव जैसे समाचार समूहों ने भी भ्रामक खबर चलाईं..
उदित राज की तरफ से अफवाह फैला कर माहौल बिगाड़ने का हर संभव प्रयास किया गया. उदित राज के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. उन्नाव जनपद की पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उदित राज के झूठ का खुलासा किया. पुलिस ने स्पष्ट किया कि उदित राज ने भ्रामक एवं गलत तथ्य ट्विटर पर लिखा था. लड़कियों के साथ बलात्कार नहीं हुआ था. उनके शव का अंतिम संस्कार परिवार वालों की सहमति पर किया गया था. उदित राज ने गलत तथ्य ट्वीट करके जन मानस में आक्रोश फैलाने का प्रयास किया. जानबूझ कर मन गढ़ंत एवं फर्जी खबरों को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने के कारण अभियोग पंजीकृत करने की कार्रवाई की गई.
उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी को उन्नाव जनपद में तीन लड़कियों को कीटनाशक पिला दिया गया था. पुलिस ने 19 फरवरी को इस घटना का खुलासा करते हुए अभियुक्त विनय एवं एक अन्य नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया. तीन लड़कियों को जहर दिया गया था जिसमें दो लड़कियों की मृत्यु हो गई थी तथा एक लड़की का इलाज चल रहा है. गत 17 फरवरी को लिखित तहरीर देकर पुलिस को अवगत कराया गया था कि तीन लड़कियां बरसीन काटने के लिये खेत मे गई थीं. खोजबीन करने पर खेत मे बेहोशी की हालत में सरसों के खेत मे मिलीं. दो लड़कियों के मुंह से झाग निकल रहा था. दोनों की मृत्यु हो चुकी थी तथा तीसरी की सांसें चल रही थी. तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह ने बताया कि घटना के अनावरण हेतु लखनऊ तथा सर्विलांस टीम उन्नाव को खुलासे के लिए लगाया गया था. अभियुक्त विनय कुमार उर्फ लम्बू ने बताया कि लॉकडाउन के समय से दोस्ती हो गई थी. ये लोग खेत में ही खेलते थे और साथ ही बैठकर खाते पीते थे. अभियुक्त को उससे एकतरफा प्यार हो गया था. उसने प्रेम का प्रस्ताव रखा किन्तु लड़की ने मना कर दिया था. लड़की ने फोन नंबर देने से भी मना कर दिया. जिसके कारण वह आक्रोशित था और लड़की को मारने का मन बना लिया. विनय ने अपने साथी जो कि नाबालिग है उसको भी इस घटना में शामिल कर लिया. घऱ में इस्तेमाल होने वाला कीटनाशक को पानी मे मिला दिया तथा अपने दोस्त से नमकीन मगांकर अपने खेत पर आया. जहां पहले से तीनो लड़कियां बरसीन काट रही थीं. उन्हें बुलाकर नमकीन खिलाया. जब उन्होंने पानी मांगा तो पानी की बोतल दे दिया. लड़की ने पानी पी लिया और देखते ही देखते अन्य दो लड़कियों ने भी जहरीला पानी पी लिया. विनय ने उन दोनों को पानी पीने से मना नहीं किया. पानी पीने के बाद लड़कियों की हालत बिगड़ने लगी तब मौके से – विनय और एक अन्य नाबालिग अभियुक्त – दोनों फरार हो गए.
लखीमपुर खीरी की घटना में हुई थी ऐसी ही कोशिश
अपराधी की कोई जाति नहीं होती. वह सिर्फ दंड का पात्र होता है. मगर मीडिया का एक वर्ग और कुछ राजनीतिक दल, बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध में भी दलित ‘एंगल’ खोज लेते हैं. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में 14 अगस्त 2020 को 13 वर्षीय लड़की का दो ग्रामीण युवकों द्वारा बलात्कार किया गया और निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गई. स्पष्ट रूप से यह एक जघन्यतम अपराध है. मगर कुछ नेताओं और पत्रकारों ने इस अपराध को ‘जाति उत्पीड़न’ की तरह प्रस्तुत किया. घटना की इस तरह से खबरें प्रकाशित की गईं जिसे पढ़कर लोगों को लगे कि दलित लड़की पर जानबूझकर अत्याचार किया गया. जबकि इस घटना का अनवारण हो जाने के बाद दो अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए. उसमें से एक अभियुक्त दलित जाति का है.
इस घटना का गलत प्रस्तुतिकरण करके समाज में ऐसा भ्रम फैलाने की कोशिश की गई जिससे लोगों का ध्यान अपराध की प्रकृति की तरफ ना जाकर इस ओर जाए कि मृतका दलित जाति की थी. बता दें कि लड़की 14 अगस्त 2020 की दोपहर में लापता हुई थी. उसका शव उसी दिन खेत में मिला था. जिसके खेत में उसका शव बरामद हुआ था. वह भी घटना में शामिल था. पुलिस के अनुसार, पोस्टमार्टम से ज्ञात हुआ कि उसके साथ बलात्कार किया गया था और बाद में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई थी.
शुरुआत में इस मामले को मीडिया के एक वर्ग द्वारा सनसनीखेज बनाया गया. इसकी वजह यह थी लड़की के आंख के पास कुछ खरोंच के निशान दिख रहे थे. उस समय लड़की के पिता ने कहा था कि ” अपराधियों ने लड़की की आंख बाहर ली और जीभ को काट दिया.” शव परीक्षण के बाद यह पाया गया कि आंख निकालने और जीभ काटने की घटना नहीं हुई थी. पुलिस के अनुसार मृतका और अभियुक्त दोनों एक ही गांव के हैं. अभियुक्त संतोष यादव और संजय गौतम ने इस घटना को अंजाम दिया. दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना ईसानगर में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई. शव का पोस्टमार्टम होने के बाद बलात्कार की धारा और पाक्सो की धारा बढ़ाई गई. अभियुक्त संजय यादव के खिलाफ एससी / एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई. अभियुक्तों के खिलाफ रासुका लगाने की भी कार्रवाई की गई.
पूरी घटना में यह साफ़ है कि यह दलित उत्पीड़न का मामला नहीं है. उस लड़की को दलित होने की वजह से निशाना नहीं बनाया गया था. जिन लोगों ने मामले को एक जातिगत रंग दिया उनमें भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर और पत्रकार सबा नकवी शामिल हैं. दोनों ने मामले को सोशल मीडिया पर “दलितों के खिलाफ” अपराध के रूप में वर्णित किया. हाल ही में अपनी खुद की दलित राजनीतिक पार्टी बनाने वाले चंद्रशेखर आज़ाद के ट्विटर पर लगभग 2 लाख फॉलोअर हैं जबकि नकवी के पास लगभग 4.5 लाख हैं. सैकड़ों अन्य ट्विटर हैंडल ने अपने ट्वीट से दलित उत्पीड़न ‘एंगल’ को उठाया और भ्रम फैलाने का प्रयास किया. कुछ समाचार पत्रों ने भी खबर की हेडिंग में लड़की की दलित पहचान का उल्लेख किया.
हाथरस में हंगामा मगर बलरामपुर से किनारा !
वर्ष 2020 के सितम्बर माह में हाथरस जनपद में दलित लड़की की हत्या की गई. घटना के बाद अभियुक्त गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए. इसी के ठीक बाद बलरामपुर जनपद में दलित लड़की की बलात्कार के बाद हत्या हुई. हाथरस की घटना में अभियुक्त हिन्दू थे इसलिए जातीय संघर्ष कराने के लिए इतना बड़ा हंगामा हुआ. बलरामपुर की घटना में अभियुक्त मुसलमान थे इसलिए वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टी का कोई नेता बलरामपुर में दलित परिवार के घर झांकने नहीं गया.
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाक़ात करने के लिए कानून एवं व्यवस्था को खराब करने का हर संभव प्रयास किया. सपा और भीम आर्मी ने हाथरस की घटना को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया. मगर बलरामपुर की घटना से किनारा कर लिया. वह भी दलित परिवार है मगर वहां अपराध मुसलमानों ने किया है इसलिए वोट बैंक के प्रभावित होने का खतरा है. बता दें कि बलरामपुर जनपद के गैंसड़ी बाजार इलाके की रहने वाली दलित लड़की अपने डिग्री कॉलेज गई थी. गत 29 सितम्बर को जब शाम होने लगी तब परिजनों को चिंता हुई. कालेज बंद हो चुका था मगर लड़की घर नहीं लौटी थी. घरवालों ने लड़की के मोबाइल पर फोन किया मगर फोन नहीं उठा। कई बार फोन लगाने पर भी जब कोई जवाब नहीं आया तब लड़की के परिजनों ने परेशान होकर आस- पास ढूंढना शुरू किया. लगभग अन्धेरा हो चुका था जब रिक्शे पर लड़की घर लौटी. लड़की की हालत खराब हो चुकी थी. परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए जहां पर चिकित्सक ने बताया कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया है. पीड़िता का मेडिकल कराने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया मगर इलाज के दौरान 30 सितम्बर को उसकी मृत्यु हो गई. बलात्कार की एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने कुछ ही देर में दो अभियुक्तों – शाहिद और साहिल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की विवेचना में खुलासा हुआ कि शाहिद और साहिल ने 22 वर्षीय दलित लड़की के साथ दुष्कर्म किया था. साहिल उस लड़की को धोखे से एक घर में लिवा गया था जहां पर साहिल और उसके साथी शाहिद ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया.
विपक्ष ने ठुकराया – योगी ने अपनाया
सपा, बसपा और कांग्रेस ने मुसलमान वोट बैंक के भय वश बलरामपुर जनपद से किनारा कर लिया मगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति की शुरुआत बलरामपुर जनपद से ही की. महिलाओं, बेटियों और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के प्रयास को अभियान का रूप देते हुए गत 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद बलरामपुर से इस प्रदेशव्यापी ‘मिशन शक्ति’ की शुरुआत की. प्रदेशव्यापी इस अभियान के अंतर्गत महिला हित मे

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Lord Buddha jayanti

बुद्ध जयंती विशेष: धर्मचक्रप्रवर्तन में भगवान बुद्ध ने कहा – एस धम्मो सनंतनो

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Lord Buddha jayanti

बुद्ध जयंती विशेष: धर्मचक्रप्रवर्तन में भगवान बुद्ध ने कहा – एस धम्मो सनंतनो

ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम में कड़ा एक्शन : अब तक 53 पाकिस्तान समर्थक गिरफ्तार, देशद्रोहियों की पहचान जारी…

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies